दीपावली के दिन त्रिलोकपुरी 27 ब्लाक में दो संप्रदाय के युवकों में हुए विवाद का मामला आज राष्ट्रीय अनुसूचित जाती आयोग के दरबार में पहुंचा और वाल्मीकि और मुस्लिम समुदाय के नेता एक दुसरे के गले मिलकर ऐसी घटना को भविष्य में ना होने की कसम खा कर उठे।
आयोग के उपाध्यक्ष
डॉक्टर राजकुमार वेरका की अध्यक्षता में दोनों समुदाय के नेताओं को आयोग के
दरबार में बुलाया गया और आयोग के अध्यक्ष पी एल पूनिया के सामने पुरे मामले की सुनवाई की गयी। दोनों समुदाय के
लोगों ने आयोग को बताया की ये मामला किसी शरारती तत्व का है जो वाल्मीकि और
मुस्लिम समुदाय के बीच दो फाड़ करना चाहता है। इस
मामले को पहले दिन ही शांत किया जा सकता था लेकिन दिल्ली पुलिस भी
नाकामयाब रही, इस मामले के बढ़ने में पुलिस भी जिम्मेदार रही है।
आयोग के उपाध्यक्ष
डॉक्टर वेरका ने कहा की इस बाबत पुलिस कमिश्नर दिल्ली से बात की जाएगी,
आयोग पुलिस पर लग रहे सवालिया निशान पर जवाब मांगेगी। आयोग ने दोनों
समुदाय के नेताओं को अपील की, वे एक साथ इकठे होकर भाईचारे का सबूत दें, इस
पर दोनों समुदाय ने इकठे होकर शांति मार्च निकालने की योजना बनाई जिससे एक सन्देश जाये की दोनों समुदाय एक हैं और इनमें कोई रंजिश या बदले की भावना नहीं है।
आयोग के अध्यक्ष श्री पूनिया ने दोनों समुदाय को अपील की, किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दिया जाये और एकजुट होकर इसका सामना किया जाये। दोनों समुदाय के लोग हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, सब हैं भाई भाई के नारे लगाते हुए एक दुसरे के गले मिले।
इस मौके पर दिल्ली
सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व चेयरमैन हरनाम सिंह, पूर्व विधायक वीर सिंह धींगान, त्रिलोकपुरी वाल्मीकि
समाज के प्रधान कारन बैनीवाल, त्रिलोकपुरी ३१ से ३५ ब्लॉक के प्रधान शीशराम प्रधान,
चेयरमैन हज कमेटी परवेज मिया, त्रिलोकपुरी युथ कांग्रेस ब्लॉक प्रधान राहुल
भारती, पीस कमेटी के सदस्य सैफई, ब्लॉक प्रधान जावेद सलमानी, डॉक्टर शमशुद्दीन
आज़ाद, मोहम्मद अरशद, मास्टर बाबू भाई, मेहमूद प्रचा, आर के शर्मा, जितेंदर
कुमार, श्रीमती प्रवीण मेस्सी, डॉक्टर अशोक चौहान, अशोक निठारी, डॉक्टर मुनीश पाल आदि नेता मौजूद थे।
गौरतलब है कि पुलिस ने दंगे के आरोप में अभी तक 80 लोगों को गिरफ्तार किया है। कई लोग
अभी पुलिस की हिरासत में हैं। पुलिस के आला अधिकारी इलाके में ही डेरा डाले
हुए हैं। रविवार को दिन भर मयूर विहार पुलिस थाने में आला पुलिस अधिकारी
इलाके में शांति कायम करने की रणनीति बनाते रहे। इलाके के नागरिकों के साथ
बैठक का आयोजन भी किया गया। कुछ लोगों ने इस दौरान पुलिस पर सख्ती करने का
आरोप भी लगाया। हालांकि, इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है है कि
किसी बेगुनाह को पुलिस ने निशाना नहीं बनाया। उपद्रवियों के साथ सख्ती से
पेश आया गया।
रविवार को आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) व सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व
पुलिस बल) के साथ दिल्ली पुलिस के जवानों ने त्रिलोकपुरी के तनावग्रस्त
क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया।
पुलिस के साथ मिल कुछ लोग रविवार को इलाके में सड़कों पर बिखरे पड़ी ईटों
और बोतलों के टुकड़े उठाते नजर आए। रविवार सुबह कोई अप्रिय घटना सामने न
आने पर यह लोग दोपहर बाद अपने घरों से बाहर निकले और सड़कों की सफाई में जुट
गए। सफाई में जुटे लोगों का कहना था कि दंगे के निशाना को मिटाना जरूरी
है। वह चाहते है कि जल्द से जल्द इलाके में सौहार्दपूर्ण वातावरण कायम हो।
पहले ही तरह लोग प्यार से रहें।
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