(12/12/2013)
दिसम्बर 2007 से है बुजुर्ग माता-पिता की अनिवार्य देख-रेख कानून
उम्रदराज माता-पिता को अपने बच्चों द्वारा छोड़ देने की घटनाएं समय-समय पर समाचारपत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं। सरकार ने अभिभावक देख-रेख और कल्याण एवं वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 को दिसम्बर 2007 में लागू किया था। यह कानून अन्य बातों के अलावा बच्चों और संबंधियों को अभिभावकों तथा वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण को बाध्यकारी बनाता है जो न्यायाधिकरण के माध्यम से लागू किया जा सकता है। यह कानून राज्य में वहां की सरकार द्वारा लागू किए जाने वाली तिथि से अमल में आता है। जिन राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों ने इस कानून को अधिसूचित किया है उन्हें अन्य बातों के अलावा भरण-पोषण अधिकारियों की नियुक्ति और भरण-पोषण तथा अपीलीय न्यायाधिकरण गठित करने की आवश्यकता है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों ने इस कानून को अधिसूचित कर दिया है। यह कानून जम्मू-कश्मीर तक व्याप्त नहीं हुआ है जबकि हिमाचल प्रदेश में राज्य का अपना संबंधित कानून है। सामाजिक न्याय और आधिकारिता राज्य मंत्री श्री माणिकराव होदल्या गावित ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। |
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