(12/03/2016) 
दक्षिणी सूडान की आर्मी को वेतन के बदले रेप की इजाज़त:सयुंक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का कहना है कि दक्षिणी सूडान की आर्मी से जुड़े लड़ाकों को वेतन के बदले महिलाओं का रेप करने की इजाज़त दी जाती है| रिपोर्ट के मुताबिक़ एक जांच में पता चला है कि दक्षिणी सूडान के यूनिटी राज्य में पिछले साल 1,300 महिलाओं का बलात्कार किया गया| संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि सेना आम लोगों की हत्याएं और बलात्कार करती है|

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का कहना है कि दक्षिणी सूडान की आर्मी से जुड़े लड़ाकों को वेतन के बदले महिलाओं का रेप करने की इजाज़त दी जाती है| रिपोर्ट के मुताबिक़ एक जांच में पता चला है कि दक्षिणी सूडान के यूनिटी राज्य में पिछले साल 1,300 महिलाओं का बलात्कार किया गया| संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि सेना आम लोगों की हत्याएं और बलात्कार करती है।

वहीं दक्षिणी सूडान की सरकार ने इन आरोपों से इंकार किया है कि उसकी सेना आम लोगों को निशाना बनाती है, लेकिन उसका कहना है कि इस मामले में जांच हो रही है। राष्ट्रपति सल्वा कीर के एक प्रवक्ता एटेनी वे एटेनी ने बताया, हम नियमों के अनुसार काम करते हैं"।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाके 'जो कर सकते हो करो, जो ले जा सकते हो ले जाओ समझौते के तहत काम करते हैं और यही समझौता उन्हें वेतन के बदले महिलाओं और लड़कियों को साथ ले जाने और उनका बलात्कार करने की इजाज़त देता है. रिपोर्ट के मुताबिक़ लड़ाके आम लोगों के मवेशी और निजी संपत्ति भी ले जाते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त ज़ैद राद अल हुसैन का कहना है कि दक्षिणी सूडान में जितने बड़े पैमाने पर यौन हिंसा होती है वो दुनिया में सबसे जघन्य मानवाधिकारों के हनन में शामिल है।एक महिला ने बताया कि उसकी आंखों से सामने उनके पति को मौत के घाट उतार दिया गया और फिर उनकी 15 साल की बेटी के साथ 10 सैनिकों ने बलात्कार किया।

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सरकारी बल और उनसे जुड़े लड़ाके लड़कियों का सामूहिक बलात्कार करते हैं और आम लोगों को टुकड़ों में काट देते हैं. रिपोर्ट में विरोधी लड़ाकों पर भी मानवाधिकार के हनन के आरोप लगाए गए हैं।

दक्षिणी सूडान में दिसंबर 2013 में गृह युद्ध शुरू हुआ जब राष्ट्रपति कीर ने अपने उपराष्ट्रपति रीक माशर को पद से हटा दिया था और उन पर तख्तापलट की कोशिशों करने का आरोप लगाया था।

माशर ने इन आरोपों से इंकार किया लेकिन तभी से उन्होंने सरकार से लड़ने के लिए एक विद्रोही सेना बना ली. तब से दोनों गुटों के संघर्ष में दसियों हजार लोग मारे गए हैं और बीस लाख से ज़्यादा लोग बेघर हो गए हैं।


प्रेियंका भारद्वाज 

ब्यूरो रिपोर्ट 

समाचार वार्ता 

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