(16/11/2013) 
गुड़गांव में अवैध मोबाइल टावरों का जाल
साइबर सिटी में टावर का टेशन एक बार फिर हावी होता जा रहा है आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक गुड़गांव में पांच सौ से ज्यादा अवैध टावरों का जाल बिछा पड़ा है जिसको लेकर प्रशासन भी मौन धारण किए हुए हैं । आरटीआई की माने तो गुड़गांव नगर नि्गम दायरे में न्यू कॉलोनी और जैकबपुरा में लगने वाले दो टावर ही लाइसेंसशुदा हैं जबकी निगम दायरे में आने वाले 500 टावर प्रशासनिक रहमोकरम पर चल रहे हैं इतना ही नहीं हुडा यानी हरियाणा डेवलपमेंट अथारिटी के दायरे में 29 टावर लगे हुए हैं जिनमे सेक्टर 40 इलाके का एक टावर ही लाइसेसंशुदा हैं

आरटीआई का खुलासा प्रशासन के कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है हालांकि निगम कमिश्नर कैमरे पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हो लेकिन दबी जुबान से मान रहे है कि शहर में अवैध टावरों का आंतक जारी है और प्रशासन इन टावरों पर नकेल कसने के लिए रणनीति बना रहा है अवैध टावरों पर शहर के मेयर की राय बेहद चौकाने वाली है मेयर साहब तो शहर पांच सौ की वजाय  हजारों अवैध ावर मान रहे हैं जिससे निगम को 13 से 14 करोड़ का नुकसान हो रहा हैं । लेकिन मेयर साहब अपनी मजबूरी बताेत हुए कहते हैं कि क्या करे अधघिकारी मिले हुए हैं और उनकी सुनते ही नहीं हैं । मेयर महोदय मानते हैं कि कई स्थानों पर अवैध टावर लगने की सूचना पाकर निगम के कई अधिकारी जांच के लिए गए भी थे लेकिन कार्रवाई नहीं हुई और टावर चल रहे हैं 
ट्राइ के नियमों के मुताबिक रिहाइसी क्षेत्र में मोबाइल टावर नहीं लगने चाहिए लेकिन टावर संचालक बेखौफ मनमानी कर रहे हैं हालांकि समय समय पर निगम खानापूर्ति के लिए नोटिस जारी कर देता हैं और मिली भगत से टावरों का संचालन होता रहता हैं । मार्च 2013 में निगम ने अवैध टावरों पर अंकुश लगाने के लिए 380 टावरों को हटाने का नोटिस दिया था लेकिन अबतक नोटिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुआ हां कार्रवाई की जगह टावरों की संख्या जरुर बढ़ गई ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि एक तरफ प्रशासन इन टावरों को हटाने के लिए नमोटिस दे रहा है तो दूसरी तरफ इनकी संख्या में इजाफा कैसे हो रहा है 
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