(09/11/2014) 
बिना हेलमेट पहने सडकों पर नियमों का मखौल उड़ाती महिलाएं
सड़क दुर्घटना रोकने के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत दोपहिंया वाहन पर हेलमेट अनिवार्य किया गया था। दिल्ली में सितम्बर 2014 में महिलाओं के लिए भी अनिवार्य किया गया है। क्योकि दोपहियां वाहनों पर यात्रा करते समय पुरुष और महिला दोनों के लिए खतरा बना रहता है।

दिल्ली की सड़कों पर सुरक्षा की दृष्टि से महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया था क्योकि कभी भी दुर्घटना सिर्फ पुरुषों के साथ ही नही होती है दुर्घटनाओं में महिला भी शिकार बनती है प्रति वर्ष दिल्ली की सड़कों पर पुरुषो के साथ महिलाएं भी मौत का शिकार बनती है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस ने दोपहिया वाहनों पर महिलाओं के लिए हेलमेट जरुरी किया था, इस नियम को न मानने वालों के लिए सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। जब यह नियम दिल्ली में लागु किया गया तब कुछ दिन दोपहिया वाहनों पर महिलाएं पीछे की सीट पर हेलमेट पहने हुए नजर आई। जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे ही ज्यादातर महिलाएं पुराने ठर्रे पर लौट गयी है और वाहनों पर बिना हेलमेट नजर आती है। जिस तेजी के साथ यह नियम लागु हुआ था तब यातायात पुलिस ने हजारों वाहनों पर इसी नियम की वजह से जुर्माना ठोका था बिना हेलमेट यात्रा करने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत 100 रुपये का जुर्माना है। लेकिन समय के साथ अब नियम का मखौल उड़ाती महिलाएं सड़कों पर बेखौफ बिना हेलमेट वाहनों पर दिखाई देती है। सितम्बर माह में शुरू यह मुहीम अब सिर्फ कागजों जान पड़ रहीं है।10 सितम्बर को यातायात पुलिस ने दक्षिणी इलाके में 928, पश्चिमी इलाके में 569,पूर्वी इलाके में 426 और उत्तरी इलाके में 528 महिलाओं पर बिना हेलमेट होने पर जुर्माना किया गया था। दिल्ली की सड़कों पर एक ही दिन में हजारों महिलाएं इस जुर्म में पकड़ी गयी थी। यह नियम सड़कों पर बढ़ते हादसों पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है। प्रति वर्ष हजारों लोग दिल्ली की सड़कों पर सड़क दुर्घटना में मौत के आगोश में पहुंच जाते है। यातायात पुलिस इस नियम को लागु करने में कितनी भी कड़ाई की बात करे लेकिन इस नियम की धज्जियां तो महिलाएं उड़ा ही रही है। 
रविन्द्र कुमार कि रिपोर्ट

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