(15/02/2016) 
जेएनयू मुददे पर बीजेपी कॊ मिला आप के कविराज का साथ,कुमार विश्वास के भगवा रंग मॆ रंगने के संकेत
जहाँ एक तरफ़ आम आम आदमी पार्टी और बीजेपी जेएनयू मुददे पर अलग अलग दिशा मे तर्क वितर्क देते हुए राजनैतिक बयानबाजी के दौर मे हैं वहीँ बीजेपी कॊ जैसे आम आदमी पार्टी के कविराज और नेता कुमार विश्वास का साथ मिल गया है। कुमार विश्वास के BJP में जाने की अटकलों का बाजार आजकल काफी गर्म है और इस बीच कुछ ऐसा हो गया है कि इन अटकलों को और भी मजबूती मिली है।

दरअसल दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 9 फरवरी को जो देश विरोधी नारेबाजी हुई उसे लेकर आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और कुमार विश्वास  की राय अलग-अलग दिखाई दे रही है। कुमार विश्वास के इस बयान से आम आदमी पार्टी बेकफुट पर आ गई है।
JNU में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद माहौल काफी गरमाया हुआ है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने परिसर में पुलिस की एंट्री का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है। दूसरी तरफ कुमार विश्वास के तेवर इस मुद्दे पर बिल्कुल भाजपा से मेल खाते हैं। उन्होंने इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है और कहा है कि तथाकथित नारे लगाने वाले विद्यार्थियों को जेल में डाला चाहिए ताकि यह एक मिसाल बन सके।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शनिवार सुबह एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि 'मोदी जी हर किसी को पुलिस के जरिए डराना चाहते हैं'। इससे पहले वो शुक्रवार की रात लिख चुके थे कि 'कोई भी राष्ट्र विरोधी ताकतों का समर्थन नहीं करता, लेकिन इस बहाने बेकसूर छात्रों को निशाना बनाना मोदी सरकार पर बहुत भारी पड़ेगा"।
वहीं उनकी ही पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने उनसे पहले ही देश विरोधी नारेबाजी करने वाले छात्रों को जेल में डालने की मांग को लेकर अपने फेसबुक पेज पर काफी सख्त बयान भी पोस्ट किया है। वो लिखते हैं कि : 'तक्षशिला, जो दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक तीर्थ था, वहां के स्नातक और आचार्य चाणक्य ने जब देश पर संकट देखा, तो नौकरी छोड़ कर आक्रांता सिकंदर के खिलाफ पूरे देश का जनमानस तैयार करने निकल पड़े थे। और आज की स्थिति यह है कि ज्ञान का पीठ कहे जाने वाले विश्वविद्यालय में कुछ लोग खुलेआम राष्ट्र-विरोधी नारे लगा दें, या हमारे देश में आतंक फैलाने वाले पडोसी देश के समर्थन में नारे लगाएं, और भारत की न्यायिक व्यवस्था, प्रशासन व्यवस्था और बुद्धिजीवी वर्ग शांत रह जाए, ये दुःख और आश्चर्य की बात है। देश की सरकार से और निरंतर झूठे मुकदमों में हम आम लोगों को परेशान करने वाले, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे बच्चों पर लाठियां बरसाने वाले दिल्ली पुलिस से निवेदन है कि इस मामले में भी कानून-सम्मत निश्चित धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई करें और ऐसे हर तथाकथित विद्यार्थी को उठा कर सलाखों के पीछे डालें। इसके साथ ही परिसर के सम्बंधित अधिकारियों को भी सवालों के दायरे में लें, कि उनके रहते उनके परिसर में राष्ट्र-विरोधी नारे कैसे लग गए। इस मौके पर एक उदाहरण स्थापित करना आवश्यक है ताकि भविष्य में यह दुहराया न जाए। 
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाए ना सीता का दामन कोई" (-कैफ़ी) 
कुमार विश्वास के इस तरह के संदेश को अरविन्द केजरीवाल के साथ उनके रिश्तों में आई खटास का ही नतीजा माना जा रहा है। 10 फरवरी को कुमार विश्वास का जन्मदिन था और इस मौके पर अरविन्द केजरीवाल ने उनकी जन्मदिन की पार्टी से तो दूरी बनाए ही रखी, एक ट्वीट के जरिए भी शुभकामना देना जरूरी नहीं समझा।
इस मनमुटाव और जन्मदिन की पार्टी में कुमार विश्वास  के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य बीजेपी नेताओं के साथ करीब दिखने से अब इस बात की संभावना बहुत ज्यादा दिखाई दे रही है आम आदमी पार्टी का ये 'विश्वास' बहुत जल्दी ही टूटने वाला है।
सागर शर्मा 
नेशनल डेस्क 
समाचार वार्ता नई दिल्ली

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