(15/04/2016) 
NDMC नई दिल्ली का कलात्मक स्वरूप विकसित करने के लिए विश्वस्तरीय मूर्तिशिल्पकारों को करेगी आमंत्रित
नई दिल्ली : नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् ने नई दिल्ली क्षेत्र की शहरी भूदृश्यावली को कलात्मक दृष्टि से उन्नत करके इसका स्वरूप बदलने के लिए विश्वस्तरीय मूर्तिशिल्पकारों और कलाकारों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया है।

चुनिदां विश्वस्तरीय मूर्तिकार अपने क्षेत्र के भारतीय कलाकारों से विचार-विनियम करके भारतीय संस्कृति, विरासत एवं भारतीय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों और आयामों पर अपने मूर्तिशिल्पों का सृजन करेंगे। इन चुनिदाॅं कलाकारों में 75 प्रतिशत कलाकार विदेशी होंगे जबकि 25 प्रतिशत कलाकार स्वदेश से होंगे। इस कार्ययोजना के सभी व्यवहारगत पहलुओं और संभावनाओं पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है और संभावना है कि यह कार्ययोजना एक या उसके अधिक महिने में पूरी हो जायेगी । पालिका परिषद् ने इस संबंध में ललित कला अकादमी की सहायता लेने का प्रस्ताव भी रखा है ।
    प्रख्यात मूर्ति शिल्पकारों और कलाकारों द्वारा सृजित की गई कलाकृतियों को नई दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर स्थापित करके प्रदर्शित किया जायेगा । इस आश्य की घोषणा आज नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के अध्यक्ष नरेश कुमार ने नौ भारतीय मूर्ति शिल्पकारों को स्मृतिचिन्ह भेंट करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए की है।
    इन सभी नौ मूर्ति-कलाकारों ने नई दिल्ली में श्री लक्ष्मीनारायाण मंदिर के सामने पार्क में ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक पाक्षिक कला सृजन शिविर में नौ विशेष विषयों पर अपनी कलाकृतियों का सृजन किया है। इन कलाकृतियों का सृजन काले पत्थर से लगभग 10 फुट और उससे बडे आकार में इन नौ कलाकारों द्वारा किया गया है। इन नौ कलाकारों के नाम और उनके राज्य इस प्रकार हैं - गुजरात से सर्वश्री दीपक रसालिया, विनोद ए.पटेल और दीपक के.खत्री, राजस्थान से भूपत डुडी और भूपेश कांवरिया, उडीसा से गणेश गोहन और अद्वैत गड्नायक, कर्नाटक से एस.गोपीनाथ और आन्ध्रप्रदेश से श्रीनिवास रेड्डी ।
    इन नौ कलाकारों द्वारा सृजित की गई कलाकृतियों के विषय इस प्रकार है - पर्वत और बादल, दर्पण, बीजरहित, दिल्ली को श्रद्धाजंलि, बैठने का एक स्थान, अरावली का एक दृश्य, ज्ञान-वृक्ष और निहित-वार्ता। इस मूर्ति सृजन शिविर में बनायी गई इन सभी कलाकृतियों को अब जल्द पालिका परिषद् क्षेत्र के सभी बडें उद्यानों में स्थापित करके प्रदर्शित किया जायेगा ।
    ललित कला अकादमी और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् ने इन सभी कलाकारों को इनके दिल्ली प्रवास के दौरान सभी अपेक्षित सुविधाएॅं उपलब्ध करायी है।
    नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् का यह प्रयास शहर को उसकी संस्कृति से पहचान कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है ।
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