(22/05/2015) 
आइए जानें कैसा रहेगा आपका आज का दिन
शुक्रवार 22-०5-2०15 आपकी किस्मत के सितारे आज का पंचांग 22 मई, तिथि ४, वार शुक्र, नक्षत्र पुन., योग गंड, चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश

मेष: अचल संपत्ति, गहने, शेयर बाजार, गारमेंट्स, यंत्रों,स्पेयरपार्ट्स, कागज, स्टेशनरी, मीडिया, फिल्म उद्योग, सर्जरी,सरकारी कार्यों, टूरिज्म, परिवहन से संबंधित धंधे में अच्छी सफलता मिलेगी।

शुभ रंग: गहरा नीला शुभ अंक: 4

वृष: परिवार में किसी सदस्य के साथ मनमुटाव चल रहा है, तो इस समय परिस्थितियों में अधिक सुधार की उम्मीद न रखें एवं सुधार हेतु प्रयास भी न करें। 
शुभ रंग: सफेद शुभ अंक: 3

मिथुन: वाणी तथा व्यवहार में संयम रखने की जरूरत है अन्यथा आपके अच्छे इरादे के गलत अर्थ निकाले जा सकते हैं। 
शुभ रंग: हरा शुभ अंक: 5

कर्क: जीवनसाथी के नाम पर व्यावसायिक हिस्सेदारी एवं बचत करने से लाभ मिलने की संभावना है। आपको लंबा प्रवास करना पड़ सकता है। 
शुभ रंग: नीला शुभ अंक: 1

सिंह: आप तीर्थ स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं। इस समय आप आध्यात्मिक मामलों में अधिक रुचि लेंगे। समय बेहतर हैै।  
शुभ रंग: पीला शुभ अंक: 4

कन्या: आप पूजा पाठ एवं जन सेवा के कार्यों में रुचि लेंगे। छात्रों के लिए समय अच्छा है। आपके लिए कुछ अधिक अच्छा नहीं रहेगा। 
शुभ रंग: सफेद शुभ अंक: 7

तुला: इस समय आप मानसिक बेचैनी और निराशा का शिकार हो सकते हैं। आप अपने साहसिक स्वभाव में कमी महसूस करेंगे।
शुभ रंग: बैंगनी शुभ अंक: 9

वृश्चिक: इस समय के बाद ग्रहों की स्थितियों में धीरे-धीरे सुधार होगा, इसके कारण आप अपने हर कार्य में सकारात्मक गतिविधि महसूस करेंगे। 
शुभ रंग: लाल शुभ अंक: 2

धनु: इसके अलावा दोस्तों और हिस्सेदारों का व्यवसाय में बहुत सहयोग मिलेगा। प्रेम संबंधों में मधुरता का अनुभव होगा। 
शुभ रंग: पीला शुभ अंक: 7

मकर: विदेश या दूर बसे परिचित लोगों के साथ वार्तालाप हो सकती है। घर में मेहमानों का आना जाना लग सकता है। 
शुभ रंग: भूरा शुभ अंक: 3

कुंभ: इस समय आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी एवं आप सार्वजनिक जीवन में अधिक सक्रिय होंगे। इस समय कुछ नए लोगों से जान पहचान हो सकती है, जो आने वाले दिनों में बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। 
शुभ रंग: सफेद शुभ अंक: 4

मीन: भाई, बहन, बहनोई एवं अन्य पारवारिक सदस्यों के साथ संबंधों में सुधार होगा। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े जातकों को सफलता मिलेगी। 
शुभ रंग: नीला शुभ अंक: 7


अद्भुत औषधि है कीर्तन

संसार के जो द्वंद्व हैं मान-अपमान, सुख-दु:ख, राग-द्वेष आदि उन सब को मिटाने में हरिनाम संकीर्तन सिद्ध औषधि है। सिद्ध का अर्थ है जो कभी विफल न जाए। सिद्ध शब्द वहाँ प्रयोग होता है जो परिपक्व हो गया हो। जब चावल पक जाता है, तब बंगाल में कहते हैं कि चावल सिद्ध हो गया। वैसे ही जब साधक पक जाता है तो उसको सिद्ध कहते हैं। संसार के सभी द्वंद्वों को, सभी रोगों को मिटाने में हरिनाम सिद्ध औषधि है।
जासु नाम भव भेषज हरन घोर त्रय सूल। सो कृपाल मोहि तो पर सदा रहउ अनुकूल॥
अज्ञानरूपी बड़ी विशाल रात्रि को मिटाने में भगवान भास्कर की तरह हरिनाम है। हमारे जीवन में अज्ञान की जो मिथ्या रात्रि विशाल होती जा रही है, अंधेरे को प्रगाढ़ करती जा रही है, इस रात्रि को मिटाने में भगवन्नाम भगवान सूर्य की तरह है। इसकी प्रत्येक किरण उसको मिटा देती है। आप कीर्तन करते हैं तो क्या आपके राग-द्वेष रहते हैं? क्या कीर्तन करने में मान-अपमान रहता है? मान-अपमान का खयाल रहता है तो कीर्तन कर ही नहीं सकते, नाच लेते हैं। कीर्तन के कई प्रकार हैं। गुण कीर्तन, कर्म कीर्तन, स्वरूप कीर्तन, तत्व कीर्तन, भाव कीर्तन,नाम कीर्तन।

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