(26/02/2015) 
दास्तान ए दरबन झील
उत्तर प्रदेश के मानचित्र में स्थित दरबन झील को पक्षी बिहार बनाने का सपना आज भी सपना ही बना हुआ है। अम्बेडकरनगर जिले के कटेहरी विकास खण्ड क्षेत्र में स्थित यह झील भारत की प्रमुख झीलों में शुमार है। दरबन झील को पक्षी बिहार बनाने के सम्बन्ध में कई बार आवाजें उठीं, यहाँ तक पिछली बसपा सरकार ने तैयारी भी की थी

पक्षी बिहार के बजाए अवैध शराब उत्पादन का केन्द्र बनी अम्बेडकरनगर की दरबन झील

लेकिन तब तक प्रदेश की सत्ता परिवर्तित हो गई परिणामतः यह योजना ठण्डे बस्ते में चली गई। अम्बेडकरनगर जनपद में तीन-तीन प्रभावशाली मंत्री और सभीं पाँचो विधान सभाओं पर सपा का कब्जा है बावजूद इसकेे दरबन झील की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष जाडे़ के मौसम में साइबेरिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, चेचेन्या आदि दूर देशों से चल कर हजारों की संख्या में पक्षी मेहमान इस झील को अपना आशियाना बनाकर यहाँ जाडे़ भर प्रवास करते हैं और मौसम बदलने पर अपने वतन को वापस लौट जाते हैं। इन मेहमान पक्षियों की हिफाजत की कोई व्यवस्था न होने के कारण ये मेहमान पक्षी जहाँ चहचहाते हुए आकर इस झील को शोभायमान करते हैं, वहीं इनमें से कुछ तो अराजक शिकारियों के हाथों मौत के घाट भी उतार दिये जाते हैं। दरबन झील मछली, कमल का फूल, भषीण आदि तमाम प्राकृतिक सम्पदा से परिपूर्ण होने के कारण इसके कब्जे व दबदबे को लेकर कई गुटों में संघर्ष भी होता रहता है। यही नहीं अम्बेडकरनगर जिले में अवैध शराब कारोबारियों के लिए सबसे उपयुक्त जगह दरबन झील का कछार है। यहाँ हमेशा शराब की भट्ठियाँ दहकती रहती हैं। झील से सम्बद्ध नाले की सफाई न होने के कारण बरसात के दिनों मे ये झील रौद्र रूप धारण कर कई गावों व घरों को अपने आगोश में ले लेती है, जिससे जानमाल सहित बड़ी तादात में फसलों को भी नुकसान पहुंचता है और किसानों को अपूर्णनीय क्षति होती है। बसपा सरकार में दरबन झील को पक्षी बिहार बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रयास किया गया था, लेकिन सपा सरकार आने के बाद माननीयों द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया गया, किया कुछ भी नहीं गया। पहले भी दरबन झील को पक्षी बिहार बनाने की मांग कई बार उठी लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। आलम यह है कि दरबन झील के अगल-बगल किनारे वाले स्थानों (कछार) पर देशी शराब की भट्ठियाँ दहकती रहती हैं। अवैध रूप से मछली एवं पक्षियों का शिकार किया जाता है, इसके अलावा अन्य प्रकार के जरायम से जुड़े लोगों के लिए भी यह झील काफी मुफीद जगह साबित हो रही है। भूमाफियाओं, अवैध कब्जेदारों द्वारा दबंगई के बल बूते पर इस झील का अतिक्रमण भी किया जा रहा है। 

अचानक आई 'छींक' ने चोर को पकड़ाया
अम्बेडकरनगर। रीता विश्वकर्मा। वह पकड़ा न जाता और अपने मंसूबे में कामयाब हो जाता अगर उसे छींक न आई होती। क्या करे छींक मानव शरीर की एक ऐसी अनैक्षिक क्रिया है, जो कब आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इस तरह की क्रियाओं पर मानवीय नियंत्रण नहीं होता है। यदि किसी ने जबरिया नियंत्रित करने की कोशिश किया भी तो उसके शरीर का सम्पूर्ण विज्ञान गड़बड़ा सकता है। इसी तरह अनैक्षिक क्रिया छींक की एक घटना हुई, जिसमें एक शातिर चोर पकड़ा गया, और उसके मंसूबे पर पानी फिर गया। विवरण अनुसार अम्बेडकरनगर जिले के मालीपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत गाँव मंसूरपुर में बारात की रवानगी की तैयारी में लगे परिवार के पुरूष, महिलाओं की व्यवस्था को धता बताते हुए घर में घुसा चोर चढ़ावे के जेवरातों पर हाथ साफ कर बेड के नीचे छुप गया ताकि मौका मिलते ही भाग निकले, किन्तु उसकी एक छींक ने जहां उसके अरमानों पर पानी फेेर दिया वहीं चढ़ावे के जेवरात के बच जाने से बारात मालिक की इज्जत भी बच गयी। उक्त गाँव निवासी कृष्ण कुमार सिंह के भतीजे नीरज की बारात बीते बुधवार को सुल्तानपुर जनपद के लम्भुआ क्षेत्र मंे जानी थी। शादी की तैयारी में परिजन व नाते रिश्तेदार सब जुटे थे। इसी भीड़-भाड़ और मांगलिक कार्यक्रमों में व्यस्तता का लाभ उठाते हुए एक अज्ञात व्यक्ति मेहमान बनकर घर में घुस गया और कमरे में पहुंचकर आभूषणों को अपने पैन्ट की पाकेट में रखकर कमरे में रखे बेड के नीचे छुपकर निकल भागने के लिए मौके का इन्तजार करने लगा, किन्तु दुर्भाग्य बस उसे अचानक छींक आ गई। एकाएक आयी एक छींक ने उसकी पोल खोल दिया। घर में मौजूद महिला-पुरूष द्वारा उसे पकड़ लिया गया और जमकर धुनाई के उपरान्त पुलिस के हवाले कर दिया गया। 
(रीता विश्वकर्मा)
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