(20/05/2015)
जानिए शनि को शांत करने के उपाय और कैसा रहेगा आप का आज का दिन
बुधवार 2०-०5-2०15
आपकी किस्मत के सितारे
आज का पंचांग
2० मई, तिथि २, वार बुध, नक्षत्र मृग, योग सुक, धृति, चंद्रमा मिथुन राशि में प्रवेश मेष: उत्पादन और बिक्री में वृद्धि होगी। आप बाजार में अपने उत्पाद की अच्छी छवि बनाएंगे। व्यावसायिक मोर्चे पर सरकारी जांच और कानूनी प्रश्न खड़े होने की संभावना है। शुभ रंग: गुलाबी शुभ अंक: 5 वृष: किसी करीबी की तरफ से आपको कोई दुखद समाचार मिल सकता है। आप की प्रगति से जलने वाले आप के गुप्त शत्रु आपके कार्यों में अवरोध पैदा कर सकते हैं, हालांकि उनके प्रयास सफल नहीं होंगे। शुभ रंग: सलेटी शुभ अंक: 6 मिथुन: प्रेम संबंधों में नए पड़ाव आ सकते हैं। आप के प्रेम संबंध वैवाहिक जीवन में बदल सकते हैं। जो जातक शिक्षा के लिए विदेश जाना चाहते हैं, उनको प्रवेश परीक्षाओं और अन्य प्रक्रियाओं में सफलता मिलेगी। शुभ रंग: नीला शुभ अंक: 7 कर्क: आपको परिश्रम की तुलना में नसीब का साथ अधिक मिलेगा। लंबित पड़े कार्य तेज गति से आगे बढ़ेंगे। धन प्राप्ति का अच्छा योग बन रहा है। शुभ रंग: गहरा भूरा शुभ अंक: 6 सिंह: पुराने बिछड़े दोस्तों से अचानक मुलाकात हो सकती है। आप पुरानी यादों में खो सकते हैं। अच्छी आर्थिक स्थिति होने की सूरत में आप शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। शुभ रंग: संतरी शुभ अंक: 9 कन्या: खाद्य सामग्री, गारमेंट्स, टूर एंड ट्रैवेल्स, होटल, बीमा एजेंसी, दलाली, ट्रेडिंग, कंसल्टेंसी, एकाउंटेंसी और वकालत संबंधित कार्यों में अधिक लाभ होने की संभावना है। शुभ रंग: पीला शुभ अंक: 1 तुला: सहयोगियों एवं मित्रों से भी आपको करियर में काफी सहयोग मिलेगा। माता पिता की तबीयत अच्छी रहेगी। सरकारी, स्पर्धात्मक, बैंकिंग एवं आंतरिक परीक्षाओं में सफलता का योग बन रहा है। शुभ रंग: अंगूरी शुभ अंक: 7 वृश्चिक: इस समय मानहानि का प्रसंग बन सकता है। नौकरीपेशा जातकों को नौकरी परिवर्तन के लिए सुनहरा अवसर मिल सकता है। शुभ रंग: काला शुभ अंक: 5 धनु: पुराना उधार वापस मिलने से आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होगा एवं चिंता भी कम होगी। जीवनसाथी की तबीयत परेशान कर सकती है। शुभ रंग: केसरी शुभ अंक: 1 मकर: है। मौज मस्ती, मनोरंजन और शौक पूर्ति के लिए आप धन खर्च करेंगे। जीवनसाथी और संतान की खुशी के लिए कीमती वस्तुएं खरीद सकते हैं। शुभ रंग: खजूरी शुभ अंक: 7 कुंभ: व्यावसायिक क्षेत्र में आपकी नई पहचान स्थापित होगी और नए मित्र बनेंगे। व्यावसायिक विस्तार एवं नए औद्योगिक साहस करने का मन होगा। शुभ रंग: आसमानी नीला शुभ अंक: 9 मीन: व्यावसायिक कार्यों में गुप्त शत्रु अवरोध पैदा कर सकते हैं,जिससे महत्वपूर्ण कार्य अटकने की संभावनाएं हैं। पुरानी पैतृक संपत्ति और जायदाद से जुड़े मामलों में समाधान आ सकता है। शुभ रंग: गहरा हरा शुभ अंक: 1 शनि जयंती का महत्व और फल शनि देव जी का जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था। शनि जयंती महापर्व है। इस दिन शनि देव से संबंधित उपाय करने से कुंडली में स्थित अशुभ शनि बुरा असर नही डालेगा। शनि जयंती पर शनि देव से संबंधित छोटे से छोटा उपाय भी बड़ा फल देने वाला होता है । 1. शनि जयंती के एक दिन पहले सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो कर रख दें। इसके बाद शनि जयंती के दिन नहाकर साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसौं के तेल में छौंककर इनका भोग शनिदेव को लगाएं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें। दूसरा सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना अपने ऊपर से ऊतारकर किसी सुनसान स्थान पर रख आएं। शनिदेव के प्रकोप में अवश्य कमी होगी। 