(26/02/2016)
हरियाणा मे जाट आंदोलन का काला सच आने लग़ा सामने, हाईकोर्ट ने कहा बेहद शर्मनाक
दिल्ली : जाट आंदोलन की आड़ मे वहशियाना करतूत खड़ी फसलों के बीच इस कदर उभरी है कि समूचे हरियाणा सहित इन्सानियत़ को शर्मशार कर दिया है ! उपद्रवियों ने हिंसा के दौरान हुई किस प्रकार जुल्म की इंतेहा महिलाओं और लड़कियों पर ढाई है उसकी तसदीक़ मुरथल हाईवे पर महिलाओं के मिले अंतरंग वस्त्र कर रहे हैं। दबी जुबान मे कुछ लोगों ने भी माना है कि ये यहां हुई दरिंदगी के ही निशान हैं। बता दें कि यहां करीब दस मीटर एरिया में जगह-जगह महिलाओं की लैगीज, जींस, अंडर गारमेंट्स और टॉप्स फटे पड़े हैं। अलग-अलग दावों की मानें तो कपड़े ज्यादती की शिकार महिलाओं के ही हैं। हालांकि, अभी तक यह कन्फर्म नहीं हुआ है। उधर, पूरे मामले पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है। जबकि पुलिस ने आरोपों को नकारा है। इस मामले पर लोगों ने क्या कहा, क्या है पूरा मामला ! - आसपास के लोग भी दबी जुबां के साथ महिलाओं के साथ दरिंदगी की बात को स्वीकार रहे हैं। - लेकिन वह कहते हैं की डर के कारण किसी ने शिकायत की हिम्मत नहीं जुटाई। - वे कहते हैं हालात इतने खराब थे कि लोग मारकाट और आगजनी कर रहे थे, पुलिस मौन खड़ी थी। - हमें भी यहां कारोबार करना है इसलिए खुलकर शिकायत नहीं कर सकते। मामले पर पुलिस का क्या कहना है - उधर, पुलिस अभी इस मामले को सिरे से नकार रही है। एसपी अभिषेक गर्ग का कहना है कि यह कोई चोरी नहीं जो किसी पर भी मामला दर्ज कर लिया जाए। - अगर गैंग रेप का मामला है, तो किसी पीड़िता को तो सामने आना ही पड़ेगा। उन्होंने इन कपड़ों को भी पुराना बता दिया है। - डीएसपी मुरथल अजय धनखड़ का कहना है कि 23 लोगों से पूछताछ कर चुके हैं, एक ने भी ऐसी शिकायत नहीं की है। - वहीं गैंग रेप की घटना के मामले में हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। एक घंटे में जांच पूरी, लेकिन इन सवालों के जवाब कहां? - आला अफसरों की जांच एक घंटे में ही कैसे पूरी हो गई? - पुलिस के सामने ही दरिंदगी हुई तो कोई पीड़िता कैसे उनसे शिकायत करने जाती? - महिलाओं के ही कपड़े क्यों गिरे, क्या बैग में पुरुषों के कपड़े नहीं थे। फटे और मिट्टी में सने कैसे? - पुलिस ने वहां जली पड़ी गाड़ियों के मालिकों से क्यों कॉन्टैक्ट नहीं किया। - हाईवे के आसपास बने ढाबों, रेस्टोरेंंट और पेट्रोल पंपों में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। क्या इनकी जांच होनी चाहिए। क्या कहा कोर्ट ने... - जैसे ही मामला सुनवाई के लिए बेंच के सामने आया तो जज ने कहा 'शेम फुल, वैरी शेम फुल फॉर गवर्नमेंट"। - इसके साथ ही खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करके पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट 29 फरवरी तक देने को कहा है। - इसमें भी डीजीपी और एसीएस होम से अलग जांच रिपोर्ट मांगी है। - कोर्ट ने साफ़ कहा कि कोई शिकायत सामने आती है तो सीबीआई जांच के आदेश देना भी कोर्ट के दायरे से बाहर नहीं है। क्या है पूरा मामला - ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुरथल हाईवे पर प्रदर्शन के दौरान कुछ बदमाशों ने खेत में महिलाओं के साथ रेप किया। - महिलाएं