(20/04/2016) 
पाकिस्तान ने बिना दिल और लिवर के लौटाया किरपाल सिंह का शव
नई दिल्ली : पाकिस्तान की लाहौर जेल में पिछले 25 साल कैद रहने वाले भारतीय नागरिक कृपाल सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को भारत पहुंचा। 11 अप्रैल को उनके निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर के भारत आने का इंतजार किया जा रहा था, पाकिस्तान ने कृपाल सिंह का शव भारत को सौंपने से पहले लाहौर के जिन्ना अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया और इसके बाद उसे भारत को सौंपा गया। पाकिस्तानी जेल प्रशासन ने मौत की वजह हार्ट अटैक बताई थी।

लाहौर के हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के दौरान दिल और लिवर निकाल कर उनकी बॉडी भेजी गई है। वहीं, उनके साथ आए समानों में खत भी मिले हैं। इनमें वे फैमिली से वकील कर खुद को जेल से रिहा कराने की बात कह रहे हैं। शव का दिल और कुछ अन्य अंग लाहौर के जिन्ना अस्पताल में निकाल लिए गए।
ये बात शव के भारत में दोबारा पोस्टमार्टम के बाद पता चली है फिलहाल कुछ अंगों के हिस्से लैब भेजे गए हैं, ताकि पता चल सके कि कहीं किरपाल की मौत जहर से तो नहीं हुई।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर अशोक चनाना ने बताया कि मौत किस वजह से हुई फिलहाल ये कहना मुश्किल है। जिन्ना अस्पताल की रिपोर्ट और विसरा रिपोर्ट के बाद ही पक्के तौर पर कुछ कहा जा सकता है। पोस्टमॉर्टम के बाद किरपाल के शव को परिवार को सौंप दिया गया। उसका अंतिम संस्कार गुरदासपुर में होगा।
गुरदासपुर के रहने वाले किरपाल जासूसी के आरोप में पिछले 25 सालों से पाकिस्तानी जेल में कैद थे. वह 1992 में वाघा सीमा के रास्ते कथित तौर पर पाकिस्तान में घुस गए थे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. उन्हें बाद में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में मौत की सजा सुनाई गई।
किरपाल को लाहौर हाई कोर्ट ने कथित तौर पर बम विस्फोट के आरोपों से बरी कर दिया था लेकिन उनकी सजा को अज्ञात कारणों से कम नहीं किया गया. किरपाल के परिजनों ने उनकी मौत के पीछे साजिश बताई है, लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि किरपाल की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई।
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