(05/09/2014) 
असंगठित क्षेत्र के लिए वित्तीय ढांचे पर बजट घोषणा के अनुरूप- प्रवीन खण्डेलवाल
असंगठित क्षेत्र के लिए वित्तीय ढांचे पर देश भर में एक राष्ट्रीय अभियान चलाने के लिए गठित एक्शन कमेटी फॉर फॉर्मल फाइनेंस फॉर नॉन कॉर्पोरेट स्माल बिज़नेस नेआज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक ज्ञापन भेजकर आग्रह किया है की इस मुद्दे पर उनकी बजटीय घोषणा के अनुरूप वित्त मंत्रालय,

 लघु एवं सूक्षम उद्योगमंत्रालय और रिज़र्व बैंक के अधिकारियों की संयुक्त समिति शीघ्र ही गठित की जाए ! एक्शन कमेटी ने कहा है की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गत 29 सितम्बर कोप्रधानमंत्री जन धन योजना का उद्घाटन करते हुए देश में वित्तीय समावेश की एक बड़ी शुरुआत की है और इसी दृष्टि से असंगठित क्षेत्र का भी वित्तीय समावेश जल्द सेजल्द होइस हेतु कमेटी का शीघ्र गठन इस दिशा में सरकार का एक बड़ा और सार्थक कदम होगा !


एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर प्रवीन खण्डेलवाल ने वित्त मंत्री से यह भी आग्रह किया है की उक्त कमेटी को तार्किक और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिएअसंगठित क्षेत्र के प्रतिनिधियों और विशिष्ट बैंकिंग और वित्त विशेषज्ञों को भी कमेटी में शामिल किया जाए जिस से असंगठित क्षेत्र के लिए वित्तीय ढांचा बनाने परजमीनी हकीकत का बारीकी से आंकलन किया जा सके और प्रभावित वर्गों की बेहतर भागीदारी भी सुनिश्चित हो सके !


ज्ञातव्य है की वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस वर्ष के अपने बजट भाषण के पैरा 102 में कहा था की सूक्षम मंझोले और माध्यम उद्यम अर्थव्यवस्था की रीढ़ है ! इसक्षेत्र में वित्तीय अवसंरचना की जांच करनेउनके वित्तपोषण में आई बाधाओं को दूर करने और नए नियम तथा अवसंरचनाओं के सृजन की आवश्यकता है ! इस हेतु श्रीजेटली ने उक्त समिति गठित करने की घोषणा की थी !


वित्त मंत्री को भेजे अपने ज्ञापन में खण्डेलवाल ने कहा की वित्त मंत्री की यह बजट घोषणा एक बड़ा कदम हैं क्योंकि पहली बार किसी सरकार ने असंगठित क्षेत्र कीमहत्वतत्ता को अधिकृत रूप से स्वीकार करते हुए ठोस कदम उठाने की घोषणा की है ! देश के करोड़ों लोग जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं जिनमें मुख्य रूप सेव्यापारीट्रांसपोर्टट्रक ऑपरेटरलघु उद्यमीहॉकर्सस्वयं उद्यमीमहिला उद्यमी आदि शामिल हैंवे सब वित्त मंत्री की घोषणा से बेहद उत्साहित हैं ! असंगठित क्षेत्र मेंलगभग 46 करोड़ लोग व्यवसाय कर रहे हैं और यदि इस वर्ग के लिए एक मजबूत वित्तीय ढांचा बनाया गया तो इस वर्ग का राष्ट्रीय जीडीपी में 45 प्रतिशत का वर्तमानयोगदान काफी बड़े रूप में बढ़ सकता है जिस से देश की अर्थव्यवस्था ही मजबूत नहीं होगी बल्कि घरेलु निर्यात भी बढ़ेगा जिससे करंट अकाउंट डेफिसिट के भी कम होनेकी बड़ी संभावनाएं दिखाई देती है !


देश के असंगठित क्षेत्र की ओर से श्री खण्डेलवाल ने वित्त मंत्री की इस पहल का स्वागत करते हुए असंगठित क्षेत्र के वित्तीय समावेश हेतु पूर्ण रूप से सहयोग देने का भीआशवासन दिया है !

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