(17/09/2012) 
मुख्यमंत्री द्वारा सिटीज़न सेंट्रिक वेब एप्लीकेशनज का शुभारम्भ--हिमाचल प्रदेश
मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां सूचना प्रौद्यागिकी विभाग द्वारा विकसित किए गए ?सिटीजन सेंट्रिक वेब एप्लीकेशनज?, कम्प्यूटर आवेदनों के अन्तर्गत पांच विभिन्न स्टेट सर्विसीज डिलीवरी गेटवे (एसएसडीजी), प्राकृतिक आपदा के अन्तर्गत राहत के लिए एसएमएस आधारित आवेदन, एसएमएस के द्वारा किसानों को परामर्श, पांच कल्याण निगमों का कम्प्यूट्रीकरण तथा सूचना आयोग के आवेदन का शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने ई-सुविधा के द्वारा दक्ष वितरण प्रणाली में एक अन्य मील पत्थर स्थापित करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को बधाई देते हुए कहा कि इससे प्रशासन आम जनता के प्रति और दक्ष, पारदर्शी एवं जवाबदेह बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी प्रक्रिया के पुनः अभियांत्रिकी तथा लोगों को दक्ष सेवा प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विशेष बल दे रही है। इस सेवा के उपलब्ध होने से लोग अब किसी भी सेवा एवं दस्तावेज को प्राप्त करने के लिए आन लाइन आवेदन करने में सक्षम होंगे, जिससे उनके समय एवं धन की बचत होगी। एसएसडीजी के माध्यम से लोग सरकारी सेवाओं के लिए हर समय ई-फार्म सुविधा का उपयोग कर आॅन लाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन सम्बन्धित अधिकारी को प्राप्त होंगे तथा प्रमाण पत्र इत्यादि जैसे अंतिम उत्पाद आॅन लाइन पर उपलब्ध होंगे, साथ ही उन्हें इसकी हार्ड कापी भी मिल सकेगी। इस सेवा के माध्यम से आवेदनकत्र्ता को आवेदन के स्तर का भी पता चल सकेगा और अधिकारी उन्हें एसएमएस के द्वारा समय पर इसकी नवीकरण जानकारी उपलब्ध करवाएंगे। ई-सेवा पोर्टल के द्वारा 14 विभिन्न विभागों की 49 सेवाएं चिन्हित की गई हैं तथा इसके लिए लोक मित्र केन्द्र की सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जा सकती हैं। यह सभी सेवाएं http://eserviceshp.gov.in. में जाकर उपलब्ध होंगी।

प्रो. धूमल ने कहा कि एसएमएस आधारित प्रक्रिया को प्राकृतिक आपदा के अन्तर्गत राहत के लिए भी लिया जाएगा। कोई भी नागरिक अपने नाम, पंचायत, तहसील की जानकारी के साथ एचपीएनडिजास्टर को 166 पर एसएमएस कर सकता है, जो स्वतः ही सम्बन्धित उपायुक्त, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी इत्यादि के पास तुरंत पहुंच जाएगा। किसानों को परामर्शी सेवा भी एसएमएस पर उपलब्ध होगी और वे अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस के द्वारा कृषि एवं बागवानी की नवीनतम जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। इसमें उपयुक्त समय में खेती, मृदा परिस्थिति की आवश्यकता, बीजरोपण, पोषकतत्व का प्रबन्धन, जल प्रबन्धन, वीड प्रबन्धन, कीट एवं रोग प्रबन्धन, खेती एवं खेतीपूर्व प्रबन्धन इत्यादि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी। इस सेवा को प्राप्त करने के लिए किसानों को http://hpagrisnet.gov.in पर अपने आप को पंजीकृत करना आवश्यक होगा। इसके अतिरिक्त पांच कल्याण निगम भी  http://hp.gov.in/dsje..पर उपलब्धहोंगे। राज्य सूचना आयोग आवेदन से सम्बन्धित समूची जानकारी http://hp.gov.in/sic. पर उपलब्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आन लाइन सुविधा से बेहतर अनुश्रवण एवं पारदर्शिता के साथ-साथ संगठन में दक्षता एवं कार्यकुशलता को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इससे सभी निगमों एवं उनके कार्यालयों की सूचना प्रणाली में एकीकृत दृष्टिकोण विकसित होगा और प्रभावी निर्णय क्षमता के लिए विभागीय प्रशासन से सम्बन्धित प्रबन्धन सूचना समय पर एवं सही रूप में उपलब्ध होगी। इससे अन्य प्रमुख हकधारकों जैसे बैंकों एवं शीर्ष इकाइयों को तथ्यात्मक डाटा एवं प्रचलन पर प्रभावी योजना एवं मूल्यांकन में सहायता मिलेगी। आॅन लाइन प्रणाली के अन्तर्गत समूची प्रशासनिक कार्य प्रणाली को लाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता को बनाए रख कर लोगों को निर्धारित समय सीमा में सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने अधिकारियों को परामर्श दिया कि वे ऐसी सभी सूचनाएं एवं सुविधाएं लोगों को हिन्दी भाषा में भी उपलब्ध करवाएं।

प्रधान सचिव सूचना प्रौद्योगिकी  पी.सी. धीमान ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए प्रदेश के नागरिकों के लिए यह सुविधा आरम्भ करने के लिए आभार व्यक्त किया।

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक  सुभाषीश पांडा ने इस सेवा के आरम्भ होने से लोगों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी।

मुख्य सूचना आयुक्त  भीम सेन, मुख्य सचिव  एस.राय, अतिरिक्त मुख्य सचिव  पी. मित्रा, प्रधान सचिव राजस्व डा. दीपक सानन, प्रधान सचिव वन  भारती सिहाग, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज  एस.के.बी.एस. नेगी, सचिव सूचना आयोग  डी.डी. शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


 

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