(23/04/2024) 
डीयू प्रोफेसर के.पी .सिंह को सूरत में सर्वोच्च शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया गया । गाँधी भवन में विश्वविद्यालय शिक्षकों का बधाई देने वालों का तांता लगा
प्रोफेसर सिंह को यह सम्मान श्रीकृष्ण प्रणामी मोटा मंदिर ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया । यह पुरस्कार 22 अप्रैल 2024 को आद्य जगनीपीठ 5 महामंगलपुरी धाम, सूरत में वार्षिक समारोह में जगद्गुरु आचार्य श्री 108 श्री सूर्यनारायणदास जी महाराज द्वारा प्रदान गया।


 दिल्ली विश्वविद्यालय के  सूचना और पुस्तकालय विज्ञान विभाग में प्रसिद्ध शिक्षाविद , सामाजिक कार्यकर्ता , समाजसेवी व वरिष्ठ प्रोफेसर के.पी.सिंह को 22 अप्रैल सोमवार को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सर्वोच्च शिक्षा पुरस्कार " शिक्षा के संत --2024 " से  सम्मानित किया गया । यह सम्मान आद्य जगनीपीठ श्री 5 महामंगलीपुरी धाम सूरत के 381 के वार्षिक उत्सव में श्रीकृष्ण प्रणामी सम्प्रदाय के प्रमुख धर्माचार्य जगद्गुरु आचार्य श्री 108 श्री सूर्यनारायण दास जी महाराज के द्वारा प्रदान किया गया । प्रोफेसर सिंह को सम्मान स्वरूप शॉल , शील्ड , पटका व प्रशस्ति पत्र शिक्षा के संत --2024 दिया गया । प्रोफेसर सिंह को शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए जाने पर मंगलवार को गाँधी भवन में उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देने वालों का तांता लगा रहा । बधाई देने वालों में डॉ. हंसराज सुमन , प्रोफेसर इंद्र मोहन कपाही , प्रो. जे. एल. गुप्ता , डूटा अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी , प्रो. प्रेरणा मल्होत्रा , श्री जयवीर सिंह , प्रो. आर. के.  भट्ट , प्रो. बी.पी. सिंह , प्रो. राजवीर शर्मा , प्रो. ममता शर्मा ,   प्रो. मनोज कुमार केन , डॉ.प्रेमवती , डॉ. मनीष कुमार के अलावा डीयू के प्रोफेसरो ने उन्हें फोन पर अपनी बधाई दी ।

                          प्रो. के. पी. सिंह न केवल एक प्रसिद्ध शिक्षाविद , समाजसेवी , शोधकर्ता, अकादमिक प्रशासक, प्रशिक्षित पुस्तकालयाध्यक्ष और प्रखर वक्ता है बल्कि उनकी पहचान एक चलते फिरते पुस्तकालय शब्दकोश के रूप में जानी जाती है । वर्तमान में  इन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के कई दायित्व सौंपे गए हैं जिनमें प्रमुख है -- निदेशक - गाँधी भवन  प्रवोस्ट --पीजी मेन्स हॉस्टल । प्रोफेसर सिंह भारत में पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के एक उत्कृष्ट प्रोफेसर हैं। वह इन्फ्लिबनेट केंद्र , भारतीय मानक ब्यूरो ,किरोड़ीमल कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, कृषि अर्थशास्त्र अनुसंधान केंद्र आदि संस्थानों की प्रबंध समितियों में बतौर सदस्य के रूप में कार्य कर रहे है । एक पुस्तकालय नेता और कार्यकर्ता के रूप में ये  सतीजा रिसर्च फाउंडेशन फॉर लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस (SRFLIS) के संस्थापक अध्यक्ष हैं और वर्तमान में दिल्ली लाइब्रेरी एसोसिएशन (DLA) के अध्यक्ष और पूर्व में डीएलए  के महासचिव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव आदि रह चुके है । 

