(02/05/2016) 
उत्तराखंड के जंगलों की आग बुझाने में जुटे सेना के हेलीकॉप्टर, धुएं के कारण भीमताल-पौड़ी से लौटा चॉपर
उत्तराखंड के जंगल में फैलती आग को काबू करने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य पुलिस, वन विभाग की टीमें लगी हुई हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, हालात नियंत्रण में हैं। एयरफोर्स के तीन हेलीकॉप्टर्स भी जंगल में पानी का छिड़काव कर आग बुझाने की कवायद में जुटे हैं। स्थानीय लोग भी इस काम में मदद कर रहे हैं।

भीमताल और पौड़ी में आग बुझाने पहुंची ग्यारह सदस्यों की एयरफोर्स की टीम को भारी धुएं का सामना करना पड़ा। एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को भेजा गया था पानी फेंककर आग बुझाने के काम के लिए लेकिन वे जीरो विजिबिलिटी के चलते वापस आ गए।
एनडीआरएफ के अलावा एसडीआर एफ और थलसेना के जवान आग बुझाने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं.  इस आग में अब तक सात लोग मारे जा चुके हैं जबकि 15 लोग घायल हैं. अल्मोड़ा के एक रिसॉर्ट के मालिक के मुताबिक सांस लेने में दिक्कत हो रही है, आंखों में जलन है. अस्थमा रोगियों को काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. आग से कुल 1890.79 हेक्टेयर वन क्षेत्र बर्बाद हो चुका है. आग का यह सिलसिला जाड़े के कारण फरवरी में आरंभ हुआ था. उत्तराखंड में 800 गांवों के आसपास के जंगल बीते एक हफ्ते से आग से धधक रहे हैं।
करीब 205 हेक्टेयर जंगल राख हो गया है. सबसे ज्यादा बेतालघाट, काब्रेट टाइगर रिजर्व और राजाजी नेशनल पार्क के जंगलों में नुकसान की खबर है. तेज हवा की वजह से आग बढ़ती जा रही है. अल्मोड़ा में भी जंगलों में लग रही आग बुझाने को एनडीआरएफ के 40 जवानों की टुकड़ी वहां पहुंच गई है. जवानों के अल्मोड़ा पहुंचने के बाद जिलाधिकारी सचिन बंसल ने आपदा प्रबंधन वन अर पुलिस विभाग के अधिकारियं के साथ बैठक की।
डीएम ने बताया कि 36 जवानों की छह टोलियां बनाई गई हैं. पौड़ी, चमोली और अल्मोड़ा जिले में अलग-अलग जगहों पर एनडीआरएफ का ऑपरेशन जारी है. कई इलाकों में आग पर काबू पाया भी गया है लेकिन कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां आग पर काबू पाना काफी मुश्किल हो रहा है. राज्य सरकार के आग्रह पर दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर भी वहां जा रहे हैं।
प्रधान वन संरक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग के फैलने से एनडीआरएफ की तीन टीमें अल्मोड़ा, गौचर और पौड़ी में आग बुझाने के लिए लगाई गई हैं जबकि एसडीआरएफ की एक टीम नैनीताल में लगाई गई है. इस साल फरवरी की शुरुआत से राज्य के वनों में आग लगने की घटनाएं आरंभ हुई अब तक इस तरह की 922 घटनाएं हो चुकी हैं।
अलग-अलग घटनाओं में तीन महिलाएं और एक बच्चे सहित छह लोग मारे गए हैं और सात लोग घायल हुए हैं. मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि आगामी सात दिनों के लिए संभावित फायर प्वाइंट्स अज्ञैर वन क्षेत्र की स्थिति व नाम वन विभाग की वेबसाइट पर वन मुख्यालय में स्थापित सूचना प्रौद्योगिकी एवं जियोइन्फाम्रेटिक्स केंद्र द्वारा प्रतिदिन अपलोड की जा रही है. राज्य में जिलेवार वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों की सूची तथा आगामी 15 दिनों के लिए मौसम के पूर्वानुमान की सभी सूचनाएं वन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
Copyright @ 2019.