(18/09/2014) 
संगीत उत्सव की दूसरी संध्या में गायकी व शहनाई की जुगलबंदी ने बांधा समां
राग यमन पर आधारित बंदिश पीया तोरे नयना प्यारे लागे..से प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद ज्वाद और उस्ताद मज़हर अली खान ने अपनी गायकी और पंडित दया शंकर के शहनाई वादन की जुगलबंदी ने शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव की दूसरी संध्या पर गेयटी थियेटर मे उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

उत्सव की दूसरी संध्या में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. कर्नल धनी राम शांडिल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर उत्सव की दूसरी संध्या का शुभारम्भ किया। डा. कर्नल धनी राम शांडिल ने प्रस्तुति देने वाले सभी कलाकारों को सम्मानित किया।
इससे पूर्व, अतिरिक्त मुख्य सचिव, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग श्रीमती उपमा चैधरी ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया।
इस अवसर पर पदम भूषण उस्ताद बड़े गुलाम अली खान के पोते उस्ताद मज़हर अली खान और उस्ताद ज्वाद अली खान ने गायिकी और पंडित दया शंकर, अश्वनी शंकर और योगेश शंकर ने शहनाई की जुगलबन्दी से समां बांध दिया।
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार सांय ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में हिमाचल सरकार द्वारा दिल्ली सरकार की पंजाबी अकादमी के सहयोग से आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय शिमला शास्त्रीय संगीत उत्सव का शुभारम्भ किया था।
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