(10/12/2016) 
भारत का पुनरोत्थान कुरुक्षेत्र की पावन धरा से शुरू होगा- रेल मंत्री
केंद्रीय मंत्री आज कुरूक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी तथा संत सम्मेलन के समापन अवसर पर देश के 574 जिलों से आए गीता प्रेमियों, उपस्थित गीता मनीषियों और संत समाज को संबोधित कर रहे थे।

स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान अंतराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती आयोजित करने के लिए हरियाणा सरकार को बधाई देते हुए श्री प्रभु ने कहा कि प्राचीन काल में हमारे देश को स्वर्ण भूमि कहा जाता था, लेकिन आज हम उन चीजों का भूल गए, जिनके लिए हमें यह गौरव हासिल था। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने जो गीता के संदेश के माध्यम से जो राह बताई थी हम उस रास्ते पर चलना भूल गए हैं। एक हिन्दी गाने-जहां डाल-डाल पर सोने की चिडिय़ा करती बसेरा, ऐसा भारत देश है मेरा, का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने से हरियाणा की धरती से एक बार फिर देश के पुनरोत्थान की शुरुआत होगी। हम एक बार फिर भगवान श्री कृष्ण के दिखाए रास्ते पर अग्रसर होंगे। 
उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो संदेश दिया वह केवल अर्जुन के लिए न होकर हम सबके लिए था। अर्जुन उस समय दुविधा में था, जिसे भगवान श्री कृष्ण ने सिखाया कि लडऩा उसका धर्म है। श्री प्रभु ने कहा कि हमारे मकसद भले ही अलग-अलग हों, लेकिन उद्देश्य एक ही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर का धर्म मरीज को ठीक करना है, शिक्षक का धर्म शिक्षा देना और नेता का धर्म लोगों की सेवा करना है।  उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम एक बार फिर अपने पुराने गौरव का हासिल करेंगे। 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा सरकार हर वर्ष गीता महोत्सव के आयोजन को प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कृष्णा सर्किट के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, जिसके तहत प्रदेश में धार्मिक महत्व के स्थानों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गीता जयंती को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली है और लगभग 11.50 लाख लोगों ने यहां का भ्रमण 
Copyright @ 2019.