(17/05/2015) 
जब 7 साल के बच्चे ने मुख्यमंत्री नीतीश को कर दिया ' निशब्द'
पटना । मैं बड़ा होकर संयोग से इस देश का प्रधानमंत्री बन गया तो सबसे पहले पूरे देश के प्राइवेट स्कूलों को बंद करवा दूंगा, ताकि सभी बच्चे सरकारी स्कूलों में एक साथ पढ़े सकें। जी हां, एक बच्चे ने जब देश की शिक्षा प्रणाली पर अपनी बात रखी तो खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी निशब्द हो गए।

पटना में हुए एक सम्मेलन में शामिल होने आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस बच्चे की बात सुनकर चकित रह गए। दरअसल सम्मेलन में नालंदा के रहने वाले सात साल के कुमार राज को बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भाषण देने के लिए बुलाया गया था।

कुमार ने अपने भाषण में सरकारी और निजी स्कूलों की व्यवस्था में फर्क बताते हुए कहा कि दो तरह की शिक्षा की व्यवस्था है, अमीरों के लिए अलग, जिनके बच्चे नामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते हैं और गरीबों के लिए अलग जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। इससे साफ मालूम चलता है कि प्राइवेट स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में शिक्षा का घोर अभाव है। आखिर क्या कारण है कि कोई भी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील यहां तक कि उस स्कूल के शिक्षक भी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते। यही वजह है कि हम बच्चे हीन भावना का शिकार हो जाते हैं।

भाषण के अंत में कुमार ने अपनी कही बातों पर निर्णय करने का अधिकार जनता को देते हुए कहा कि अब मैं क्या बोलूं। मैंने क्या सही बोला, क्या गलत मुझे नहीं मालूम। इसका निर्णय तो आप लोग कर सकते हैं। एक बात जरूर है कि मेरे दिल में जितनी भी बात थी मैंने कह दी।

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