(21/07/2014) 
कांग्रेसी विरोध का कारण तो बताएं: सुनील सोनी
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व नगर निगम के पूर्व महापौर सुनील सोनी ने सोमवार को एकात्म परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेताप्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव सहित कांग्रेसियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेसी बताएं, आखिर वे चाहते क्या है?

महादेवघाट परिसर धर्म के लिये आरक्षित है। नगर निगम रायपुर ने स्वयं के खर्च पर उसे धार्मिक स्थल के रूप  में विकसित करने के साथ ही वहां पर मुक्तिधाम का निर्माण कराया है। 
श्री सोनी ने कहा कि महादेवघाट परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से स्व. नरसिंग अग्रवाल ने मंदिर का निर्माण कराया और मंदिर निर्माण के सात साल के बाद महज इसलिए विरोध किया जा रहा है कि उनके पुत्र गौरीशंकर अग्रवाल आज संवैधानिक पद पर हैं। मंदिर को राजसात करते हुए निगम के अधिपत्य में दे दिया गया है। फिर किस बात का विरोध कांग्रेसी कर रहे हैं, उन्होंने स्पष्ट किया कि 2008 में  सोनी जब नगर निगम के महापौर थे, उस समय स्व. नरसिंग अग्रवाल ने कानूनी प्रक्रिया के दौर से गुजरते हुए मंदिर निर्माण की इच्छा व्यक्त की थी। तब निगम द्वारा उन्हें मंदिर निर्माण के लिये एनओसी दिया गया था।
सुनील सोनी ने कहा कि उस समय स्व. अग्रवाल ने मंदिर के लिए स्थल चयन कर महादेवघाट परिसर में गड्ढे को पटवा कर करोड़ों रुपये की लागत से हनुमान जी, जींण माता और नौ ग्रहों मंदिर का निर्माण कराया गया है जो अब आस्था का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि मंदिर के निर्मांंण के दौरान एक पार्षद ने विरोध करते हुए मंदिर परिसर के नाम पर व्यवसायिक उपयोग करने का आरोप लगाया था, तब मैंने उक्त पार्षद के साथ मंदिर स्थल का दौरा कर पूछा था कि बताए कि किस तरह का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। आखिर उसे समझ में आ गया कि मंदिर में कहीं भी व्यवसायिक उद्देश्यों वाली बात नहीं है।  मंदिर के बाहरी हिस्से पर जो कमरे बने हैं उसके लिए मैंने स्व. अग्रवाल से निवेदन किया था कि रायपुर के कुम्हारों की कला को बढ़ावा देने 500-700 रुपये में उन्हें जगह देकर उनके रोजगार को बढ़ावा दे दें।
उन्होंने कहा कि 2009 में ही यह बात साफ हो गई थी कि मंदिर के नाम पर कहीं कोई व्यवसायिक प्रयोजन नहीं है। आश्चर्य की बात है कि एक पार्षद को यह बात समझ में आ गई लेकिन वरिष्ठ कांग्रेसी विधायकों को यह बात आज तक समझ नहीं आई है। जिस समय मंदिर का निर्मांण हुआ समय की स्थिति दूसरी थी और आज मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मंदिर को राजसात करते हुए निगम के अधिपत्य में दे दिया गया है फिर कांग्रेसी किस बात को लेकर विरोध कर रहे हैं, ऐसे कांग्रेसियों को भगवान सद्बुद्घि प्रदान करे। 
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