अवैध होर्डिंगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने करोल बाग क्षेत्र में तीन भवनों में छत पर अवैध होर्डिंग, विज्ञापन प्रदर्शितद्ध होने के कारण सील किया गया। उत्तरी दिल्ली के महापौर रविन्द्र गुप्ता ने बताया कि यह कार्यवाही दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 345 ए के अंतर्गत भवन के दुरूपयोग व भवन उपनियमों के उल्लंघन के लिए की गई । गुप्ता ने बताया कि क्षेत्रीय उपायुक्तों के द्वारा उन भवनों पर सीलिंग की
कार्यवाही हेतु नोटिस भेजा जा रहा है जिन्होंने अवैध रूप से होर्डिंग घर के उपर
लगा रखे है। उन्होंने कहा कि यह कार्यवाही तब तक जारी रहेगी जब तक उत्तरी दिल्ली
नगर निगम क्षेत्र को पूरी तरह से अवैध होर्डिंगों व विज्ञापनों से मुक्त न करा
लिया जाए। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया
भी क्षेत्रीय स्तर पर की जा रही है। महापौर
ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2015 तक लगभग
14] 200 अवैध
बैनर, होर्डिंग, धार्मिक
बोर्ड व राजनैतिक विज्ञापनों को हटाया। इसके साथ ही 51 अवैध
यूनीपोल व 17 वाॅलरैप
गत वर्ष हटाए गए तथा इस वित्तीय वर्ष में 37 यूनीपोल, 8 वाॅलरैप अभी तक हटाए जा चुके हैं। महापौर
श्री गुप्ता बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा हाल ही में विज्ञापनों के लिए
नई नीतियों का निर्धारण किया गया है जिसके तहत विज्ञापनों के साईटों को 36
क्लस्टरों में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन विज्ञापन साईटों को
ई-नीलामी के द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने
यह भी बताया कि इस प्रक्रिया की निगरानी क्षेत्रीय व निगम मुख्यालय दोनों स्तरों
पर होगी।
गुप्ता ने बताया कि अवैध होर्डिंगों को शहर में किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं
किया जाएगा। यह कार्यवाही तब तक जारी रहेगी जब तक पूरा उत्तरी उत्तरी दिल्ली नगर
निगम क्षेत्र अवैध विज्ञापनों से मुक्त नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि अवैध
विज्ञापन एक ओर तो शहर की सुंदरता को नष्ट करती है, वहीं दूसरी ओर निगम को होने वाली आय भी नहीं हो
पाती है। उन्होंने बताया कि नई क्लस्टर नीति अवैध विज्ञापनों की रोकथाम के लिए एक
महत्वपूर्ण कदम होगी। |