2. शनिजी की प्रतिमा को देखते समय उनकी आंखों को नहीं देखें। 3. तेल में बनी खाद्य सामग्री का दान गाय, कुत्ता व भिखारी को करें। 4. यात्रा को टालें। 5. हनुमानजी के मंदिर के दर्शन अवश्य करें, बजरंग बाण का पाठ करे। 6. शनिदेव पर काले तिल का तेल चढ़ाकर कुमकुम, अक्षत,काले तिल के अलावा विशेष रूप से काली तुलसी चढ़ाने को शनि दशा अनुकूल बनाने के लिए बहुत शुभ और असरदार माना गया है। काली तुलसी चढ़ाते वक्त ऊँ शं शनैश्चचराय नम: मंत्र भी बोला जा सकता है। 7. इस दिन संभव हो तो शनि ग्रह के बुरा असर शांत करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराएं और काली या लोहे से बनी वस्तुओं का दान करें। 8. रात्रि को एक बार बिना नमक का भोजन करें। 9. स्नान के बाद किसी देवालय या पवित्र स्थान पर पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि के इन 1० नामों अधिक से अधिक बार ध्यान करें। ये दस नाम हैं- - कोणस्थ, पिंगल, बभु्र, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर,मन्द, पिप्पलाश्रय 1०. शनिदेव से अपने बुरे कामों और अपराधों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। 11. शनि जयंती के दिन लोहे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी शक्ल देखें तथा उसे आंक (आंकड़े) के पेड़ की जड़ में डाल दें। इसके बाद ऐसा लगातार पांच शनिवार तक करें और हर बार लोहे की कटोरी को उसी पेड़ के नीचे दबा दें। ऐसा करने से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। 12. दान जप आदि करने से साढ़ेसाती के फल पीडादायक नहीं होते हैं। गुरूद्वारा मंदिर देवालय तथा सार्वजनिक स्थलों की स्वयं साफ सफाई करने रोगी और अपंग व्यक्तियों को दान देने से भी शनि की शांति होती है। 13. सवा किलो सरसों का तेल किसी मिट्टी के कुल्ड़ह में भरकर काला कपड़ा बांधकर किसी को दान दे दें या नदी के किनारे भूमि में दबाये। (43 दिनो तक करें) 14. उड़द के आटे के 1०8 गोली बनाकर मछलियों को खिलाने से लाभ होगा। (4० दिन तक करें) 15. अपना कर्म ठीक रखे, मन्दिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाएं। माता-पिता और गुरु जनों का सम्मान करें, अपने धर्मं का पालन करे, भाई बन्धुओं से अच्छे सम्बन्ध बनाकर रखें। पितरों का श्राद्ध करें या प्रत्येक अमावस को पितरों के निमित्त मंदिर में दान करे, गाय और कुत्ता पालें, यदि किसी कारणवश कुत्ता मर जाए तो दोबारा कुत्ता पालें। अगर घर में ना पाल सके तो बाहर ही उसकी सेवा करे, यदि सन्तान बाधा हो तो कुत्तों को रोटी खिलाने से घर में बड़ों के आशीर्वाद लेने से और उनकी सेवा करने से सन्तान सुख की प्राप्ति होगी। गौ ग्रास. रोज भोजन करते समय परोसी गयी थाली में से एक हिस्सा गाय को, एक हिस्सा कुत्ते को एवं एक हिस्सा कौए को खिलाएं आप के घर में हमेसा बरक्कत रहेगी। गौ सेवा के लिए आप भी अपना बहुमूल्य योगदान करें और गौ सेवा के लिए आगे आएं। ज्योतिष अनुसंधान केंद्र काल योग सेवा ट्रस्ट शिमला, सेक्टर 34 सी, केनरा बैंक के सामने न्यू शिमला, एस्ट्रो अधिकारी संपर्क सूत्र-82638-82638 और92182-०००13, 14 आचार्य जी से आप वॉट्स ऐप और फेसबुक पर इस नंबर से जुड़ सकते हैं। आचार्य महेन्द्र कृष्ण शर्मा, 91295-००००4 |
Copyright @ 2019.