(22/02/2016) 
उमर खालिद और साथी जेएनयू कैंपस में, सरेंडर करने से इनकार
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशविरोधी नारे लगाने का मुख्य आरोपी उमर खालिद अपने बाकी चार साथियों के साथ देर रात कैंपस पहुंच गया। खालिद के साथ विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र सभा कर रहे हैं। खबर मिलने पर पुलिस भी जेएनयू पहुंच गई लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। खालिद के साथ आरोपी छात्र अनिर्बान, अाशुतोष, रामा नागा और अनंत भी मौजूद हैं।

उमर खालिद ने छात्रों की मौजूदगी में भाषण भी दिया। यहां खालिद ने 15 मिनट लंबा भाषण दिया। उमर खालिद ने कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया है तो पुलिस आए और मुझे ले जाए। उसने कहा कि मैेंने भारत विरोधी और पाक समर्थक नारे नहीं लगाए। मेरा मीडिया ट्रायल हो रहा है।
सरेंडर और गिरफ्तारी के बीच उमर खालिद और उसके साथी कुछ देर में जेएनयू के वीसी से मुलाकात करेंगे। उधर, पुलिस अब तक इनके बाहर आकर सरेंडर करने का इंतजार कर रही है। लेकिन आरोपी छात्रों ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि उन्हें अंदर आकर पुलिस गिरफ्तार करे।
वहीं एक आरोपी छात्र रामा नागा ने कहाकि उस दिन नारेबाजी हुई थी, लेकिन हममें से किसी ने नारे नहीं लगाए, वो बाहर के छात्र थे। हमने मना भी किया। हम लोग यही जेएनयू के आस पास ही थे। हम कहीं नहीं भागे थे, माहौल खराब था इसलिए सामने नहीं आ रहे थे। अगर पुलिस हमें अरेस्ट करेगी तो हम कोई प्रतिरोध नहीं करेंगे।
कल शाम 6 से 8 बजे के बीच किसी वक्त कैंपस पहुंचे इन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि "डॉक्टर्ड वीडियो" का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया। पुलिस ने उनके बारे में सूचना मिलने के बाद एक टीम को वहां के लिए रवाना कर दिया लेकिन छात्रों ने कहा कि वे आत्मसमर्पण नहीं करेंगे, बल्कि पुलिस आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। ये पांच छात्र हैं उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश जो राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 12 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से लापता हो गए थे।
आशुतोष ने कहा कि वे जांच में मदद के मद्देनजर वापस आए हैं। छात्रों और दुनियाभर से हमें जो अपार समर्थन मिला है उसने हमें ताकत दी है। मैं, रामा, अनिर्बन और अनंत आस-पास ही थे लेकिन भीड़ के पीट-पीटकर मारने पर उतारू होने के माहौल की वजह से हम सामने नहीं आए। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे चारों उमर खालिद के संपर्क में नहीं थे और उससे उनकी कार्यक्रम के दिन नौ फरवरी को बातचीत हुई थी। आशुतोष ने कहा कि छात्र दिल्ली में ही थे और रविवार की शाम को लौटने का फैसला व्यक्तिगत तौर पर किया गया, न कि सामूहिक तौर पर।
उन्होंने कहा कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया, बल्कि डॉक्टर्ड वीडियो का इस्तेमाल करके हमें फंसाया गया। हम अब कहीं नहीं जाएंगे और विश्वविद्यालय को राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश किए जाने के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। इस बीच विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा कि फिलहाल पुलिस और मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है और इस संबंध में फैसला कल सुबह किया जाएगा।
इस बीच, भावी रणनीति पर फैसला करने के लिए छात्र संगठन आइसा की कैंपस में बैठक चल रही है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि कुछ अन्य छात्रों जिनके बारे में पुलिस ने अधिकारियों से सूचना मांगी थी वो भी कैंपस में दिखाई पड़े। इन छात्रों में रियाज और रूबीना शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि पुलिस खालिद के सरेंडर के लिए इंतजार करेगी। वो फिलहाल बाहर ही गेट पर मौजूद है। वहीं छात्रों का कहना है कि वो सरेंडर नहीं करेंगे पुलिस चाहे तो आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
बताया जाता है कि देर रात तकरीबन 12 बजे उमर खालिद कैंपस पहुंचा। उसके समर्थन में सैकड़ों जेएनयू छात्र यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक के पास जुट गए और सभा शुरू कर दी। इन छात्रों का कहना था कि उमर खालिद कोई आतंकी नहीं है। वो पुलिस को गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं। पुलिस आए और उसे गिरफ्तार कर ले। हालांकि कैंपस में न तो मीडिया को घुसने दिया गया है और न ही पुलिस ही कैंपस के अंदर पहुंची है।
पुलिस फिलहाल यूनिवर्सिटी के बाहर ही मौजूद है और वो रात भर इंतजार करती रही। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वो छात्रों की गिरफ्तारी के लिए सुबह का इंतजार करेगी और यूनिवर्सिटी प्रशासन से संपर्क में बनी हुई है। फिलहाल सैकड़ों की संख्या में छात्र कैंपस में मौजूद हैं और माहौल में तनाव बना हुआ है।

मोहित शर्मा 
समाचार वार्ता 

Copyright @ 2019.