(09/02/2016)
"तू ही रे" बेटियों के लिए ज़ायज़ मंच :संध्या मदान
बेटी की पुकार को लेकर आयोजित किए गये शो "तू ही रे" की प्रतियोगियों मॆ से एक संध्या मदान ने "तू ही रे" को बेटी की पुकार का एक ज़ायज़ मंच करार दिया! दिल्ली की नामचीन मेकअप आर्टिस्टों मॆ से एक संध्या मदान ने "तू ही रे " प्रतियोगिता मे बिटिया चार्वी मदान संग भाग लिया था। जहाँ चार्वी के ओजस्वी जवाबों ने जज और दर्शकों का दिल जीता वहीं नन्ही परी रेम्प शो की प्रशिक्षित प्रतियोगी से कहीँ भी कमतर नहीँ लग रही थी। संध्या मदान ने जहाँ अपनी काबिलियत और जज्बे के पीछे पति नरेश मदान का सहयोग और साथ बताया वहीँ चार्वी ने भी पापा कॊ इसका क्रेडिट दिया। मूल रूप से यॆ कहना की माँ बेटी की यॆ जोड़ी माँ बेटी के रिश्ते पर खरी उतरी तो ग़लत नहीँ होगा। निवेदिता फाउंडेशन और इलिट इंडिया फाउंडेशन के शो बेटी की पुकार "तू ही रे " कॊ गोल मार्केट के मुक्तधारा ऑडिटोरियम मॆ बखूबी मंच पर उतारा गया। जहाँ कई मार्मिक नाटक ,प्रसंग और लेखकों और कवियों ने अपनी कविताओं के जरिये भी बेटी की पुकार को बल देने की कोशिश की। इसी मौके पर समाचार वार्ता के संवाददाता सागर शर्मा ने भी बेटी के मर्म को अपनी कविता के जरिये लोगों के बीच रखा ! जिसके अंश ये रहे : बेटा मिला उपहार में तो खूब थाली तूने बजाई ! बेटी आयी घर तो क्यों पसरी घर में रुसवाई !! बेटे की चाह में पहाडों में माता का दर चूमें! बेटी है कोख में तो क्यों सबका सर घूमें !! बेटा मिला तो दुलार तुझे खूब आया था ! मगर बेटी ने कब तुझसे प्यार वो पाया था !! बेटी के मन को तू जान नहीँ पाया ! घर बेटी को किसी की बहू बना लाया !! दुत्कार मिली बेटी को जब उसने किस्मत अपनी मान लिया ! रे पगले बेटी ने ही तुझे बेटे से ज्यादा प्यार किया!! बेटी रही मायूस पल पल अपनी तन्हाई में ! तुझसे ना मिला तो दिल वो कहीँ लगा बैठी !! प्यार तलाशा बेटी ने किसी अनजान में तो इज्जत पर तेरी बन आई ! बेटा कर लाया लव मैरिज तो क्यों तूने नहीँ दी इज्ज़त की दुहाई !! बेटी के दर्द को तू जान नहीँ पाया ! उसके लिए तू अनजान वर तलाश लाया !! फ़र्ज तुझको भी ज़माने में कोई निभाना था ! हाथ पीले कर उसे कहीँ छोड़ कर जो आना था !! नही कह पाई अपनी व्यथा बेटी आँसू उसके खामोश रहे ! नाजाने कैसे उसके अरमां उस पल बदहवास रहे !! नही रही शिकायत उसके लबों पर फ़िर भी कोई ! अपनी चाहत को उसने दरकिनार कर दिया!! देखो रे देखो बेटी ने फ़िर बाप पर उपकार कर दिया !! मुक्तधारा ऑडिटोरियम मॆ मौजूद अतिथियों मे संत राज़बीर सिंह ढाका, राजीव गर्ग, मनोज चंद्रा ने कार्यक्रम पर बोलते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों को बल दिया जाना चाहिये ताकि बेटी के मर्म को समाज मॆ बखूबी रखा जा सके ! ब्यूरो रिपोर्ट समाचार वार्ता |
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