(18/11/2014) 
महिलाओं को उद्यमी बनानें में लगा है कुरूक्षेत्र विश्वविद्धालय
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: वैदिक युग में कहा गया है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। आज यदि हम प्रगति के किसी भी क्षेत्र की बात करते हैं तो हम यह महसूस कर सकते हैं कि महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। यही दृष्टांत हमें एक बार फिर से दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2014 में महिला उद्यमियों द्वारा लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनियों में देखने को मिलता है।

किसी भी महिला को उद्यम में प्रवेश करने के लिए एक रास्ते (मार्ग) की जरूरत होती है और यह मार्ग इस बार व्यापार मेले में स्थित हरियाणा मण्डप में कुरूक्षेत्र विश्वद्यिालय में स्थित महिला अध्ययन शोध केन्द्र द्वारा प्रदान किया जा रहा है। यह केन्द्र ग्रामीण व शहरी इलाकों में जो महिलाएं घरों में काम करती हैं और सिर्फ घर की चारदिवारी तक ही सीमित रह जाती हैं, उनको उद्यमी बनने की दिशा में एक सफल मार्ग प्रदान करता है। केन्द्र की ओर समय-समय पर महिलाओं के लिए शिविर लगा कर उनको महिला उद्यमिता के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है और फिर उनमें से इच्छुक महिलाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण के लिए संस्थानों में भेजा जाता है। इस कार्य में महिलाओं को हरियाणा सरकार की तरफ से महिला उद्यमिता के लिए चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं तथा बैंक किस प्रकार से महिलाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए लोन सुविधा प्रदान करता है, की जानकारी दी जाती है।

इसके साथ-साथ महिला अध्ययन शोध केन्द्र के द्वारा एक सिलाई केन्द्र भी चलाया जा रहा है, जो वर्तमान में कुरूक्षेत्र स्थित झिखड़ी गांव में चलाया जा रहा है। इसमें महिलाओं व लड़कियों को नि:शुल्क सिलाई सिखाई जाती है ताकि महिलाएं भविष्य में कोई हुनर अपना कर अपना कोई काम शुरू कर सकें  और जीवन में आने वाली परेशानियों का सामना कर सकें। नाबार्ड की सहायता से केन्द्र द्वारा प्रति वर्ष कुरूक्षेत्र में आयोजित होने वाले गीता जयंती मेले में भी महिलाओं द्वारा बनाए गए घरेलू सामान जैसे अचार-मुरब्बे आदि की प्रदर्शनी लगाई जाती रही है, जिसमें महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि प्रत्येक महिला में एक उद्यमी छिपी हुई है और उस छिपी हुई उद्यमी को हीरे की तरह तराशने का कार्य महिला अध्ययन शोध केन्द्र, कुरूक्षेत्र कर रहा है।

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