(14/02/2016) 
केजरीवाल सरकार का एक साल पूरा होने पर बीजेपी ने मनाया "काला दिवस"
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भाजपा ने दिल्ली में केजरीवाल सरकार के विवादित कार्यकाल की पहली वर्षगांठ को आज काला दिवस के रूप में मनाते हुये संसद मार्ग पर विशाल धरने का आयोजन किया। धरने का नेतृत्व दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने किया।

प्रदेश सह-प्रभारी तरूण चुघ, राष्ट्रीय मंत्री सांसद महेश गिरी एवं सरदार आर पी सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता, सांसद रमेश बिधूड़ी, प्रवेश वर्मा, डाॅ. उदित राज, महामंत्री संगठन सिद्धार्थन, पूर्व अध्यक्ष प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा एवं सांसद विजय गोयल, विधायक ओम प्रकाश शर्मा एवं जगदीश प्रधान, तीनों महापौर रविन्द्र गुप्ता, हर्ष मल्होत्रा एवं सुभाष आर्य, प्रो. जगदीश मुखी सहित अनेक पूर्व विधायक और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, निगम पार्षद, जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष तथा पदाधिकारियों सहित लगभग 15000 कार्यकत्र्ता सम्मिलित हुये।
भाजपा के धरने में जनता ने हाथ उठाकर यह प्रस्ताव पारित किया कि दिल्ली की जनता सत्ता के बावले लोलुप अरविन्द केजरीवल सरकार से तंग आ चुकी है और यदि मौका मिले तो राइट टू रिकाॅल का उपयोग करके केजरीवाल सरकार को सत्ता के बाहर कर देगी।
कार्यकत्र्ता वक्ताओं के सम्बोधनों के बीच नारे लगा रहे थे कि "हर रोज नया बवाल-पहला साल केजरीवाल", "67 विधायक मालामाल-भ्रष्टाचार के नये कमाल", "एमएलए पहुंचे तिहाड़-भ्रष्टाचार का हुआ कमाल", "दलितों से किया विश्वासघात-केजरीवाल का नया कमाल"। इस अवसर पर बज रहे गीत क्या हुआ आपका वादा फ्री में पानी, सस्ती बिजली...... ने कार्यकत्र्ताओं में केजरीवाल सरकार की नाकामियों को उजागर करने का एक नया उत्साह भर दिया।  प्रदेश अध्यक्ष एवं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने आसमान में काले गुब्बारे छोड़कर केजरीवाल सरकार के विरूद्ध दिल्लीवासियों के विरोध को दर्ज कराया।
सतीश उपाध्याय ने कहा कि यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि जनता ने एक नये विश्वास के साथ जिस सरकार को ऐतिहासिक जनादेश दिया था वह आज एक वर्ष बाद आम आदमी से पूरी तरह कट चुकी है।  उन्होंने कहा कि हम स्वयं भी राजनीतिक दल हैं और हमारा मानना है कि सरकार पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए चुनी जाती है और उसका समय मिलना चाहिए पर केजरीवाल सरकार ने जिस तरह अपने कार्यकाल का सबसे अहम पहला वर्ष विवादों की बलि चढ़ाया है उसने दिल्ली की जनता को पूरी तरह हताश किया है।  सवाल यह नहीं कि क्या काम हुये और क्या नहीं हुये, सवाल यह है कि क्या सरकार ने कोई काम करने का प्रयास किया।  विस्मित जनता जब आंकलन करती है तो वह पाती है कि इस सरकार ने पहले वर्ष में कोई काम करने का प्रयास ही नहीं किया।  जब हम इस सरकार को रिपोर्ट कार्ड में 0/10 देते हैं तो उसका मूल कारण भी यही है कि इस सरकार ने काम करने का प्रयास ही नहीं किया।  कोई नई विकास योजना भी नहीं आई और केवल टकराव के रास्ते पर चलते रहे।  केजरीवाल सरकार का एक मंत्र है अपने से ज्यादा सामर्थवान को विवादों में घेरना ताकि उस चर्चा के माध्यम से राजनीतिक विकास हो सके। 
