(08/02/2016) 
इश्क के मौसम में मोहब्बत की बरसात : सागर शर्मा के साथ
इंतजार में मेरे चाँद के वो रात कब आयेगी! होंगी बाँहों में मेरी जान फ़िर बरसात हो जायेगी !! लग कर सीने फ़िर से सारी बात हो जायेगी ! उनकी चाहत में मर भी जाऊँ तो क्या ग़म उनके नाम पर तो फ़िर से शुरू मेरी साँस हो जायेगी !!

लौट कर आना ही होगा मुझे सुबह घर से निकल कर काम पे !
यूँ ही नहीँ कहीँ मुझे रात हो जायेगी !!

संजोये है मिलकर सपने सच होंगे सब अपने !
फ़िर तो हम पर खुशियों की बरसात हो जायेंगी !!

तेरे मेरे बीच की ये दूरी मिटेगी जिस पल !
मेरी  दुनियाँ होगी रोशन और खूबसूरत मेरी हर रात हो जायेंगी !!

मेरा चाँद जैसे आ उतरा हो मेरी गोद में !
ज़माने भर में मेरी फ़िर बात हो जायेगी !!

तेरी मेरी मोहब्बत के चर्चे होंगे हर जुबान पर!
एक नई रीत शुरू इस बार हो जायेगी !!

तू मुझे देख मैं तुझे देख कर जी लूँ उम्र भर !
सारी कमी पूरी तेरी चाहत में उस रात हो  जायेगी !!

मेरी कल्पना में तूम बसा कर घरौंदा मेरे प्यार का,चाहत मेरी मालामाल कर दो तुम !
खुद ही तू  चाहत में मेरा सरताज हो जायेगी !!

बस उस पल "सागर" में झमाझम बरसात हो जायेगी !
इंतजार में हूँ वो रात कब आयेगी  !!
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