(17/10/2016) 
बिहार में शराब को प्रतिबंधित कर राज्य का हाल जानना चाहती है सरकार
शराब को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने के बाद  बिहार में सामाजिक और आर्थिक परिवेश में किस तरह के बदलाव हुए हैं, सरकार इसका आकलन कराने जा रही है. बिहार सरकार सर्वे कराकर ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि शराबबंदी के बाद बिहार में पहले की अपेक्षा स्थिति में कितना बदलाव हुआ है

सरकार इस सर्वे के माधय्म से शराबबंदी के बाद राज्य की स्थिति को समझने की कोशिश करेगी. वहीँ सामाजिक माहौल में किस तरह का और कितना परिवर्तन आया है. बिहार सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे का काम इसी माह 4 अक्टूबर से शुरू हो चुका है. सर्वे में उन घरों में जाकर विशेष रुप से सर्वे किया जाएगा, जिन घरों में शराब का सेवन करने वाले ज्यादा लोग थे. सरकार उन घरों के दरवाजे तक भी जाने की कोशिश करेगी, जो घर शराब के कारण बर्बादी के कगार पर पहुंच गया था. सर्वे में इन घरों की महिलाओं की राय को भी शामिल किया जाएगा.
बिहार सरकार ने सर्वे के लिए पूरे बिहार को पांच जोन में बांटा है. सर्वे के लिए पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी और मध्य बिहार में जिलों को बांटकर जोन का निर्माण किया गया है. सर्वे में महिलाओं के अलावा घर के बच्चे और बच्चियों की राय को भी शामिल किया जाएगा. बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी का आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखकर सर्वे कराया जाएगा. बिहार के कई जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, नवादा, समस्तीपुर और कैमूर जिलों में सर्वे का काम प्रारंभ हो गया है. सर्वे की रिपोर्ट इस साल के अंत तक सरकार को सौंप दी जाएगी.
सरकार कई पहलुओं को ध्यान में रखकर सर्वे का काम करा रही है. महिला सशक्तिकरण का जेंडर समानता पर क्या और कैसा असर, जेंडर आधारित हिंसा से आजादी, खासकर घरेलू हिंसा में बदलाव, ग्रामीण परिवेश में आर्थिक और सामाजिक प्रभाव जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सर्वे का काम किया जा रहा है.
देवेंद्र कुमार समाचार वार्ता
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