(08/06/2015) 
संसार को आधुनिक बनाने के पीछे भारतीय पुराणों का हाथ-आचार्य महेंदर कृष्ण शर्मा
कभी कभी मेरे मन में विचार आता है कि कलपुर्जो का युग कली है |और ये कल पुर्जे कितने कारगर होंगे आज कली चार लाख बत्तीस हजार में से केवल पांच हजार बिता है| कली का प्रथम चरण और हम युग को आधुनिक देखते है| हिमाचल के कई कोनो में आधुनिक करण न हुआ हो पर विश्व का आधुनिकरण हुआ है |में एक दिन सोचा जो आपसे साँझा कर रहा हूँ पुराणों से और आज के युग से जोड़ कर मेने देखा |हम भारत वासियो ने जो जीवन भर सोचा की ये कहानी है लेकिन वो ही कहानी विकसित देशो ने हकीकत समझी और इस पे शोध् किया |

जो इस प्रकार है जेसे हमारे पुराणों में पुष्पक विमान उड़ता था । हमने उसे कहानी सोचा विदेशी लोगो ने शोध किया परिणाम सवरूप आज जहाज में हम उड़ते है।उदहारण न दो द्वापर युग में संजय ने लाइव यूद्ध दृदराृष्ट्र को सुनाया जो आज आधुनिक युग में हम लाइव टीवी मैच देख रहे है ।ये हमारे पुराणों में कई सो साल पहले से लिखा था जो हमारे बच्चा -बच्चा जनता है।
और एक उदहारण और देवकी के गर्भ से बलराम को संकर्षण किया जो रोहिणी के गर्भ में स्थापित हुआ ये भी आज सम्भव है  टेस्ट टयूब बेबी ये हमारे भारत में कई युगों से है हम अपने आप को कम नही समझे और ब्रह्म अस्त्र ऐसे अस्त्र थे जो थोड़े समय में दुनिया को नष्ट कर सकता था अभी परमाणु अस्त्र हमारे सामने है एक द्वापर में घटना हुई अश्वथामा ने बृह्म अस्त्र उत्तरा के ग्रभ को 
छोडा किसी एक जगह से इस पर भी अब शोध हो सकता है सूक्षम नही हो पाये पर मिसाइले कई सो किलोमीटर  जाती है ये भी हमारे पुराणों में लिखा है फिर लिंग परीवर्तन के भी कई  उदहारण है। पुरुष ने भी संतान पैदा की जो राजा बेन हुए आज भी अब ये देखने को मिलेगा पुराणों में कली जब बड़ा हो जायेगा तो कलपुर्जो का मानव बनेगा और ये पहचना मुश्किल होगा की कोन असली और कौन मशिनी मानव ये कली के जवान होने पे होगा हम आज मोबाइल प्रयोग कर रहे  है ।पहले युग में पुराणों साहित्य में टेली पेथी देवलोक और पृथ्वी में होती थी ।और में एक बात से बचपन से कभी सहमत नही हुआ की भारत एक खोज है जो बसकोडिगामा ने की नही हमारा अस्तित्व तो बहुत पुराना है सतियुग से लेकर कई सौ सालो हम पर राज हुआ जिसके कारण इतिहास ख़राब हुआ पुराण नष्ट हुए है पहले विद्यालय में ऋषि मुनि पढ़ते थे जो निशुल्क होता था ज्ञान भी निस्वार्थ देते आज के युग में ज्ञान ख़त्म सरकार जो पढ़ाएगी और वेतन से मतलब रखने वाले अद्यापक ये ज्ञान नही दे पायेगे वो भी आधुनिक बनाने वाला है शोध् के नजरिये से हमारे पुराणों को पड़े न की कहानियो के नजरिये से ये हमको शिक्षा और आधुनिकरण का ज्ञान देती है ।कुछ शिक्षा पुराणों की हमको मिलती रहती तो हमारी आने वाली पीडी कुछ दिमाग वाली होती संस्कार भी मिलते ये हमको सोचना है
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