(07/01/2015) 
'कोयला एवं बिजली जैसे बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों की वृद्धि दर पिछले कुछ महीनों से दहाई अंकों में, विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन अब भी निराशाजनक' -वित्त मंत्री
केन्‍द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कोयला, बिजली और सीमेंट जैसे बुनियादी ढांचागत क्षेत्र पिछले कुछ महीनों से दहाई अंकों वाली वृद्धि दर हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं, जबकि विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन अब भी निराशाजनक है। उन्‍होंने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को पटरी पर लाना एवं इसका विस्‍तारीकरण तथा विविधीकरण हमारे आर्थिक प्रबंधन की एक प्रमुख चुनौती है।

जेटली ने आज यहां व्‍यापार एवं उद्योग जगत के प्रति‍निधियों के साथ बजट पूर्व सलाहकार बैठक के दौरान ये बातें कहीं। उन्‍होंने कहा कि हमें अभी भी लम्‍बा सफर तय करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि कारोबार करने में आसानी सुनिश्चित करना सरकार की उच्‍च प्राथमिकता है। उन्‍होंने कहा कि कारोबार करने में आसानी से जुड़े इन्‍डेक्‍स में भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए प्रधानमंत्री द्वारा सौंपे गये जिम्‍मे पर हम काम कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर अमल से कर प्रशासन बेहतर होने की आशा है और इसके साथ ही यह प्रणाली में ज्‍यादा पारदर्शिता लायेगा तथा वस्‍तुओं का सुगम प्रवाह सुनिश्चित करेगा। यह कर संग्रह बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने कोयला एवं बीमा क्षेत्र में जो सुधार लागू किये हैं और भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन किये हैं उससे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रदर्शन निश्चित रूप से बेहतर होगा।

इस बैठक में वित्त राज्‍य मंत्री जयंत सिन्‍हा, वित्त सचिव राजीव महर्षि, राजस्‍व सचिव शक्तिकांत दास, सचिव (डीएफएस) डॉ. हसमुख अधिया, विनिवेश सचिव ए. जोहरी, वाणिज्‍य विभाग में सचिव राजीव खेर, सीबीडीटी की अध्‍यक्ष अनिता कपूर, सीबीईसी के चेयरमैन कौशल श्रीवास्‍तव और डीआईपीपी की मुख्‍य सलाहकार अदिति एस. राय ने भी शिरकत की। वहीं, दूसरी ओर उद्योग एवं व्‍यापार जगत के अनेक प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में हिस्‍सा लिया। सीआईआई के अध्‍यक्ष अजय श्रीराम, एसोचैम के अध्‍यक्ष राणा कपूर, फिक्‍की की अध्‍यक्ष डॉ. ज्‍योत्‍सना सूरी, भारतीय सूक्ष्‍म, लघु एवं मझौले उद्यम संघ के अध्‍यक्ष डी. गांधी कुमार, भारतीय महिला उद्यमी संघ की अध्‍यक्ष रजनी अग्रवाल और फियो के अध्‍यक्ष एम. रफीक अहमद भी इन प्रतिनिधियों में शामिल हैं।

व्‍यापार एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए बजट प्रस्‍ताव तैयार किये जाने के मद्देनजर केन्‍द्रीय वित्त मंत्री के विचारार्थ विभिन्‍न सुझाव पेश किये। सरकारी खजाने की हालत दुरुस्‍त करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाना, घरेलू एवं विदेशी दोनों ही निवेश को प्रोत्‍साहित करना, महंगाई को काबू में रखना, रोजगारों का सृजन करना, बड़ी संख्‍या में काबिल लोगों को तैयार करना और कारोबार करने में आसानी सुनिश्चित करना इन सुझावों में शामिल हैं।
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