(23/11/2012) 
रजत जयंती समारोह का आयोजन-मेरठ
1986 में स्थापित स्वामी दयानंद के आदर्शो पर चलने वाले शिक्षा , संस्कार और सद्वृत्तियों की खाद से सींचे गए डी.ए.वी. सैंटेनरी पब्लिक स्कूल की स्थापना विराट संभावनाओं से भरे उद्यान से कम न थी। आज इस विद्यालय प्रांगण में रजत जयंती समारोह का आयोजन धूमधाम से किया गया।

डी ए वी मैनेजिंग कमेटी के प्रधान (प्रेजीडेंट)  पूनम सूरी ने कार्यक्रम में मुख्यातिथि के पद को सुशोभित कर विद्यालय को गौरवान्वित किया। परतापुर स्थित दैनिक जागरण कार्यालय के पास विद्यालय के 25 बाइकर्स के साथ कुछ अध्यापकों के काफिले ने उनकी अगवानी कर उन्हें विद्यालय प्रांगण के पास एल ब्लाक पहुँचाया जहाँ क्षेत्रवासियों के साथ क्षेत्रीय विधायक रवींद्र भड़ाना, अरुण वशिष्ट  (अध्यक्ष,संयुक्त व्यापार मंडल)  पंकज कटारिया (कांउसलर, शास्त्री नगर), अध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित थे। इस ऐतिहासिक अवसर पर डी ए वी मेरठ के क्षेत्रीय निदेशक डा मार्या, मैनेजर वी सिंह आदि गणमान्य अतिथियों के साथ-साथ स्थानीय प्रबंधक समिति के सदस्य, यू पी तथा उत्तरांचल के प्रधानाचार्य और सी बी एस ई द्वारा संचालित स्थानीय प्रधानाचार्यों( सिटी वोकेशनल के  प्रेम मेहता, दीवान स्कूल के  राउत) ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा को द्विगुणित किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ वैदिक परंपरानुरूप यज्ञ की पावन रश्मियों  से सुवासित हवन से हुआ जिसकी पूर्णाहुति मुख्य अतिथि  पूनम सूरी के द्वारा हुई। विद्यालयी परंपरानुरूप आने वाले सभी अतिथियों का तिलक किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य  अतिथियों को फूलों का गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया गया। तत्पशचात  शोभा कौशल एवं सिमरन द्वारा गाए गए मधुर गीत एवं बच्चों के नृत्य के बीच मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम के शुभारंभ की उद्घोषणा की।
विद्यालय की गतिविधियों एवं 25 वर्षो  की उपलब्धियों का इतिहास प्रधानाचार्या डा. अल्पना शर्मा ने स्लाइड द्वारा बताया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वागत गीत एवं नृत्य द्वारा हुआ। जीवनाधार एवं प्राणाधार ओम् गायत्री मंत्र एवं ईशस्तुति प्रार्थनोपासना मंत्रोच्चारण नृत्य की आकर्षक  प्रस्तुति ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
मुख्यातिथि माननीय पूनम सूरी ने कार्यक्रम की भूरि- भूरि प्रशसा करते हुए कहा कि विगत 25 वर्षो  में आप सभी प्रधानाचार्यों और अध्यापकों के अथक प्रयासों का ही सुपरिणाम है कि आपका यह विद्यालय दिन दूनी रात चैगुनी उन्नति कर रहा है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सदा उन्नति करने के मूलमंत्र बताए और कहा कि मुझे वि?वास है कि आप सभी विद्यार्थी अपनी चहुँमुखी प्रतिभा से समाज और देश  को प्रकाशित करेंगे और विश्व  कल्याण में सहभागी बन डी ए वी का नाम रोशन करेंगे।
?अतुल्य हम? शीर्षक  से सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत जन्म से लेकर आज तक के इतिहास और दृष्टिकोण को दर्शाने वाली ?उत्सर्ग? नृत्य नाटिका में कलाकारों के उत्कृषट अभिनय, निर्देशन कौशल, ओजपूर्ण संगीत तथा उत्तम प्रकाश  व्यवस्था ने डी ए वी के इतिहास को जीवंत कर दिया। नाटिका में बताया गया कि डी ए वी ने एक बीज ही नहीं रोपा, एक पूरा बसंत रोप दिया। अंगद के पाँव जैसे अटल इरादे एवं विशवास हर तूफान को चीर देते हैं और जगाते हैं आशाएँ, उम्मीदें और सपने। इन्हीं सपनों को साकार करते हुए ?कुछ पाने की है आस-आस, आशाएँ खिले मन की उम्मीदें हँसे? नामक गीत पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस संस्था ने तूफानों के थपेड़ों से अप्रभावित रहकर, नित नई उपलब्धियों को छूकर नए कीर्तिमान बनाए, उसके इसी हौसले को सलाम करते हुए ?ये हौसला कैसे रुके, ये आरजू कैसे झुके? नामक गीत पर मनमोहक भावभंगिमाओं सहित सूफी नृत्य प्रस्तुत किया गया। विगत 25 वर्षो  में कुछ सहयात्रियों के छूट जाने एवं होनहार बच्चों के खोने के जख्म को ?बहुत याद आते हो तुम? करुणापूर्ण ?शब्दों से भरे गीत एवं अवसाद पूर्ण मुद्राओं से सबको अश्रुपूरित कर दिया।
तकनीक और विज्ञान के इस युग में वैदिक मूल्यों के साथ प्रगति हमारी सोच रही है। इसी सोच को ?फ्यूजन? के माध्यम से उत्साह एवं जोश  के साथ प्रकट किया जिससे दर्शक  वाह-वाह कर उठे। ?ग्रैंड फिनाले? में सभी प्रतिभागियों द्वारा किए नृत्य ने सभी को झूमने पर विवश  कर दिया।
इन 25 वर्षो  में यहाँ के विद्यार्थियों ने अपनी (खेल, सांस्कृतिक आदि क्षेत्र) प्रतिभा से डी ए वी आकाश  को रोशन किया है। उनकी इन विशिष्ट  उपलब्धियों एवं वर्ष  2010-2011 के कक्षा में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले लगभग 350 बच्चों को स्मृति चिह्न प्रदान कर पुरस्कृत किया गया।
विद्यालय पत्रिका ?ग्लोरिया? का विमोचन तथा विद्यालय की ?वैब साइट? का उद्घाटन  मुख्यातिथि के कर-कमलों द्वारा हुआ।
पूनम सूरी और उनकी जीवनसंगिनी का ?शाल  ओढ़ाकर तथा बुराई को दूर करने वाले भाग्यसूचक ?एथुंरियम? नामक पौधा और स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।
प्रधानाचार्या डा।  अल्पना शर्मा ने सभी उपस्थित विद्वतजनों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि आप सभी ने अपना अमूल्य समय देकर हमें कृतार्थ करने के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ। कार्यक्रम को रोचक और सफल बनाने के लिए सभी अध्यापकों और विद्यार्थिर्यों की प्रशसा करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी के सहयोग के बिना यह आयोजन संभव ही नहीं हो सकता था। मंच संचालन सुनीता सिंह और संगीता जैन ने किया।
विद्यालय के मैनेजर  वी. सिंह ने आभार व्यक्त किया।
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