(17/11/2014) 
पंडित नेहरू की विरासत को बनाए रखने की आवश्यकताः श्री वीरभद्र सिंह
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है, जो सही अर्थों में आधुनिक भारत के निर्माता हैं। उनकी विरासत को राजनीतिक विचारधारा से उठकर बनाए रखा जाना चाहिए।

श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पंडित नेहरू की दूरदृष्टि के परिणामस्वरूप आज देश समृद्ध, धर्म निरपेक्ष, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुदृढ़ राष्ट्र बनकर उभरा है। पंडित नेहरू के देश को आधुनिक बनाने के प्रयास पश्चिमी नहीं थे, परन्तु वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना चाहते थे, जिसमें उन्होंने पश्चिमी देशों के अच्छे पहलुओं और बेहतर आचरण को शामिल किया।
श्री वीरभद्र सिंह आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयन्ती के अवसर पर नेहरू के विश्व विचार एवं उनकी विरासत विषय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लेने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस अन्तराराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रथम प्रधानमंत्री के आधुनिक भारत के निर्माण और अन्य विभिन्न विषयों पर चर्चा करना है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में लोकतांत्रिक व सशक्तिकरण मुख्य लक्ष्य है।
दुनिया के अनेक नेताओं के साथ-साथ भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश के मंत्रिमण्डल के वरिष्ठ सदस्यों के अतिरिक्त विभिन्न निगमों व बोर्डों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी इस सम्मेलन में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने 1962 में, जब वे तीसरी लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे, उन दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्हें भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के कार्य को नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग पंडित नेहरू द्वारा पहाड़ी राज्य के लोगों को दिए गए स्नेह के लिए हमेशा ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वच्छ वातावरण के कारण ही हिमाचल प्रदेश पंडित नेहरू के प्रवास का पहला पसंदीदा स्थल था। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी आॅफ इंडिया का अधिकांश लेखन कार्य हिमाचल प्रदेश में किया।
श्री वीरभद्र सिंह ने आयोजकों द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन के प्रयासों की सराहना की तथा विश्वास जताया कि पंडित नेहरू की 125वीं जयन्ती के अवसर पर वर्ष भर चलने वाले समारोह के माध्यम से उनकी विरासत को देश व विदेश के लोग सही अर्थों में बनाए रखने में सहायक होंगे।
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