(02/01/2015)
सरकार ने एम.पी. बेजबरूआ समिति के उपायों को माना- राजनाथ सिंह
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने एम.पी. बेजबरूआ समिति द्वारा सुझाए गए तत्कालिक उपायों को मान लिया है। उन्होंने आज यहां समिति की रिपोर्ट को लागू करने के संदर्भ में मीडिया से बातचीत की।
फरवरी, 2014 में गृह मंत्रालय ने एम.पी. बेजबरूआ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था, जिसे देश के विभिन्न भागों में रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिकों की परेशानियों और चिंताओं पर विचार करने और सरकार द्वारा लिए जाने वाले कानूनी उपायों समेत तमाम सुधारात्मक कदमों पर अपने सुझाव देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि समिति द्वारा सुझाए गए उपायों के तहत एक कानूनी कदम के रूप में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन किया जा रहा है और दो नई धाराएं 153सी और 509ए शामिल की जाएंगी। गृह मंत्री ने कहा कि कानूनी सहायता के रूप में दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) द्वारा 05 महिला वकीलों समेत 07 वकीलों का एक पैनल गठित किया है, जो जरूरतमंद पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को कानूनी मदद उपलब्ध कराएगा। दिल्ली सरकार भी 'दिल्ली पीडि़त मुआवजा स्कीम' 2011 के तहत पूर्वोत्तर के लोगों को मुआवजा और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। परेशानी में फंसे लोगों की मदद के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के दिल्ली स्थित राज्य भवन भी सक्रिय भूमिका निभाने पर सहमत हो गए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस और विभिन्न राज्यों के पुलिसबलों द्वारा उठाए जाने वाले विशेष पुलिस उपाय और अतिरिक्त उपाय के संदर्भ में समिति के सभी सुझावों को सरकार तत्काल प्रभाव से लागू कर रही है। ये उपाय निम्न हैं दिल्ली पुलिस अब पूर्वोत्तर राज्यों से 20 पुलिसकर्मी (10 महिला, 10 पुरूष) नियुक्त करेगी। पूर्वोत्तर राज्यों और दिल्ली समेत अन्य महानगरों के बीच पुलिस आदान-प्रदान कार्यक्रम को मंजूरी। पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए नई दिल्ली में पूर्वोत्तर विशेष इकाई सक्रिय। अन्य राज्यों को भी ऐसा करने की सलाह दी गई है। पूर्वोत्तर के लोगों से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों में ले जाने का निर्णय, ताकि फैसले जल्द हो सकें। पूर्वोत्तर के लोगों के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नम्बर 1093 को 100 नम्बर के साथ जोड़ा गया है। अन्य राज्यों को भी विशेष हेल्पलाइन शुरू करने की सलाह दी गई है। दिल्ली पुलिस समेत विभिन्न महानगरीय पुलिस को अपने बल में पूर्वोत्तर के लोगों को नियुक्त करने और उन्हें संवेदनशील इलाकों में अच्छे पद पर नियुक्त करने की सलाह दी गई है। क्षेत्रीय स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी के रूप में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की सिफारिश भी की गई है। केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कुछ सुझाव मानव संसाधन मंत्रालय से संबंधित हैं और इस संदर्भ में कई उपाय पहले से किये जा चुके हैं। ये उपाय हैं लोगों को पूर्वोत्तर के बारे में शिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों को पूर्वोत्तर का इतिहास और देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भागीदारी को स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाने की सलाह दी गई है। इस मामले में पाठ्यक्रम में बदलाव की भी सलाह दी गई है। प्रारंभिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा के संदर्भ में एनसीईआरटी को भी इस तरह के कदम उठाने की सलाह दी गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा सत्र 2014-15 से एक विशेष छात्रवृत्ति स्कीम 'ईशान उदय' शुरू की गई है, जिसके तहत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रहे 10,000 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी। छात्रवृत्ति की राशि साढ़े तीन हजार रूपये से लेकर पांच हजार रूपये प्रति माह होगी। 'ईशान विकास' स्कीम के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के स्कूलों और कॉलेजों से चयनित छात्रों को इंटर्नशिप/एक्सपोजर के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) और अन्य प्रौद्योगिकी संस्थानों में भेजा जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र और देश के शेष भागों के लोगों के बीच दूरी को पाटने के लिए संस्कृति, पर्यटन, सूचना और प्रसारण मंत्रालयों ने कई कार्यक्रमों को लागू करने की योजना बनाई है। ये हैं लोगों को पूर्वोत्तर राज्यों की उच्च सांस्कृतिक विरासत के बारे में शिक्षित करने और राष्ट्रीय स्तर पर इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए एक कार्य योजना। संस्कृति, फिल्म, खाद्य सामग्री, खेल आदि को प्रदर्शित करने के लिए नई दिल्ली में हर वर्ष पूर्वोत्तर फिल्म समारोह और पूर्वोत्तर उत्सव मनाना। इनके अलावा खेल मंत्रालय ने भी विशेष कदम उठाए हैं राज्य सरकारों की मदद से खेल मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रतिभावान खिलाडियों को चिहिन्त करेगा, ताकि उन्हें प्रतिष्ठित खेल प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षित किया जा सके। खेल मंत्रालय पूर्वोत्तर राज्यों में खेल प्रतिस्पर्धा आयोजित करने का प्रयास कर रहा है। मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रूपये का प्रावधान। राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, जो क्षेत्र के विकास के लिए नोडल एजेंसी है, ने भी निम्न कदम उठाए हैं मंत्रालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली के चार कॉलेजों में छात्रावासों के निर्माण के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है। दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र के पेशेवरों, विद्यार्थियों और सेवारत लोगों द्वारा आवास तथा उच्च किराये की समस्या को निपटाने के लिए भी मंत्रालय प्रभावी उपाय तलाश रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई लोग कम वेतन और वेतन का भुगतान न होने की समस्या से जूझ रहे हैं। मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को इस समस्या का समाधान ढूंढने की सलाह दी है। |
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