(28/10/2012) 
उत्तराखण्ड में विदेशी निवेश पर ?अंबेसडर मीट? आयोजित
देहरादून।अयोध्या प्रसाद ?भारती?, ने हमें बताया की राजभवन स्थित आडिटारियम में आयोजित द्वितीय ??अम्बेसेडर मीट?? में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए सुरक्षित माहौल है।

मुख्यमंत्री बहुगुणा ने हर संभव सुविधाएं देने का आश्वासन दिया और कहा की यहां पर्यटन, ऊर्जा, आरगेनिक फार्मिंग, उद्योग के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। शीघ्र ही मेगा इंडस्ट्रीयल पालिसी लागू की जाएगी।उत्तराखण्ड में साक्षरता दर देश की औसत दर से अधिक है। युवाओं को उद्योगों की स्थापना से लाभ मिल सके इसके लिए राज्य सरकार स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दे रही है। संतुलित विकास को जरूरी बताते हुए मुख्यमंत्री नेे कहा कि राज्य सरकार पिछड़े पर्वतीय व सीमांत क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए कटिबद्ध है। औद्योगिक विकास के लिए कनेक्टीवीटी पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा सरकार सड़क, रेल व हवाई कनेक्टीवीटी के प्रयास कर रही है। देहरादून व काठमांडू के बीच शीघ्र ही हवाई सेवा शुरू की जाएगी। हाइड्रो एनर्जी व पर्यटन उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे आर्थिक वृद्धि और रोजगार के लिए आवश्यक बताया। सरकार उद्यमियों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी। औद्योगिक पैकेज के समाप्त होने के बाद राज्य में निवेश को सरकार ने चुनौती की तरह लिया है। केंद्र सरकार व अनेक औघ्द्योगिक घरानों से निवेश की सहमति ली गई है। सितारगंज में सिडकुल फेज-दो का शुभारम्भ औद्योगिक विकास को गति देगा। उन्होंने कहा कि सिडकुल फेज दो के लिए ली गई जमीन कई वर्षों से राज्य सरकार के ही स्वामित्व में बिना उपयोग के पड़ी थी। पंतनगर में कानकार के सहयोग से लाजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। इससे वहां की औद्योगिक इकाइयों को लाभ होगा। दक्षिण अफ्रीका के हाई कमिश्नर एचएम माजेकी ने कहा कि उनके देश के राष्ट्रपति ने उत्तराखण्ड को निवेश के लिए महत्वपूर्ण राज्य के रूप में चिन्हित किया है। यहां फार्मासिटिकल, पर्यटन आदि क्षेत्रों के कार्य करने के लिए गम्भीरता से विचार किया जा रहा है। भारत व दक्षिण अफ्रीका में ऐतिहासिक व सांस्कृतिक समानता है। इनमें आपसी सहयोग की अपार सम्भावना है। उन्होंने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को राज्य के उद्यमियों के प्रतिनिधिमण्डल के साथ दक्षिण अफ्रीका आने के लिए भी आमंत्रित किया। मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने आर्थिक एवं सामाजिक सूचकों की जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड देश का तेजी से उभरता हुआ राज्य है। हरिद्वार व देहरादून के औद्योगिक क्षेत्रों में बडे पैमाने पर निवेश किया गया है। देहरादून में फार्मा सिटी व आई.टी. पार्क स्थापित है। यहां विकसित मानव संसाधन उद्योगों के लिए आवश्यक श्रम की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त हैं। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास राकेश शर्मा ने राज्य की औद्योगिक नीति व योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जबकि इण्डस्ट्रियल ऐसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने राज्य में निवेश की सम्भावना पर प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर त्रिनिडाड टोबेगो, नाइजर, जोर्जिया, टोगो, मेडागास्कर के राजनयिकों सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
 सेलाकुई@देहरादून। फार्मा सिटी में शुक्रवार को 10 देशों के राजनयिक और आर्थिक सलाहकार जुटे। उन्होंने छोटी कंपनियों से दवा खरीदे जाने की स्थिति में दाम कम होने से उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलने की बात कही। छोटी कंपनियों के माल को विदेशों में सप्लाई कर बड़ी फार्मा कंपनियों के द्वारा मोटा मुनाफा कमाने पर चिंता जताते हुए फार्मा सिटी को विकसित करने की नई संभावनाएं तलाशी गईं।
 विभिन्न राजनयिक और आर्थिक सलाहकार यहां एक होटल में द्वितीय एंबेसडर्स मीट-2012 में शामिल हुए। आयोजक ड्रग मैन्युफेक्चरिंग एसोसिएशन ने राजनियकों का स्वागत किया। उन्हें फार्मा सिटी और यहां विकास की संभावनाओं की जानकारी दी। एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कलानी ने नई दवाओं की खोज के लिए शीघ्र ही सेलाकुई में एक प्रयोगशाला खोले जाने की जानकारी दी। नामीबिया, बेलारूस, त्रिनिदाद, साउथ अफ्रीका आदि देशों के इन प्रतिनिधियों ने फार्मा सिटी का दौरा कर यहां की विभिन्न कंपनियों की कार्यप्रणाली की भी जानकारी ली।
2020 तक 70 अरब डालर होगा कारोबार...................
एंबेसडर्स मीट में भारत की फार्मा इंड्रस्टी के तीसरे स्थान पर होने की बात कहते हुए बताया गया कि 2008-2009 के बीच इसका कारोबार 21.04 अरब डालर था, जो 2020 तक 70 अरब डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें घरेलू बाजार का हिस्सा करीब 12.26 अरब डालर था।
 एंबेसडरर्स मीट-2012 में शामिल होने आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने सेलाकुई स्थित सगंध पौधा केंद्र का भी भ्रमण किया। उन्हें केंद्र के वैज्ञानिकों ने ऐरोमेटिक सेक्टर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। तुलसी, ओरिगेनस, थाईम, मिंट, लैमनग्रास, कैमोमिल, गुलाब आदि का प्रदर्शन करने के साथ ही इस सेक्टर में औद्योगिक संभावना के बारे में बताया। लैंटाना, सुरइ, गनिया, यूपेटोरियम, बुकंम्बर, तिमूर से सुगंधित तेल निकालने की तकनीक का डेमो भी दिया। केंद्र प्रभारी डा. नृपेंद्र चैहान, डा. हेमा लोहानी, डा. हरनीश अंडोला, डा. सुनील शाह आदि मौजूद रहे।
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