(09/05/2015) 
प्रधानमंत्री की युवाओ से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील
युवाओं के कंधे हल के लिए, बंदूकों के लिए नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोडने और विकास की मुख्यधारा से जुडने की अपील की। दंतेवाडा में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी भटके हुए युवाओं से हथियार छोडने और नक्सली उग्रवाद के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के साथ कुछ दिन बिताने का आग्रह किया।

उन्होनें कहा कि ये बच्चे इन भटके हुए युवाओं को हमेशा के लिए हथियार छोडने के लिए निश्चित रूप से प्रेरित करेगें। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के कंधे पर हल होना चाहिए, हथियार नहीं।
प्रधानमंत्री ने इससे पहले दंतेवाडा के बच्चों के साथ अपनी बातचीत का जिक्र भी किया और कहा कि इन बच्चों के पास सपने हैं और उन्हें पूरा करने का विश्वास है। उन्होनें कहा कि इन बच्चों और छत्तीसगढ़ को इन सपनों को पूरा करने के लिए शांतिपूर्ण वातावरण चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पंजाब सफलतापूर्वक हिंसा के वातावरण से बाहर निकल पाया और मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ भी नक्सली उग्रवाद से बाहर निकल सकेगा। उन्होनें कहा कि छत्तीसगढ़ में भारत का सबसे विकसित राज्य बनने की क्षमता है। आज रेल और इस्पात क्षेत्र में 24 हजार करोड़ रूपए के निवेश संबधी सहमति पत्रों में हस्ताक्षर होने से लोगों के जीवन में बड़े बदलाव आएगें। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार देश के सभी क्षेत्रों की सबसे बड़ी आवश्यकता है और हमारी सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम कर रही है। भारत ने भ्रष्टाचार और धीमे विकास के इतिहास को पीछे छोड दिया है। पूरे विश्व ने इस बात को स्वीकार किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढने वाली अर्थव्यवस्था है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा को संबोधित करने के पहले लाइव्लीहुड कालेज का दौरा किया और छत्तीसगढ सरकार की कौशल विकास प्रयासो के लिए सराहना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह,केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और विष्णुदेव साई भी उपस्थित थे।
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