(04/03/2016) 
जेल से निकलकर कन्हैया ने कहा "भारत से नहीं, भारत में ही चाहिए आजादी"
नई दिल्ली। देश विरोधी नारेबाजी का आरोपी कन्हैया कुमार अंतरिम जमानत पर तिहाड जेल से छूटने के बाद गुरूवार रात जेएनयू कैंपस पहुंचा। जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद हजारों छात्रों की भीड़ को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि उन्हें देश से नहीं बल्कि देश में आजादी चाहिए। हमें संविधान और न्यायपालिका पर भरोसा है और देश की गरीबी और भुखमरी से आजादी चाहिए। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कन्हैया ने कहा, आज मोदी जी जब संसद में बोल रहे थे, तो मेरा मन किया कि मैं टीवी में घुस जाऊं। मोदी जी का सूट पकड कर कहूं, जरा हिटलर की बात कर दीजिए। छो़ड दीजिए हिटलर को, मुसोलिनी की बात कर दीजिए। जिससे आपके गुरू गोलवलकर जी मिलने गए थे।

मन की बात करते हैं, सुनते नहीं हैं। कन्हैया ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ को आपने हर-हर कहकर ठग लिया, कुछ आज अरहर से परेशान हैं। कैंपस में छात्रों की एक बडी भीड को संबोधित करते हुए कन्हैया ने एक बार फिर आजादी के नारे लगाए। कन्हैया ने आरएसएस, सामंतवाद, जातिवाद से भी आजादी के नारे लगाए। कैंपस में भारत माता की जय, जय हिंद के नारे लगाए। कन्हैया ने कहा कि हम असमानता, शोषण, सामंतवाद, जातिवाद से आजादी लेकर रहेंगे। 

जानें-कन्हैया के भाषण से जुडी 10 अहम बातें 
1. भारत में आजादी चाहिए:हम भारत से नहीं लड रहे। हम भारत में आजादी मांग रहे हैं। कन्हैया ने आजादी के नारे लगाते हुए कहा कि देश को आरएसएस, असमानता, सामंतवाद, जातिवाद और शोषण से आजादी चाहिए। ये समस्याओं से ध्यान भटकाने की साजिश है। हम समस्या से आजादी चाहते हैं। हमें फर्जी ट्वीट करने वाले संघियों से भी आजादी चाहिए। जेएनयू को भुलाना आसान नहीं। 

2.पीएम मोदी के वायदों पर तंज:जादूगर दिखाएगा जादू बेचेगा अंगूठी। इस देश के भी कुछ नीति निर्माता हैं, जो कहते हैं कि काला धन कम होगा, हर-हर मोदी। महंगाई कम होगी। सबका साथ सबका विकास। वे सारे जुमले लोगों के जेहन में हैं। हालांकि हम भारतीय लोग भूलते हैं लेकिन इस बार तमाशा इतना बडा है कि भूल नहीं पा रहे हैं। लेकिन वे चाहते हैं कि उन जुमलों को भुला दिया जाए। जनविरोधी सरकार के खिलाफ बोलेंगे तो साइबर सेल झूठा विडियो भेजेगा। आपको गालियां देगा।
3. एबीवीपी पर कसा तंज: एबीवीपी से कोई नफरत नहीं है। कैंपस का एबीवीपी बाहर के एबीवीपी से ज्यादा तार्किक है। जब हमने जेएनयू के एबीवीपी को पानी-पानी कर दिया तो सोचिए बाकी एबीवीपी का क्या हाल होगा। एबीवीपी को दुश्मन नहीं विपक्ष की तरह देखते हैं।

4. जेएनयू पर सुनियोजित हमला:यह बहुत गंभीर समय है। जेएनयू पर हमला एक नियोजित हमला है। ये नियोजित है ताकि रोहित वेमुला की ल़डाई खत्म हो। आप जेएनयू का मुद्दा इसलिए चला रहे हैं ताकि लोग भुला दें कि मौजूदा पीएम ने अकाउंट में 15 लाख देने की बात कही थी। जेएनयू को भुलाना आसान नहीं। इस देश की सत्ता ने जब-जब अत्याचार किया है, जेएनयू से बुलंद आवाज आई है।

5. संविधान पर भरोसा:संविधान में भरोसा करते हैं। संविधान की सभी धाराओं के लिए खडे हैं। प्रस्तावना में जो लिखा है उसपर खडे हैं। समानता, धर्मनिरपेक्षता पर भरोसा करते हैं। इस बार मैंने पढा कम है, सिस्टम को झेला ज्यादा है। मेरे पास प्राइमरी डेटा है। फर्स्ट हैंड सूचना है। जो प्रRया न्यायालय के अधीन है, उसपर कुछ नहीं कहना है। मैं भी कहता हूं सत्यमेव जयते। सत्य की जय होगी।
6. सीमा पर जवानों को सल्यूट किया: सीमा पर जवानों को सल्यूट करता हूं। जेल में सीखा है कि जब ल़डाई विचारधारा की है, तो व्यक्ति को प्राथमिकता नहीं देना चाहिए। मैं बीजेपी के नेता से पूछना चाहता हूं कि वह जवान आपका क्या है। मेरा बाप किसान है वह खुदकुशी करता है। उसी का बेटा सीमा पर ही शहीद होता है। आप इसकी जिम्मेदारी मत लो। भारत से आजादी नहीं, भारत में आजादी मांग रहे हैं। अंग्रेजों से आजादी नहीं मांग रहे।

7. रोहित वेमुला केस पर क्या बोले: रोहित वेमुला के लिए जो लड रहे हैं, उन्हें धन्यवाद। जब लडाई विचारधारा की हो तो किसी व्यक्ति का नाम लेकर उसे पब्लिसिटी नहीं देना चाहिए, इसलिए किसी का नाम नहीं लूंगा। उनके खिलाफ बोलेंगे तो उनका साइबर सेल आपका डॉक्टर्ड वीडियो भेजेगा।

8. जारी रहेगा संघर्ष:मेरी मां ने कहा कि हम तो अपना दर्द कहते हैं। देश में जो हो रहा है वह खतरनाक प्रवृति है। आप झूठ को झूठ बना सकते हैं, सच को झूठ नहीं बना सकते। हमारा आंदोलन स्वत: स्फूर्त। इस संघर्ष को तुम दबा नहीं पाओगे। तुम जितना दबाओगे, हम उतना खडा होंगे।

9. केंद्र का ध्यान भटकाओ प्रस्ताव: कन्हैया ने मोदी सहित सत्ता में बैठे लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका काम ही देश की जनता का ध्यान भटकाना है। काठ की हांडी कितना बार चढाओगे भाई, इनकी कोशिश होती है चीजों को भटकाया जाए। ध्यान भटकाओ प्रस्ताव ये बाहर लाते हैं।

10. लिखूंगा अपनी कहानी: कन्हैया कुमार के मुताबिक वह मीडिया ट्रायल का शिकार हुआ है। उसने कहा कि मैं अपनी कहानी खुद लिखूंगा। इसकी शुरूआत मैंने जेल में ही कर दी है। मैंने कभी भी भारत के खिलाफ कुछ नहीं बोला। मुझे भरोसा है कि सच कायम रहेगा। सही बातें धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। मैं लंबी लडाई के लिए तैयार हूं।
Copyright @ 2019.