(13/09/2014)
सेना के जवानों ने अब तक 1,42,000 से भी ज्यादा लोगों की जान बचाई
सेना के जवानों और एनडीआरएफ ने भीषण बाढ़ से तबाह जम्मू-कश्मीर में अपने राहत और बचाव कार्यों के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब तक 1,42,000 से भी ज्यादा लोगों की जिंदगियां बचाई हैं।
जल
को शुद्ध करने वाली 13 टन टैबलट और हर दिन 1.2 लाख बोतलों को फिल्टर करने
की क्षमता रखने वाले छह संयंत्र श्रीनगर पहुंच गए हैं। विशाखापत्तनम से
रवाना किए गए जल निकासी पंप समेत इंजीनियरिंग स्टोर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
पहुंच गए हैं। इसी तरह दिल्ली से 12 सीवेज पंप घाटी के लिए रवाना किए गए
हैं। राहत शिविरों और फील्ड हॉस्पिटल में बिजली की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 3
से 5 केवीए की क्षमता वाले 13 जेनरेटर सेट भी श्रीनगर भेजे गए हैं। राज्य
में संचार प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए दूरसंचार विभाग, सेना,
बीएसएनएल और कुछ निजी कंपनियों के संचार उपकरण वहां भेजे गए हैं।
बाढ़
से पीडि़त लोगों के बीच 8,200 कंबल बांटे गए हैं। इसी तरह इन लोगों को
1119 टेंट मुहैया कराए गए हैं। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं की 80 टीम
जोर-शोर से अपने काम में जुट गई हैं। अवंतिपुर, पट्टन, अनंतनाग और ओल्ड
एयरफील्ड में चार फील्ड हॉस्पिटल खोले गए हैं जहां रोगियों को चिकित्सा
सेवा मुहैया कराई जा रही है। अब तक इन्होंने 22,500 मरीजों का इलाज किया
है। नैफेड की ओर से 25 टन चना भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है।
भारतीय
वायु सेना और आर्मी एविएशन कोर के 86 परिवहन विमान एवं हेलिकॉप्टर राहत
और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सेना ने तकरीबन 30 हजार सैनिकों को राहत और
बचाव कार्यों में लगाया है। इनमें से 21 हजार सैनिक श्रीनगर क्षेत्र में
और नौ हजार सैनिक जम्मू क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। रक्षाकर्मी बड़े
पैमाने पर पानी की बोतलें और खाद्य पैकेट वितरित कर रहे हैं। अब तक चार लाख
लीटर पानी एवं 1,31,500 खाद्य पैकेट और 800 टन से ज्यादा पके खाद्य
पदार्थ बाढ़ पीडि़तों के बीच वितरित किए जा चुके हैं।
सड़क संपर्क
बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन के पांच कार्यदल, जिनमें 5700 कर्मी
शामिल हैं, श्रीनगर, रजौरी और अखनूर में तैनात किए गए हैं। वे अब तक
बटोटे-किश्तवार, किश्तवार-अनंतनाग और जम्मू-पुंछ सड़क संपर्क
सफलतापूर्वक बहाल कर चुके हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियों पर
लगातार नजर रखी जा रही है और नई दिल्ली स्थित आईडीएस के मुख्यालय में
सुधरते हालात को अपडेट किया जा रहा है। |
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