(15/02/2014) 
ऑन केजरीवाल इस्तीफा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री का अपनी कैबिनेट के साथ इस्तीफा देने के बाद पूरी तरह से आम चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं इस दौरान केजरीवाल हर मंच पर यह जताने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं कि उनके पास सरकार गिराने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था...

उन्होंने अपनी कैबिनेट का इस्तीफा उपराज्यपाल को जरूर सौंप दिया है लेकिन इसके बाद उपराज्यपाल ने जो फैसला लिया उसका विरोध भी उनकी पार्टी के नेता कर रहे हैं...उनका आरोप है कि उपराज्यपाल ने कैबिनेट के विधानसभा भंग करने के सुझावों को सिरे से नकार दिया है...। दिल्ली विधानसभा के सदन में जिस तरह से कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पार्टियों की आलोचना करने के बाद सरकार गिराने के संकेत दिए उससे साफ जाहिर हो गया था कि अब वह अधिक देर तक दिल्ली सरकार चलाने के मूड में नहीं हैं और हुआ भी यही...उन्होंने आनन-फानन में कैबिनेट बुलाकर अपना और अपनी कैबिनेट का इस्तीफा उपराज्यपाल को दिया और इसकी घोषणा भी दिल्ली स्थिति पार्टी कार्यालय में कर दी...इसके बाद उपराज्यपाल ने उनका इस्तीफा तो स्वीकार कर लिया इसके साथ ही उनकी उस सिफारिश को जिसमें विधानसभा भंग कर जल्द से जल्द चुनाव कराने की बात कही थी नकार कर विधानसभा निलंबित करने का फैसला सुना दिया...। उपराज्यपाल के इस फैसले पर समूची आम आदमी पार्टी आलोचना के कसीदे पढ़ती नज़र आई...उनके नेताओं ने उपराज्यपाल पर कैबिनेट की सिफारिशें खारिज करने का आरोप लगा दिया....। कुल मिलाकर कांग्रेस और बीजेपी भी दिल्ली सरकार भंग होने के बाद आम चुनावों को देखते हुए अपनी-अपनी चुनावी रणनीति तय करने में जु़ट गई हैं और दोनों ही पार्टियों की कोशिश दिल्ली और देश की जनता को यह समझाने की होगी कि दिल्ली सरकार खुद केजरीवाल की नाकामियों और हठधर्मिता की वजह से गिरी है...ताकि आने वाले लोकसभा चुनावों होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके...।
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