(27/03/2016) 
वैट नें तोडा रिकॉर्ड, संग्रह 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा - सज्जन सिंह यादव.
व्यापार एवं कर विभाग, दिल्ली सरकार ने इस वर्ष वैट संग्रह का नया रिकॉर्ड बनाया है. चालू वित्त वर्ष में 25 मार्च तक कुल कर संग्रह 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है, जबकि अभी भी इस वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक सप्ताह का समय बाकि है

और इस अवधि के दौरान कर संग्रह और अधिक बढ़ने की उम्मीद है. यह जानकारी वैट आयुक्त सज्जन सिंह यादव ने प्रदान की. उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस वर्ष वैट संग्रह में अब तक 2,000 रुपये करोड़ का इजाफा हुआ है।

वैट आयुक्त सज्जन सिंह यादव ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में वैट संग्रह में11% की वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि पिछले वित्त वर्ष में वैट संग्रह में वृद्धि केवल 2%दर्ज की गयी थी. चालू वित्त वर्ष में दिल्ली में वैट संग्रह वृद्धि दर देश में सबसे ज्यादा दर्ज की गयी है. यह उपलब्धि इस मायने में सराहनीय है कि कई राज्यों में चालू वित्त वर्ष में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है. वैट दिल्ली सरकार का सबसे महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है और दिल्ली के कुल राजस्व का दो तिहाई से अधिक वैट के रूप में आता है।

यादव ने आगे बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में वैट संग्रह में रिकार्ड वृद्धि व्यापार एवं कर विभाग द्वारा उठाये गए कई उपायों के कारण संभव हो सका.  कर आधार में वृद्धि -52,627 नए पंजीकृत डीलरों को जोड़ कर वैट नेटवर्क में वृद्धि की गयी. डेटा का विश्लेषण और कर बकाएदारों की पहचान के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा केंद्र सरकार और सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्सवित्त मंत्रालय और कारपोरेट मामलों के मंत्रालय सहित अन्य राज्य सरकारों के साथ डेटा साझा करने की व्यवस्था लागू की गयी. उक्त के अलावा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से डाटा साझा किया गया. दिल्ली सुगम -फार्म लागू कर और दिल्ली के सभी प्रवेश द्वारों पर स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरों को लगा कर दिल्ली में माल के प्रवेश पर नज़र रखा गया. इन सभी उपायों से ही रिकॉर्ड वैट संग्रह संभव हो सका है।

दिल्ली के लोगों ने वैट संग्रह के वृद्धि में बहुत योगदान दिया है. लोगो ने ऐसे डीलरों की पहचान में मदद की है जो अवैध वैट पंजीकरण के साथ व्यापार कर रहे थे एवं वैट से बचने के लिए रिकॉर्ड में हेर-फेर कर रहे थे. बिल बनाओ इनाम पाओ योजना से यह संभव हो पाया है. DVATBILL एप्लिकेशन के तहत अपलोड बिलों  के माध्यम से 50 से अधिक डीलरों को पकड़ा गया है जो रद्द / अमान्य पंजीकरण पर कारोबार कर रहें है. इसके अलावा लगभग 100 डीलरों को रिकॉर्ड में हेर फेर करने का दोषी पाया गया, यह भी अपलोड बिलों के परिक्षण के द्वारा संभव हो सका है. वैट आयुक्त ने कहा कि विभाग इन मामलों में आगे जांच कर रहा है और ऐसे डीलरों के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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