(19/10/2014) 
हिमाचल में एकीकृत टाऊनशिप को विकसित करेगी प्रदेश सरकार: सुधीर शर्मा
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में एकीकृत टाऊनशिप को विकसित करने के लिए नई दिल्ली में डवैल्पर के साथ संवादात्मक बैठक आयोजित की। शहरी विकास मंत्री श्री सुधीर शर्मा ने बैठक की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 36 व्यवसाय संघों और डवैल्पर्स ने बैठक में भाग लिया और राज्य में निवेशकों के लिए प्रभावी नीति बनाने के लिए मूल्यवान सुझाव दिए।

बैठक में प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने हि.प्र. आवास व शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा), हि.प्र. अधोसंरचना बोर्ड और शहरी विकास विभाग के सहयोग से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत निजी निवेशकों की सहायता से प्रदेश के विभिन्न भागों में नये एकीकृत शहरों को विकसित करने के लिए महत्वकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पर्यटकों के लिए आकर्षक गन्तव्य है और यह तेजी से आवासीय गन्तव्य के रूप में उभर रहा है।
श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार व्यवहारिक नीति निर्माण के लिए  निवेशकों के बहुमूल्य सुझावों को स्वीकार करेगी। उन्होंने कहा कि यह बैठक नीति को समयबद्ध अंतिम रूप देने के लिए सरकार के लिए मदद्गार सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में निवेश करने के लिए निवेशक मित्र और हिमाचल के लोगों के हितों के अनुरूप नीति बनाएगी।
श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार निवेशकों की विभिन्न बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और समयबद्ध विभिन्न आपतियों का निपटारा सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे राज्य में अधिक से अधिक निवेशक आकर्षित हांेे।
शहरी विकास विभाग के निदेशक कैप्टन जे.एम. पठानिया ने इस अवसर पर पुराने एवं एतिहासिक शहरों शिमला, मनाली और धर्मशाला शहरों से भीड़ कम करके इन्हें स्मार्ट सीटी के रूप में विकसित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
हिमुडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव श्री दिनेश कश्यप ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य बहुमूल्य सुझावों तथा राज्य में नए एकीकृत शहरों के विकास के लिए निवेशकों की प्रतिक्रिया आमंत्रित करना था, जिसके लिए हिमुडा ने पहले प्रदेश के छः जि़लों में स्थलों का चयन कर लिया है।
हि.प्र. अधोसंरचना बोर्ड के मुख्य महाप्रबंधक श्री अनिल कपिल ने निवेशकों को अवगत कराया कि सरकार हि.प्र. भूमि काश्तकार और सुधार अधिनियम की धारा 118 से बचने के लिए हिमुडा के नाम पर भूमि का अधिग्रहण करेगी और निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए खुली प्रतियोगितात्मक बोली प्रक्रिया से गुजरना होगा।
बैठक में इरकाॅन इन्टरनेशनल लिमिटेड जैसी विभिन्न अग्रणी रियल्टी ऐसटेट के प्रतिनिधि ने अपने बहुमूल्य सुझाव दिए और हिमाचल प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।  

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