(26/12/2016) 
मोदी को क्रिसमस डे को बाबा फतेह व जोरावर सिंह की शहीदी दिवस के रूप में मनाने का संसद में फैंसला लेना चाहिए-
आवाज-ए-हिन्दुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा पूरे देश के बच्चो को पढ़ाई जाए बाबा फतेह सिह व जोरावर सिह को दीवारों मे चुनवाने का इतिहास

रोपड़-आवाज-ए-हिंदुस्तान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री हिन्दू तख्त के राष्ट्रीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें क्रिसमस के जश्न पर रोक लगाए और 25 दिसंबर को राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर बाबा फतेह सिह और जोरावर सिंह की याद में शहीदी दिवस व बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए संसद मे कानून लाना चाहिए । उन्होनेे कहा कि 25 दिंसबर क्रिसमस डे वाले दिन गुरू गोबिद सिंह के बेटे बाबा फतेह सिह व जोरावर सिह को गिरफ्तार कर ठंडे बुर्ज में रखा गया और 27 दिंसबर को सरंहिद के सुबेदार वजीर खान के आदेश पर दोनो बच्चो द्वारा धर्म परिवर्तन न करने दीवारो में चुनवा दिया गया लेकिन दुख की बात है पूरे देश के स्कूल,कॉलेज,होटल, रेस्टोरेंट,हिल स्टेशन,टयूरिस्ट पलेस पिछले 3 दिन से क्रिसमस का जश्न मना रहे है और 25 दिसंबर की बेसबरी से जश्न के इंतजार की तैयारी की जा रही है और चाहे हिन्दू हो या मुसलमान सिख हो या इसाई या फिर राज्य सरकारें हो या केंद्र सरकार गुरू गोबिंद सिह जी महाराज के बच्चो की शहादत को भूल चुके है । वीरेश शांडिल्य ने कहा कि हरियाणा पंजाब व चण्डीगढ के राज्यपाल को 25 से 27 दिसंबर तक बाबा फतेह सिंह व जोरावर सिह के शहीदी दिवस को बाल दिवस व शहीदी दिवस के रूप मे मनाने के लिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सोपेगें । उन्होने कहा कि आवाज-ए-हिन्दुस्तान व श्री हिन्दू तख्त की तरफ से फेसबुक पर बाबा फतेह सिंह व जोरावर सिह की शहादत को मनाने को लेकर मुहिम चलाई जिसको अब तक सोशल मीडिया पर 1 लाख लोग समर्थन दे चुके है । उन्होने कहा गुरू गोबिद सिंह किसी जाति के खिलाफ नही बल्कि वह अन्याय व अत्याचार के खिलाफ थे अगर गूुरू गोबिद सिंह न होते तो इस देश में मुगल क्या करते पूरा देश जानता है । उन्होने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह के बच्चों ने 7 व 9 साल की उम्र में मुसलमान नही बने बल्कि दीवारो में चुनना पसंद किया । इसलिए भारत व राज्य सरकारें क्रिसमस डे को बाबा फतेह सिह व जोरावर सिंह के शहीदी दिवस व बाल दिवस के रूप मे मनाए उन्होने कहा कि पूरे देश में इसकी मुहिम छेड़ेंगे । 
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