(04/01/2015) 
सोशल मीडिया में मेक इन इंडिया की धूम, 200 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने दिखायी रूचि
औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग द्वारा चलाया जा रहा मेक इन इंडिया अभियान अब तक का सबसे बड़ा और सर्वाधिक तेजी से फैलता सरकारी पहल बन गया है। डिजिटल पर मेक इन इंडिया ने अन्य सरकारी विभागों जैस- विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पीछे छोड़ दिया है।

मात्र तीन माह पहले शुरू हुए इस डिजिटल मंच को जोरदार लोकप्रियता मिल रही है। सोशल मीडिया में अब तक 200 से भी ज्यादा लोगों ने विश्व स्तर पर इसमें रूचि दिखायी है। फेसबुक पेज पर भी मेक इन इंडिया के फैन्स का आधार 30 लाख हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक मेक इन इंडिया फेसबुक पेज पर हर तीन सेकेंड में एक नया सदस्य जुड़ रहा है जो एक बड़ी उपलब्धि है और किसी भी दूसरे सरकारी विभाग को यह उपलब्धि नहीं प्राप्त हुई है। केवल निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियों से इसकी तुलना की जा सकती है। ट्विटर पर मेक इन इंडिया को 90 दिनों में 2.63 लाख फालोवर बन चुके हैं। लांच के साथ ही पहले दिन से मेक इन इंडिया पहल की धूम है और यू-ट्यूब पर भी 5.7 लाख लोग इसे देख चुके हैं। न केवल सोशल नेटवर्क बल्कि इसके बेवसाईट (www.makeinindia.com ) को भी लोगों ने बेहद पंसद किया है और पूरे विश्व में अब तक 17 लाख लोग 55 लाख बार इसके पृष्ठों को देख चुके हैं। 

इस मंच पर नवीन प्रयोग करते हुए (किसी भी सरकारी विभाग द्वारा पहली बार) 
मेक इन इंडिया ने भारत में व्यापार की राह को आसान करना विषय पर ट्विटर पर एक सीधा प्रश्नोत्तर सत्र का भी आयोजन किया। एक घंटे के इस सत्र के दौरान औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के सचिव श्री अमिताभ कांत ने पूरे विश्व से उपयोगकर्ताओं द्वारा पूछे गये 150 प्रश्नों के उत्तर दिये। 

मेक इन इंडिया, जो भारत में विनिवेश और विनिर्माण के लिए व्यापार को आकर्षित करने पर जोर देता है, का उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाते हुए देश में आर्थिक परिवर्तन लाना है। इस उद्देश्य के लिए डिजीटल माध्यमों का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। मेक इन इंडिया के तहत 25 से भी ज्यादा क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और तेजी से बढ़ते डिजीटल मंच की बदौलत आने वाले समय में इस पहल का भी कई गुना विस्तार होगा। 
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