तब तक खेत में रही जबतक कि गांववालों और परिजनों ने उन्हें शरीर ढकने के लिए कंबल और कपड़े लेकर खेत तक नहीं पहुंचे। - कुछ महिलाओं ने भागकर जान बचाई। आरोप है कि पुलिस से जब मामले की शिकायत की गई तो उन्होंने सम्मान की खातिर चुप रहने की हिदायत दी थी। - ट्रिब्यून की इस रिपोर्ट के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना की पुष्टि अब तक नहीं... - इससे पहले हाईकोर्ट के जज एन. के. सांघी ने मीडिया में अाई खबरों पर चीफ जस्टिस को लेटर लिखकर स्वयं मोटो कॉग्नीजेंस लेने का आग्रह किया था। - मामले की सुनवाई गुरुवार को जस्टिस एस.के. मित्तल और एन.के. सांघी की कोर्ट में हुई। - कोर्ट में सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल बी.आर. महाजन पेश हुए। - जब कोर्ट ने शेम फुल की टिप्पणी की तो एजी ने कहा कि इस तरह की कोई घटना अभी सामने नहीं आई है। - प्रशासन के आला अधिकारियों और महिला आयोग की टीम ने भी घटनास्थल और आसपास के इलाकों का दौरा किया है। - गांव के लोगों से बात की है, लेकिन किसी ने भी घटना की पुष्टि नहीं की है। कोर्ट ने कहा- हरियाणा में महिलाएं घर से निकलने में डर रहीं हैं... - कोर्ट ने कहा कि समाचार पत्र के माध्यम से यह घटना सामने आई है। - पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पीडि़तों की मदद करने के बजाय उन्हें वहां से जाने के लिए कह रहे थे। यह शर्मनाक है। - ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों का न्याय व्यवस्था से विश्वास ही उठ जाएगा। - जस्टिस मित्तल ने कहा कि आज हालात ऐसे लग रहे हैं कि हरियाणा में मां-बहनें और अन्य लोग घर से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। - पुलिस थानों में जाने से उन्हें डर लग रहा है। प्रदेश की कानून व्यवस्था कहां गुम है। चश्मदीद अदालत पहुंचा, सुरक्षा की उठाई मांग - मामले में सुनवाई के दौरान घटना का चश्मदीद गवाह हाईकोर्ट पहुंचा। - कोर्ट को बताया कि आई.जी. सोनीपत चश्मदीदों को डरा-धमका रहे हैं, ताकि मामले को ठंडा किया जा सके। - ऐसे में उसे सुरक्षा मुहैया करवाई जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने अभी तत्काल सुरक्षा मुहैया करवाने से इंकार करते हुए अपनी शिकायत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कम सीजेएम को देने को कहा है। - कोर्ट ने कहा कि कोई किसी चश्मदीद गवाह को धमका नहीं सकता। कोर्ट के दरवाजे खुले हुए हैं देश की कोर्ट अभी बंद नहीं हुई हैं। पीड़ित सीधे शिकायत करें, हम देखेंगे - कोर्ट ने कहा है कि आंदोलन के दौरान हरियाणा के किसी भी हिस्से में किसी के भी साथ यौन अपराध हुआ है तो वह खुद या अपने रिश्तेदार के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सीजेएम को सीलबंद लिफाफे में शिकायत दे सकता है। - ई मेल या किसी अन्य माध्यम से भी शिकायत भेजी जा सकती है। सीजेएम उस शिकायत को थाने में भेजकर तुरंत जांच शुरू करवाएंगे। - शिकायतकर्ता की पहचान हर हाल में गोपनीय रखी जाएगी। - इनके अलावा जिन लोगों की प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ है, वे भी सीजेएम को अपनी शिकायत दे सकते हैं। सागर शर्मा नेशनल डेस्क |
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