(13/10/2012) 
?एफडीआईः अभिशाप या वरदान मे विद्यार्थियों ने गिनवाये देश को फायदे और नुकसान"
पूर्वी दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंबेड़कर कॉलेज मे शनिवार को एलुमनी क्लब द्वारा "खुदरा व्यापार मे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश" यानि एफडीआई विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस प्रतियोगिता मे कॉलेज के एक सौ से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता की खास बात यह रही कि चाहे बीए प्रोग्राम का छात्र हो या फिर बीकॉम का या पत्रकारिता के विद्यार्थी , हर किसी ने इस विषय पर अपने विचारों को कलम द्वारा व्यक्त किया। ज्यादातर विद्यार्थी की सोच मे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश देश को नुकसान  पहुंचाने वाला लगा लेकिन कुछ विद्यार्थियों ने इसे देश हीत मे बताते हुए किसानों और उपभोक्ताओं को दोनों का फायदा लिखा। एफडीआई से अगले कुछ सालों मे नई नौकरियों की संभावना भी विद्यार्थियों ने बताई हैं कम दाम पर बेहतर सामान मिलने की वे उम्मीद जताते हैं। कुछ विद्यार्थियों ने इसका नुकसान गिनवाते हुए लिखा है कि विदेशी कंपनियां सस्ता सामान बेचकर लुभायेंगी और जिनका मुकाबल छोटे दुकानदार नहीं कर पायेंगे। छोटे दुकानदारों के धंधे ठप हो जाने से किसानों को भी उनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल पाएगा। इसी तरह की सोच अंबेडकर कॉलेज के विद्यार्थियों ने एफडीआई पर आयोजित इस प्रतियोगिता मे व्यक्त की। प्रतियोगिता के इस अवसर पर एलुमनी क्लब की संयोजक डा. सरला भारद्वाज, एलुमनी अध्यक्ष मनोज कुमार, उपाध्यक्ष गिरीश निशाना, संदीप मलकानिया, कार्यकारी सदस्य चरणजीत सिंह, डा. तृष्णा सरकार, संगीता वर्मा, डा. रेखा रानी आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि एलुमनी क्लब द्वारा आयोजित इन प्रतियोगिताओं का परिणाम जल्द ही एक सेमिनार के दौरान घोषित किया जाएगा जिसमे विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए जाएगें।
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