             बता दें कि एक विख्यात लेखक के रूप में प्रोफेसर  सिंह के अभी तक 32 पुस्तकें व 191 शोध-पत्र राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके है । आपके निर्देशन में पुस्तकालय और सूचना विभाग से 14 पीएचडी , 38 एम.फिल के अलावा 160 से अधिक पी.जी. परियोजनाओं का सफलतापूर्वक मार्गदर्शन किया है । उन्होंने बताया है कि हाल ही में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर मोदी पर मेरी पुस्तक आई है जो दिल्ली विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि भारतीय विश्वविद्यालयों में चर्चा का विषय बनी हुई है । अभी तक इसकी सैकड़ों प्रतियां बिक चुकी है । इनकी  प्रसिद्ध पुस्तकें हैं --- ‘Modi@DU: Colours of Centenary Celebrations’, ‘75 Glorious Years, Department of Library and Information Science: Pioneer in LIS Teaching, Research & Innovation’, ‘Flying Colours of Platinum Jubilee Celebrations: A Treatise of Anthology of Tested Knowledge’, and ‘Playing from the Front: A Story of Unfolded Acts of a Library & Information Science Teacher’  आदि लेखन के क्षेत्र में प्रोफेसर सिंह का उत्कृष्ट कार्य माना गया है।

           बता दें कि प्रोफेसर सिंह ने अपनी उच्च शिक्षा  मेरठ विश्वविद्यालय से कृषि में स्वर्ण पदक के साथ  मास्टर डिग्री प्राप्त की । इसके बाद आप दिल्ली विश्वविद्यालय के भी छात्र रहे । इसके अलावा आपने आईसीएआर - जेआरएफ ( कृषि ) यूजीसी -नेट/जेआरएफ ( पुस्तकालय सूचना विज्ञान ) व डीआरडीओ -जेआरएफ (लाइब्रेरी साइंस ) बीएससी ( ऑनर्स ) कृषि , एमएससी (कृषि ) एमएलआईएस , एम.फिल , पीजीडीसीए व पीएचडी ( पुस्तकालय सूचना विज्ञान ) में की है । साथ ही आपने राष्ट्रीय स्तर की कई परीक्षाएं उत्तीर्ण की है ।  इन्हें  विभाग के शिक्षक के रूप में भी एक दुर्लभ विशिष्टता प्राप्त है, जिन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक परिषद, सदस्य (2015-2019) के रूप में लगातार दो बार चुने गए । प्रोफेसर के.पी. सिंह (2017-2019) के दौरान विभाग के कॉर्डिनेटर के रूप में काम करते हुए, विभाग में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में सुधार, कायाकल्प और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इसके अलावा इन्हें  'पद्मश्री डॉ. एस.आर रंगनाथन, 'सेलिब्रेटिंग सेवन डिकेड्स ऑफ डिपार्टमेंट-2018', 'फर्स्ट एलुमनी मीट--2020' और 'प्लेटिनम जुबली सेलिब्रेशन ऑफ डिपार्टमेंट (1946-2021)' के निर्माण के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार के साथ निर्वाह किया जिसके परिणाम स्वरूप आपको पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली जिसका लोहा दिल्ली विश्वविद्यालय भी स्वीकार करती है । 

                        इतना ही नहीं प्रोफेसर के.पी.सिंह शिक्षा, अनुसंधान और प्रशासन में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक संस्थानों से भी इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है जैसे --- सतकाल-यंग लाइब्रेरियन अवार्ड (2011); DLA-प्रतिष्ठित संकाय पुरस्कार (2017); DLA- वर्किंग एलआईएस लीडर के लिए व्यावसायिक उत्कृष्टता पुरस्कार  (2018); SPLA-- सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार (2018); SLA- - सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार (2019)  CGLA-- शैक्षणिक उत्कृष्टता पुरस्कार (2019), SAIARD-एशियाई अकादमिक नेतृत्व पुरस्कार (2020); Anecdote -- इंडियन लाइब्रेरियन प्राइड अवार्ड (आईएलपीए) (2022); विश्व हिंदी साहित्य परिषद-- विश्व भागेश्वरी सम्मान (2023) और AILL--प्रतिष्ठित एलआईएस शिक्षक पुरस्कार  (2023) में  देकर सम्मानित किया गया है ।

Prof. KP Singh
Director, Gandhi Bhawan, University of Delhi
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