(13/03/2016) 
आरएसएस का ड्रेस काेड बदला, हाफ खाकी पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट
नागौर (राजस्थान)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस का ड्रेस कोड बदल दिया गया है। रविवार को नागौर में हुई राष्ट्रीय बैठक मेें सर सहकार्यवाह भैयाजी जोशी ऐलान किया कि अब स्वयंसेवक खाकी हाफ पैंट की जगह भूरे रंग की फुल पैंट पहनेंगे। बताया जा रहा है कि आरएसएस का ड्रेस कोड बदलने के पीछे युवा एक बड़ी वजह हैं। संघ युवाओं को अपनी ओर खींचना चाहता है। संघ का मानना है कि मौजूदा हाफ पैंट का आकार और रंग युवाओं के बड़े वर्ग तक जुड़ने में अड़चन बना हुआ था। संघ को उम्मीद है कि ड्रेस बदलने के बाद वे ज्यादा युवाओं को अपनी ओर आकर्षित कर पाएंगे। आरएसएस के 90 साल के इतिहास में केवल एक बार इसकी ड्रेस बदली गई है। युवाओं को अपने साथ और ज्यादा युवाओं को जोड़ने के साथ ही उत्तरी भारत के मौसम को भी इस फैसले के पीछे देखा जा रहा है।

आरएसएस का ड्रेस कोड बदलने के लिए पांच साल तक विचार-विमर्श हुआ। ड्रेस कोड बदलने का प्रस्ताव साल 2010 में आया था। राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख डॉ मनमोहन वैद्य ने बताया कि साल 2015 में एक बार फिर ड्रेस कोड बदलने का प्रस्ताव आया, जिसे मंजूर कर लिया गया। प्रेस कांफ्रेंस में भैयाजी जोशी ने कहा, 'हम वक्त के साथ बदलते रहेंगे। खाकी हाफ पैंट के बदले स्वयंसेवक फुल भूरे रंग की पैंट पहनेंगे। लंबे वक्त के बाद आरएसएस का ड्रेस कोड बदला गया है। इससे पहले तीन बार आरएसएस का ड्रेस कोड बदला जा चुका है। सबसे पहले संघ की ड्रेस में पैंट शामिल थी। बाद में हाफ पैंट आई। आरएसएस का ड्रेस कोड पहली बार 1939 में बदला गया था। उस समय खाकी शर्ट का रंग सफेद किया गया। 2010 में चमड़े की जगह कैनवस बेल्ट ने ली। संघ के 90 साल के इतिहास में सिर्फ टोपी आज तक नहीं बदली है।
Copyright @ 2019.