असत्य पर सत्य की जीत एवं अधर्म पर धर्म की जीत का त्यौहार दशहरा आज बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें 9 दिन तक श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर में रामलीला का आयोजन किया गया। 10वें दिन दहशरे के शुभ अवसर पर रावण, मेगनाथ और कुंभकरण के पुतले फूंके गए। विजयादशमी हमारा राष्ट्रीय पर्व है। जिसे सभी भारतीय बड़े हर्षोल्लास एवं गर्व के साथ मनाते हैं। आश्विन माह में नवरात्रि समाप्ति के दूसरे दिन यानी दशमी को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खास कर खरीददारी करना शुभ मानते है, जिसमें सोना, चांदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है। दशहरे के दिन पूरे दिन भर ही मुहूर्त होते है इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जिस दिन बिना मुहूर्त देखे आप कोई भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाए जाने वाला यह त्योहार विजयादशमी या दशहरा के नाम से प्रचलित है। यह त्योहार वर्षा ऋतु की समाप्ति का सूचक है। इन दिनों चौमासे में स्थगित कार्य फिर से शुरू किए जा सकते हैं। दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजा दिया है। घर में रखें शस्त्र, वाहन आदि भी पूजा की जाती है। दशहरे का यह त्योहार बहुत ही पावनता के साथ संपन्न किया जाता है। उसके बाद रावण दहन मनाया जाता है।जब राम ने किया था रावण का वध , नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना करने के बाद भगवान श्रीराम ने दशहरे के दिन ही लंकापति रावण का वध किया था। वैसे तो रावण बहुत परम ज्ञानी पंडित था। लेकिन मन में अहंकार के भाव के चलते उन्होंने सीता का हरण करके लंका ले गया और उसे अशोक वाटिका में कैद करके रखने दुस्साहस किया था। जिसके परिणाम स्वरूप भगवान राम हनुमान जी की सहायता से राक्षसराज रावण पर काबू पाने में सफल हो गए थे।रावण के अहंकार का दमन |