(17/08/2014) 
डॉ. हर्ष वर्धन ने शहर के विश्वविद्यालय में योग पर अनुसंधान की सराहना की
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने आज स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एस-व्यास) की अन्वेषण रिसर्च फैसिलिटी के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। योग एवं साकल्यवादी चिकित्सा से जटिल रोगों का ईलाज करने में प्रलेखन एवं प्रोटोकोल विकास के लिए परीक्षण संबंधी प्रयासों में योगदान के लिए इन वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया गया है।

पांच नई प्रयोगशालाओं (मॉलिक्युलर जैवविज्ञान, शारीरिक शरीर विज्ञान, संज्ञानात्मक तंत्रिकाविज्ञान पॉलिसोनोग्राफी और जैवऊर्जा ) के शुभारंभ के अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने आधुनिक, प्रयोगशाला विधियों को सदियों से हमारे काम आ रही समृद्ध योग चिकित्सा तकनीकों से जोड़ने के संस्थान के प्रयासों की सराहना की।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा,  यह प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान एक दिन विश्व स्तरीय केंद्र विकसित करेगा। इसके अनुसंधान के परिणाम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आयुष कार्यक्रम में समाहित किए जाएंगे।  डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि असंचारी रोगों से निपटने में योग के फायदे जीवन का तथ्य है। उन्होंने कहा, यह भारत की स्वास्थ्य देखभाल समस्याओं के लिए लीक से हटकर समाधान तलाशने का समय आ गया है तथा एस-व्यास जैसे संस्थान इसके अगुआ रहेंगे।

इस अवसर पर एस-व्यास के संस्थापक डॉ. एच आर नागेंद्र , कर्नाटक के स्वास्थ्य सचिव श्री शिव सैलम एन., कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग में आयुष के निदेशक श्री विजय कुमार गोगोई, केमवेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री अनुराग बागड़िया और निमहंस के निदेशक डॉ. सतीश चंद्र मौजूद थे। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वामी विवेकानंद की भविष्यवाणी याद की जिन्होंने कहा था कि योग सहित प्राचीन भारतीय विज्ञान की परंपराएं विज्ञान को आगे ले जाने के लिए बहुत मददगार होंगी और प्रौद्योगिकी एवं प्रलेखन के जरिए समकालीन प्रारूप में पश्चिम में ऐसा होना तय है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, मैं पश्चिमी चिकित्सा का व्यक्ति हूं लेकिन मैंने योग चिकित्सा के बहुत से फायदों का अनुभव किया है। समय आ गया है जब हमें प्रयोगशाला आधारित ठोस प्रमाणों के साथ नई पीढ़ी के लिए योग को प्रस्तुत करना चाहिए। कर्नाटक के दो दिन के दौरे के समापन पर डॉ. हर्ष वर्धन ने आज कहा कि कर्नाटक स्वास्थ्य सूचकों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और यहां के दौरे के बाद, मुझे मानना पड़ा कि चिकित्सा समुदाय और स्वास्थ्य प्रशासक सम्मान के बाद आराम नहीं कर रहे हैं। उनका पेशेवर अंदाज और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रतिबद्धता समूचे देश के लिए उम्मीद की किरण है।

उन्होंने घोषणा की आयुष कर्मियों और सभी अर्द्धचिकित्सीय कर्मियों और देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में सहायक कर्मचारियों की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बड़ी भूमिका होगी। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के संदेश के अनुसार हम मंत्री जनता के सेवक हैं। हमारे राजनीतिक मतभेद हमारे पेशेवर कर्तव्यों के पालन में आड़े नहीं आने चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल के सप्ताहों में उन्होंने कई राज्यों का दौरा किया है और उनकी सरकारों के काम करने का करीबी संबंध बनाया है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा,  बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड और अब कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री मेरी करीबी मित्र बन गए हैं। हमारे व्यक्तिगत संबंधों के स्वास्थ्य प्रशासन को बेहतर बनाने में काम आएंगे।
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