(14/05/2015) 
जानिए क्या कहता है आप का आज का राशिफल
वीरवार 14-०5-2०15 आपकी किस्मत के सितारे आज का पंचांग 14 मई, तिथि ११, वार गुरू, नक्षत्र उ.भा., योग विष्क, चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश

मेष: इस सप्ताह की शुरुआत कुल मिलाकर काफी अच्छी रहने वाली है। आर्थिक लाभ का योग बन रहा है। छोटे मोटे खर्च की संभावना है, लेकिन खर्च के सामने आवक का स्तर काफी अच्छा रहेगा।

शुभ रंग: लाल शुभ अंक: 6

 

वृष: धन का लेन देन करते समय थोड़ा सा सावधान रहें। इस समय कोर्ट कचहरी संबंधित मामलों को टालने का प्रयास करें। महत्वपूर्ण दस्तावेजों और करारों पर हस्ताक्षर करते समय विशेष तौर पर सतर्क रहें और किसी पर अंधविश्वास करने की जरूरत नहीं।

शुभ रंग: पीला शुभ अंक: 3

 

मिथुन: इस समय में आप लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी लगनशीलता व निरंतर मेहनत के भाव से प्रयास करेंगे। छोटी यात्राओं से भी लाभ प्राप्ति के योग बने हुए हैं। किसी प्रिय बन्धु से मुलाकात हो सकती है। आकस्मिक धन लाभ हो सकता है।

शुभ रंग: संतरी शुभ अंक: 7

 

कर्क: इस समय पारिवारिक माहौल काफी अच्छा रहने की संभावना है और आप मानसिक तौर पर शांति महसूस करेंगे। घर में अच्छा माहौल आपके पेशेवर जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा और आप अपने कार्यों को बड़ी लगन के साथ करेंगे।

शुभ रंग: काला शुभ अंक: 9

 

सिंह: व्यवसाय में आपको छोटे छोटे झटके लग सकते हैं, लेकिन उसके सामने जो आपको बड़े लाभ होंगे वो आपके नुकसान की भरपाई करने में सक्षम होंगे। विदेश से धन प्राप्ति का योग प्रबल है। इस समय आप वाहन या नई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।

शुभ रंग: हरा शुभ अंक: 3

 

कन्या: आय वृद्धि के साथ नौकरी में परिवर्तन के लिए समय अनुकूल बना हुआ है।  दैनिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ सकती है। धन विनियोजन के लिए समय शुभ है। अधिकारियों के द्वारा आपके कार्यों की सराहना होने की संभावनाएं बन रही हंै।

शुभ रंग: केसरिया शुभ अंक: 9

 

तुला: कानूनी मामलों में धन खर्च करना पड़ सकता है। छात्रों और सरकारी या आंतरिक प्रवेश परीक्षा की तैयारियों में जुटे जातकों को उम्मीद से अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।

शुभ रंग: सफेद शुभ अंक: 1

 

वृश्चिक: विवाह उत्सुक जातकों के लिए अनुकूल समय है। व्यापार में दूर दराज जाना पड़ सकता है। नई योजनाओं के लिए समय बेहतर है। व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें। विरोधी हानि पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।

शुभ रंग: अंगूरी शुभ अंक: 2

 

धनु: आपको स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ सकता है। वाहन या लोहे के कारण चोट लग सकती है। अचानक खर्च बढ़ सकते हैं। घर-परिवार में खुशी का माहौल बना रहेगा। सोची गई योजना भी सफलता प्राप्त होगी।

शुभ रंग: नीला शुभ अंक: 1

 

मकर: लाभ की बजाए खर्च की संभावना अधिक है। यात्रा का योग है। परिवारिक व व्यवसायिक उलझनें भी हों सकती है। विद्यार्थियों वर्ग को पढ़ाई की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

शुभ रंग: पीला शुभ अंक: 8

 

कुंभ: स्वभाव में क्रोध। पेट और आंख संबंधी शिकायत होने और चोट लगने की संभावनाएं हैं। लेन-देन में सावधानी बरतें। मानसिक तनाव व खर्च अधिक होगा। धन लाभ लेकिन खर्च अधिक हो सकते हैं।

शुभ रंग: काला शुभ अंक: 8

 

मीन: धर्म-कर्म की ओर रूचि होगी एवं किसी शुभ कार्य पर खर्च हो सकता है। व्यथ की दौड़ धूप होगी। कार्य व्यस्ता अधिक रहेगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

शुभ रंग: नीला शुभ अंक: 2

 

बृहस्पति का प्रिय केसर

 हमारी प्रकृति ने हमें कई ऐसे मसाले और जड़ी-बूटियां दी हैं जो हमारे लिए कम फायदेमंद नहीं है। केसर का मसालों में विशिष्ट स्थान है। केसर सबसे कीमती मसाला है जिसे अंग्रेजी में सैफ्रोन कहते हैं। साधारणत: इसे उर्दू और अरबी में जाफरान कहते हैं। केसर भारतीय रसोई घर का प्रमुख मसाला है। इसे मसालों का राजा कहें तो ज्यादा बेहतर होगा। इसमें करिश्माई गुण समाए हैं। इसका वैज्ञानिक नाम क्रोकस सैटिबस है। केसर के फूल में चमकता हुआ स्टिग्मा पाया जाता है। स्टिग्मा को जब अच्छी तरह सुखाया जाता है तब जाकर केसर प्राप्त होता है। ये फूल जाड़े में हाथ से तोड़े जाते हैं।

ज्योतिष के अनुसार केसर का उपयोग करने से सात्विक गुणों और सदाचार की भावना बढ़ती है। केसर पाउडर और थ्रेड के रूपों में उपयोग में लाया जाता है। केसर का सुगंध पाने के लिए इसे पानी में भिगोना पड़ता है। केसर का सबसे ज्यादा आयात ईरान और स्पेन से होता है क्योंकि यहां के केसर की क्वालिटी काफी अच्छी होती है। भारत में कश्मीर में इसकी खेती होती है। जिस प्रकार बृहस्पति ग्रह का रत्न पुखराज है उसी प्रकार केसर का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति है। बृहस्पति जो ग्रहों में सबसे महान् हैं अपनी स्थिति से आकाश में उच्च स्तर पर हंै। बृहस्पति का मार्गी होना, वक्री होना, उच्च राशि अथवा नीच राशिगत होना यह सब जीवन पर प्रभाव डालते हैं।

अगर बृहस्पति मार्गी हो तो बुद्धि सुचारू रूप से सही दिशा मिलती है। किंतु वक्री होने पर मन-मस्तिष्क में भ्रम और विवाद पैदा करते हैं। बृहस्पति ग्रह ज्ञान, विद्या का ग्रह है। अध्ययन में रुचि बढ़ाने के लिए बृहस्पति का बलवान होना जरूरी है। बृहस्पति या गुरु शरीर में चर्बी, लीवर, दिमाग से संबंधित रोगों का कारक होता है। धर्म के अधिष्ठाता बृहस्पति को मांगलिक कार्यों का कारक ग्रह माना गया है। घर से किसी मांगलिक कार्य के लिए निकलें तो इसका तिलक कर सकते हैं। विवाह में रुकावट के लिए बृहस्पति का कमजोर होना माना गया है।

  

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