उपाध्याय ने कहा कि आम आदमी का ट्रेडमार्क लेकर जो सत्ता में आये थे वे आम आदमी से किस तरह दूर भागते है यह तो जनवरी, 2014 के जनता दरबार में ही स्पष्ट हो गया था पर फिर से उनके घडि़याली आंसुओं की हुई शिकार दिल्ली की जनता ने 2015 में पुनः केजरीवाल सरकार को चुना। अब हम रोज ऐसे किस्से देखते हैं जहां लोग विरोध दर्ज कराना चाहते हैं यहां तक कि आत्मदाह करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि केजरीवाल उनसे मिलते ही नहीं। एक ऐसा ही किस्सा दिल्ली के पटपड़गंज निवासी संजीव जैन का है जो 2013 से ही एक बिजली कम्पनी की लूट के शिकार हुये हैं और तभी से केजरीवाल दल के पावर कम्पनियों विरोधी रूख से बहुत प्रभावित थे। फरवरी, 2015 में केजरीवाल दल के सत्ता में आने से अब तक संजीव जैन मुख्यमंत्री को अनेकों पत्र लिख चुके हैं पर उन्हें न तो पत्र का जवाब मिलता है और न ही मुख्यमंत्री से मिलने का समय।  इस बीच उन्होंने अपने प्रयासों से बिजली कम्पनी के एक भ्रष्ट अधिकारी की सतर्कता जांच के आदेश कराये पर अब केजरीवाल सरकार के रहते उन्हें उस रिपोर्ट की काॅपी आर.टी.आई. तक में नहीं दी जा रही है।  विडम्बना देखिये कि तीन वर्ष से उस परिवार के घर में बिजली नहीं है क्योंकि न तो वह लाखों रूपये का ऊलजलूल बिल और न ही लाखों में मांगी जा रही रिश्वत देने में समर्थ हैं।
उपाध्याय ने कहा कि यह शर्मिंदगी का विषय है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ऐसे लोगों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं जो राष्ट्रविरोधी नारे लगाते हैं और युवाओं को अतिवाद की राजनीतिक की ओर प्रेरित करते हैं।  जिस शर्मिंदगी के साथ सरकार ने आज समाचार पत्रों में यह दावे किये हैं कि हमनें भ्रष्ट मंत्री को निकाल फेका, तो हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या यह काफी है?  हमें याद है कि केजरीवाल साहब कहते थे कि मैं विधानसभा में किसी भी कलंकित व्यक्ति को नहीं बैठने दूंगा।  ऐसा लगता है कि केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान बनाने पर अमादा है और सरकार अपने कार्यकत्र्ताओं में सत्ता की बंदर बांट में मस्त हैं। 
सतीश उपाध्याय और विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने केजरीवाल को दिल्ली के विकास के मुद्दों पर असफल होने के लिये खुली बहस की चुनौती दी है क्योंकि दिल्ली में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है जिसका कारण सत्ताधारी दल की टकराव की राजनीति। 
विजेन्द्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार को एक फ्लाॅप स्टार्टर बताया। उन्होंने कहा कि अधिकांश चरमपंथियों या अधिनायकवादियों की तरह केजरीवाल को अहम की समस्या है जो वास्तव में उसका इंफीरियोरिटी काॅम्प्लेक्स है और इसी कारण उसकी सरकार शुरू में ही फ्लाप हो गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से दिल्ली के हित में टकराव की राजनीति छोड़ने की अपील की है क्योंकि दिल्ली में पिछले 26 महीनों से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है।
गुप्ता ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह प्रायोजित समाचारों से दिल्ली की जनता को अब और मूर्ख नहीं बना सकती और चुनौती दी कि वह अपने कार्यकाल की कोई नई विकास योजना जनता के सामने रखें।  इस सरकार ने दिल्ली को सिर्फ संवैधानिक संकट और राजनीतिक विवाद दिये हैं। प्रदेश सह-प्रभारी श्री तरूण चुघ ने कहा कि यह वास्तव में चैंका देने वाला है कि केजरीवाल अपने आप को राजनीतिक सुधारक होने का दावा करते थे, अब कुछ वोटों के लिये राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिये ट्वीट करते और समर्थन देते नजर आ रहे हैं। राष्ट्र कभी भी उन्हें इसके लिये माफ नहीं करेगा।  
तरूण चुघ ने कहा कि यह संसद मार्ग और जन्तर-मन्तर गवाह हैं कि किस तरह दिल्ली की जनता को घडि़याली आंसुओं और झूठे वायदों से मूर्ख बनाया और पहले मौके पर ही भ्रष्ट कांग्रेस से हाथ मिलाया।  दिल्ली की जनता की आंखों में आज भी वह दृष्य घूमता है कि कैसे मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी आंखों के सामने एक गरीब किसान को मरने दिया था।  
सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री महेश गिरी ने विस्मित करने के अंदाज में केरजीवाल के वाई-फाई सपने की याद दिलाते हुये लोगों से अपने मोबाइल फोन बाहर निकालने को कहा।  फिर उन्होंने लोगों से जोर से चिल्लाकर वाई-फाई मांगने को कहा ताकि शायद केजरीवाल उनकी आवाज सुनकर वाई-फाई सिग्नल भेज दें। 
महेश गिरी ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली को एक सुरक्षित शहर बनाने के लिये बहुत सारे वायदे किये थे किन्तु एक वर्ष के बाद जनता को बताने के लिये उनके पास कुछ भी नहीं है। मैं पहली बार सांसद बना और मुझे इस बात का संतोष है कि सांसद निधि से दिल्ली पुलिस को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिये दिये गये योगदान से दिल्ली की पूर्वी सीमा पर बसी कालोनियों को सुरक्षा मिल सकेगी। उन्होंने केजरीवाल सरकार को इस प्रकार के एक भी काम का उदाहरण देने की चुनौती दी है। 
सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि केजरीवाल सत्ता के बावले लौलुप हैं।  केजरीवाल ने जनता को वह सपने दिखाये जिन्हें पूरा करना असंभव है और अब जान छुड़ाने के लिए हर बात का दोष प्रधानमंत्री को देने की कोशिश करते हैं।  उन्होंने हरियाणा के देहातों का एक चर्चित किस्सा छेड़ा कि किस तरह एक व्यक्ति चुनाव में खड़ा हुआ और बोला कि मुझे जिताओ मैं सबके टैक्टर लोन माफ कर दूंगा।  जब सत्ता में आया तब लोगों ने लोन माफी के लिए कहा, वह बोला मैंने केन्द्र को चिट्ठी लिख दी है केन्द्र नहीं कर रहा है।  उसने यह सब अपनी सत्ता की लालसा में किया और केजरीवाल उस देहाती कहावत के ठग से कुछ भिन्न नहीं।
प्रवेश वर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की लापरवाहियों के बावजूद दिल्ली शिक्षा और युवा गतिविधियों का केन्द्र बना किन्तु दुर्भाग्यवश अब दिल्ली सरकार की गंदी राजनीति के कारण अन्य शहरों से पिछड़ रहा है। शिक्षा व्यवस्था ठप्प हो गई है क्योंकि केजरीवाल सरकार भी पूर्ववर्ती सरकारों की तरह अस्थायी शिक्षकों की सहायता से विद्यालय चला रही है। आम आदमी पार्टी सरकार की शिक्षा और युवा कल्याण के लिये कोई दूरदृष्टि नहीं है जिसके कारण युवा पूर्णतः निराश हो गये हैं। उन्हांेने दिल्ली सरकार की इस बात के लिये कड़ी निंदा की है कि उसने हरियाणा द्वारा मुनक नहर से अधिक पानी दिये जाने के बावजूद दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान नहीं किया।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली अब देश की व्यापारिक राजधानी का दर्जा मुंबई के मुकाबले खो रही है क्योंकि केजरीवाल सरकार के वैट और उत्पाद शुल्क, विभागों में भ्रष्टाचार और अत्यधिक करों के कारण व्यापार का विकास समाप्त हो रहा है। हाल ही में वैट के फार्म डीएस 2 के शुरू किये जाने से अंतर्राज्यीय व्यापार में बहुत कमी आई है। उन्होंने केजरीवाल सरकार से अपने राजनैतिक विकास के सपने देखने के बजाये दिल्ली के विकास पर ध्यान देने के लिये अपील की है। 

सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा है कि आज दिल्ली में केजरीवाल सरकार की नाकामियों के कारण सबसे ज्यादा दिल्ली के सबसे गरीब लोग प्रभावित हुये हैं। पिछले दो वर्षों में किसी एक भी कालोनी में पानी सप्लाई के लिये पाइपलाइन या सीवर का कनेक्शन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के एक वर्ष के शासन में दिल्ली को 10 वर्ष पीछे धकेल दिया है।  उन्होंने पूर्वांचल के लोगों के साथ केजरीवाल द्वारा धोखा किये जाने की कड़ी निंदा की, जिन्होंने दूरदराज के अनधिकृत कालोनियों में अपनी सभी जमा पूंजी लगाकर घर खरीदे हैं। इन लोगों ने केजरीवाल सरकार को इस विश्वास के साथ वोट दिया था कि वे इन कालोनियों को नियमित करेंगे और रजिस्ट्री शुरू करवायेंगे तथा इनका तेजी से विकास होगा। आज वे जब यह देख रहे हैं कि सरकार के नेता अपने कार्य पर ध्यान देने के बजाय झगड़ रहे हैं, तो वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। 
