(18/10/2014)
राष्ट्रवादी शिवसेना ने की लिव-इन रिलेशनशिप पर पुर्नविचार की मांग
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। उच्चतम न्यायालय द्वारा लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दिए जाने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक-युवतियों की बढ़ती हत्याओं पर राष्ट्रवादी शिवसेना ने गहरी चिंता जताई है और सर्वोच्च न्यायालय से लिव-इन रिलेशनशिप कानून पर पुर्नविचार करने की मांग की है। संगठन द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में
राष्ट्रवादी शिवसेना अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल ने कहा कि राजधानी दिल्ली
सहित देश के विभिन्न इलाकों से लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले
युवक-युवतियों की हत्याओं की घटनाएं अक्सर सुनने व देखने को मिल रहीं हैं,
जिनका मूल कारण अदालत द्वारा इस रिश्ते को कानूनी मान्यता प्रदान किया जाना
है। उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा इस रिश्ते को कानूनी मान्यता प्रदान किए
जाने के बाद से अभी तक इस तरह रहने वाले दर्जनों लोगों की हत्याओं की
घटनाएं सुनने को मिल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व ऐसे एक साथ बिना
शादी किये रहने वाले लोगों के संदर्भ में काॅलोनी मौहल्ले या पड़ोसी
पूछताछ कर लिया करते थे मगर अदालत द्वारा कानूनी मान्यता दिए जाने के बाद
से लोगों ने यह पूछना भी बंद कर दिया है। जिसकी वजह से ही इन संबंधाें में
रहने वाले लोगों की बाढ़ सी आई हुई है। श्री गोयल ने
कहा कि हिन्दुस्तान की अपनी एक संस्कृति है और भारतीय संस्कृति मंे ऐसे
संबंधों को कोई जगह नहीं भारतीय समाज नहीं देगा। उन्होंने कहा कि यह
संस्कृति पश्चिमी संस्कृति का प्रतिबिंब है जो हमारी सदियों पुरानी
संस्कृति से बिलकुल भी मेल नहीं खाती। उन्होंने कहा कि देश व देशवासियांे
के हितों को ध्यान में रखते हुए हिन्दुस्तान में पूर्व में भी कई कानूनों
में संशोधन या बदलाव किया गया है और लिव-इन रिलेशनशिप के मामले में भी
बदलाव की आवश्यकता है। उच्चतम न्यायालय से मांग करते
हुए श्री गोयल ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप कानून पर पुर्नविचार करते हुए
इसकी मान्यता रद्द की जाये यही देश व देशवासियों के हित में होगा।
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