(24/04/2015) 
अलग राज्य बनेगा गोरखलेंड - रामदेव
दार्जिलन में तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव ने गोरखा जाति की प्रमुख मांग पर सहमति जताई है उन्होंने कहा कि गोरखा जाति के लिए अलग राज्य गोरखलैंड बनेगा। तेलंगाने बनने के बाद भी यहां के निवासी गोरखलैंड बनाने के पक्ष में थे जिसके बाद उन्होंने 3 दिन तक का बंद भी किया था।

गोरखा जाति का प्रमुख मांग अलग राज्य गोरखलैंड का उठया आवाज- राम देव बाबा  

गोरख जनमुक्ती मोर्चा एंव जीटीए द्वारा आयोजित तीन दिवसीय योग शिविरहाम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट द्वारा आयोजित सम्मान समारोह समेत विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के लिए बाबा रामदेव गुरुवार की सायं लगभग 6.30 बजे दार्जिलिंग पहुंचे। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। दार्जिलिंग में प्रवेश करते ही सड़क के दोनों तरफ स्कूली विद्यार्थीशिक्षक-शिक्षिकाएं व जीटीए के सभासदों ने उनका स्वागत किया। सड़क किनारे अवस्थित घरों की छतों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई। लोगों का उत्साह देख बाबा रामदेव भी कार की छत पर चढ़ गए व लोगों का अभिवादन किया। पतंजलि योग पीठ के संचालक बाबा बालकृष्ण के साथ वे सीधे गोरखा रंगमंच भवन पहुंचे। जहां जीटीए प्रमुख विमल गुरुंगजीटीए के मुख्य सचिव रवींद्र सिंह समेत अन्य ने उनका स्वागत किया। स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने मौजूद लोगों से समृद्ध भारत बनाने का आह्वान किया व कहा कि लोगों को पूर्ण रुप से स्वस्थ बनाना ही मेरा लक्ष्य है। रामदेव ने लोगों से योग की ताकत का प्रयोग करने की अपील की। कर्सियांग प्रतिनिधि के अनुसार जीटीए के उप प्रमुख कर्नल रमेश आलेसभासद अरूण सिंग्ची की अगुवाई में लोगों ने योग गुरू का बागडोगरा एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया। वहां से दार्जिलिंग के लिए रवाना हुए बाबा रामदेव के काफिले का लोगों ने विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत किया। कर्सियांग मोटर स्टैंड पर गोजमुमो नेताओंमोर्चा समर्थकों समेत स्थानीय नागरिकों ने उनका स्वागत करने के साथ ही आशीर्वाद ग्रहण किया। स्वागत करने वालों में मोर्चा महकमा कमेटी के अध्यक्ष तिलक गुरुंगटाउन कमेटी के अध्यक्ष व सभासद योगेंद्र राईस्टडी फोरम के विनोद प्रकाश शर्मा समेत बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। कुछ समय के लिए योग गुरू अपने वाहन से नीचे उतरे व लोगों से बात भी की। इसके बाद उनका काफिला दार्जिलिंग रवाना हो गया। गौरतलब है कि शुक्रवार से गोरखा रंगमंच भवन में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं औघधि वितरण शिविर का आयोजन होगा। इसके अलावा बाबा के जीटीए सभासदोंअधिकारियों के साथ अंतरक्रियात्मक बैठक करने का भी कार्यक्रम है।राम देव ने सिदा साधा गोरखा जाति भावना के साथ एक प्रयोग मे लिया तो नहि , जब कि राम देव बाबा का दवा का बेपार है , जब कि इस पहाड के भ्रमण मे जोगी घाट स्थिति एक दवा अनुसंदान केन्द्र स्थापित कर्ने का घषना किया है जब कि राम देव बाबा नें गोरखा जातिका भावना के साथ एक खेल कर के बेपार मे बड़त्री का पासा भि  फेका है ।परन्तु यह देखा जहा रहा है कि पहाड़ में इन दिनो गोजमुमो के मांग गोरखालैंडकी आवाज को जब जब पहाड़ में एक बड़ा नेता आदि ता है तो राष्ट्रिय स्तर के मिडिया ने सह भागी निभाया जाता है बल कि पहाड़ में कथ ने है कि पहाड़ीली पत्रकार का भवना में अभि तक उच स्थरिय रुप मे भावना नहि जागा है, एंव पहाड़ में पत्रकारको सहि रुप में प्रयोग में नहि लाया जाता है ।स्थानिय वृध्दि जिविका कहना है कि पहाड़मे पत्रकारको सहि रुप में सम्मान नहि दिया जाता है जिस के बदले आज पहाड़का गोरखालैंड का मांगको सहि रुप में सहि दिसा नहि दिया है जिसे परी भारत वर्ष में रहने वाले भारतीय गोरखा जातिको लोगोको नुकसान होने क् यह संकेत है बल कि  यह बि,य में बिमल गुरुह एंव जिटिए का संचुना बिबाग के प्रभारी बिणय तामङको जिमवारी होने कि बात कहा गहा है ।

बाबा ने तीन दिवसीय योग शिविर के समापन अवसर पर कहा कि गोरखाओं के साथ ज़िंदगी भर रहुंगा। जब तक सांस रहेगी गोरखाओं के हर संघर्ष में साथ खड़ा रहुंगा। वहीं बाबा रामदेव ने कहा कि काला धन, व्यवस्था परिवर्तन, स्वदेशी, शिक्षा आदि कई विषयों पर संघर्ष किया। अब गोरखाओं के हित को संघर्ष करने की बारी है।गोरखाओं को वीर व पराक्रमी बताते हुए योग गुरू ने कहा कि जब भी देश को आवश्यकता पड़ी, अपने शौर्का प्रदर्शन करने वाले गोरखाओं के साथ अन्याय दु:खद है। उन्होंने अलग राज्य गोरखालैंड राज्य गठन के संघर्ष में भी पूर्ण सहयोग देने का एलान करते हुए कहा कि गुजराती भाषा बोलने वालों के लिए गुजरात, तमिल के लिए तमिलनाडु, कन्नड़ आदि भाषाएं बोलने वाले लोगों के लिए राज्य हैं। परंतु नेपाली भाषा बोलने वाले गोरखाओं के लिए गोरखालैंड राज्य न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग को ऐतिहासिक पुरुष बताते हुए बाबा रामदेव ने उनसे भी गोरखालैंड गठन की मांग का खुलकर समर्थन करने एवं इसके लिए पहल करने की अपील की। उन्होंने दार्जिलिंग के निवासियों की शैक्षणिक प्रगति की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि दार्जिलिंग व सिक्किम के विकास को उनसे जो भी बन पड़ेगा, वे करेंगे।

राजेश शर्मा

Copyright @ 2019.