सांसद डाॅ. उदित राज ने अपने दलित बहुल्य निर्वाचन क्षेत्र में केन्द्र सरकार के सहयोग से शुरू हुये विकास कार्याें और योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने केजरीवाल सरकार से टकराव छोड़ने की अपील की और दिल्ली के हित में केन्द्र की योजनाओं का लाभ लेने के लिए बात करने को कहा।  डाॅ. उदित राज ने केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली महिला आयोग एवं दिल्ली अनुसूचित जाति आयोग को अपनी पार्टी के फायदे के लिये कमजोर करने की निंदा की। उन्होंने दिल्ली की महिलाओं को न्यायालय में शीघ्र न्याय दिलाने के लिये न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिये समरी कोर्ट स्थापित न करने के लिये भी कड़ी निंदा की है। 
राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर.पी. सिंह ने केजरीवाल सरकार द्वारा चरमपंथी और अलगाववादी राजनीति करने के लिये कड़ी निंदा की है। उन्होंने केजरीवाल की पार्टी द्वारा पोस्टरों में भिंडरावाले के चित्र का इस्तेमाल करने, जेएनयू में राष्ट्र विरोधियों को समर्थन देने, कशमीर के अलगाववादियों पर चुप रहने तथा दादरी और हैदराबाद में हुई संदिग्ध घटनाओं पर भी ओछी राजनीति करने के उदाहरण दिये।  उन्होंने कहा कि यदि राइट टू रिकाल का मौका मिले तो दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार को वापस बुलाना चाहेगी।
दिल्ली के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मलहोत्रा ने कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन 6 दशकों का है और मैंने अपने जीवन में ऐसी बेशर्म सरकार नहीं देखी जैसी केजरीवाल सरकार है। उनके द्वारा संविधान का उल्लंघन किये जाने से दिल्ली की जनता की सारी आशायें धूमिल हो गई हैं और ऐसा लगता है कि दिल्ली अपने पड़ोसी एनसीआर क्षेत्रों से विकास में पिछड़ गई है।
महापौरों रविन्द्र गुप्ता, हर्ष मल्होत्रा एवं सुभाष आर्य ने लोगों को बताया कि किस तरह केजरीवाल सरकार नगर निगम सेवाओं को ठप्प करना चाहती है। रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि हम केजरीवाल सरकार द्वारा हाल ही में दिये पैसे को ऋण नहीं मानेंगे उसे अपने लम्बित पैसे का भाग मानेंगे। हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार के लिखित आदेशों के बावजूद हम नगर निगम में किसी सफाई कर्मचारी या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नौकरी से नहीं हटायेंगे। सुभाष आर्य ने मांग की कि दिल्ली की जनता की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए नगर निगमों का पुनः एकीकरण किया जाये।
प्रदेश महामंत्री आशीष सूद ने आज के दिन को दिल्ली के इतिहास में कालादिवस बताया और कहा कि लोकपाल, स्वराज और भ्रष्टाचार नियंत्रण अब भुला दिये गये हैं क्योंकि हम देख रहे हैं कि केजरीवाल सरकार मामूली राजनैतिक लाभ के लिये नगर निगमों का गला घोंट रही है। दिल्ली के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मामलों से लोगों में निराशा है और ऐसा लगता है कि लोकपाल गठित करने में सरकार द्वारा अभिरूचि नहीं लेने से उनकी पार्टी के विधायकों और नेताओं के बीच भ्रष्टाचार व्याप्त है। 
रेखा गुप्ता एवं श्रीमती शिखा राय ने महिलाओं के मुद्दे को उठाया और राजनीतिक लाभ के लिये इसका उपयोग करने और सत्ता में आने के बाद उसे भूल जाने के लिये कड़ी नि
Copyright @ 2019.