(13/03/2016) 
विश्व को प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से बचाने हेतू शुरू हुआ 9 दिवसीय विशाल शतचण्डी महायज्ञ
विश्व को प्राकृतिक आपदाओं के आकस्मिक प्रकोप से बचाने एवम् मानव प्राणी को नाना प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने हेतू यमुनापार के चन्दू पार्क पुरानी अनारकली कालोनी स्थित "श्री सीताराम संत सेवा मन्दिर" में अंतर्राष्ट्रीय महात्यागी खालसा के महंत एवम् महामण्डलेश्वर रामगोविंद दास महात्यागी महाराज के पावन सानिध्य मे "21 वें 9 दिवसीय विशाल श्री शतचण्डी महायज्ञ" का भव्य शुभारम्भ हुआ।

महायज्ञ का  समापन 20 मार्च को सन्त महात्माओं द्वारा प्रकृति के प्रकोप को शांत करने हेतु डाली जाने वाली लाखो आहुतियों के साथ होगा। महायज्ञ प्रारम्भ होने से पूर्व नगर में जनजागरण हेतु महामण्डलेश्वर रामगोविंद दास महात्यागी महाराज सहित देश के अन्य प्रांतों से आये सन्तों के नेतृत्व में सौभाग्यवती महिलाओं की  विशाल कलश यात्रा निकाली गई । जो क़ि प्रातः 7 बजे श्री सीताराम सन्त सेवा मन्दिर से शुरू हुई । 
कलश यात्रा महायज्ञ स्थल से चलकर चन्दू पार्क, पुरानी अनारकली, रामनगर, न्यू लायल पुर, सोमबजार, साऊथ अनारकली, जगतपुरी व्  राधापुरी होते हुए वापिस महायज्ञ स्थल पर समाप्त हुई । कलश यात्रा का जगह जगह धर्म  प्रेमी श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत किया गया । यात्रा में काफी संख्या में क्षेत्र के गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे । यात्रा मार्ग सुबह से दोपहर तक " विश्व का कल्याण हो - प्राणियों में सदभावना हो , गऊ माता की जय हो , धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो के जयकारों से गुंजायमान होता रहा । 
श्री शतचंडी महायज्ञ के शुभारंम्भ अवसर पर भारी तादाद में उपस्थित धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं पर ज्ञान गंगा की अमृत वर्षा करते हुए महामण्डलेश्वर रामगोविंद दास महात्यागी जी महाराज ने कहा क़ि पृथ्वी लोक पर महा प्रलय, महामारी, जलजला, सूनामी, चक्रवात व् भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं का कहर तभी बरसता है जब प्रकृति से खिलवाड़ होने के कारण प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ने लगता है । अतः प्रकृति से दोस्ती करो दुश्मनी नहीं ।
महाराज ने यह भी बताया क़ि वर्तमान के बदलते परिवेश में महायज्ञ के माध्यम से प्रकृति के प्रकोप को शांत करने के प्रयास किये ही जा रहे है लेकिन इसके बावजूद सभी को यह सकल्प भी लेना होगा क़ि ना प्रकृति से खिलवाड़ करेंगे ना करने देंगे। क्योंकि इसी में है सर्वत्र प्राणियों का कल्याण।
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