(04/04/2016) 
"गोलियाँ चलती रही पुलिस सोती रही गवा बैठा एटीएस डीएसपी अपनी जान"
स्योहारा :- जिस समय एटीएस डीएसपी मौह्म्म्द तंजील को अज्ञात बदमाशो ने घेर कर ताबड़ तोड़ गोलियाँ चलाते हुए उन्हें भुन डाला और उनकी पत्नी को घायल कर डाला तो उनके साथ कार में सवार बेटी व बेटा पापा पापा चिल्लाते रहे जिनकी आवाज गोलियों की गड़गड़ाहट में दब गई।

यहा मालूम हो की घटना स्थल पर कुछ दुरी पर रहने वाले परिवारों के लोग तो जाग गये लेकिन घटना स्थल पर मात्र 500 मीटर की दुरी पर स्थित सहसपुर पुलिस चौकी पर डयूटी देने वाले पुलिस कर्मियों के कानो में बदमाशो द्वारा चलाई गई गोलियों की आवाज़ नही पहुंची। जिसका लाभ उठाते हुए डीएसपी की हत्या कर भागने में कामयाब हो गये जबकि घटना के बाद तुरंत पीछे से कार द्वारा आ रहे मुर्तक के भाई ने पुलिस को फोन भी किया किन्तु पुलिस ने अनसुना कर दिया। बाद में मुर्तक के भाई ने एनआईए के अधिकारियों को घटना से अवगत कराया तब जाकर उनके हड़काने पर स्योहारा और सहसपुर पुलिस हरकत में आई। यदि समय रहते सहसपुर चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी हरकत में आ जाते तो मुमकिन है की डीएसपी के हत्यारे पुलिस की पकड़ में आ जाते पुलिस की निष्क्रय कार्यवाही की निंदा की जा रही है।

कही डीएसपी तंजील की हत्या में विभाग्य लोगों का ही हाथ तो नही?
जैसे की सूत्र बताते एनआईए के डीएसपी मौह्म्म्द तंजील कई स्थानों पर घटित आतंकवादी घटनाओ के खुलासे की सुराग रसी में लगे हुए थे और उनके साथ सुरक्षा कर्मी भी रहते थे ऐसे में उनकी पल पल की ख़बर विभाग्य अधिकारियों के अतिरिक्त बहारी लोगो को लगना एक अहम सवाल है क्योकि जब मौह्म्म्द तंजील अपने कार्यालय दिल्ली से अपने घर सहसपुर आये तो इसकी जानकारी विभाग के अतिरिक्त उसके परिजनों को ही थी। जिसे लेकर मौह्म्म्द तंजील पूरी तरह बेफिक्र थे लेकिन उन्हें क्या पता था की कोई उनका मौत का साया बनकर पीछा कर रहा है। यदि उन्हें तनिक भी भनक लग जाती तो उनके साथ ये हादसा ना घटता। घटनाक्रम को देखने के बाद खुद ही ये अंदाजा लगाया जा सकता है की हत्यारे स्योहारा में शादी समारोह में शामिल होने से लेकर धटना को अंजाम देने तक उनकी पल पल की गतिविधियों पर नज़र रखे हुए थे और योजनाबद्ध तरीके से हमलावरों ने घटना को अंजाम दे डाला।

शीघ्र पकड़े जाने चाहिए तंजील के हत्यारे
क्षेत्र के तमाम राजनितिज्ञो समाजसेवियो एंवम आम नागरिको ने डीएसपी मौह्म्म्द तंजील के हत्यारों को सीघ्र पकड़ने की मांग की है।

बाबू अंसारी
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